मात्र 295 रुपए में शुरू हुई थी ब्रिटानिया आज 1.21 लाख करोड़ का कारोबार, वर्ल्ड वॉर ने बदल दी किस्मत
ब्रिटानिया का नाम सभी ने सुना होगा. यह भारत की पहली बिस्किट बनाने वाली कंपनी है. इस कंपनी की शुरुआत अग्रेजों के जमाने में हुई थी. मात्र 295 रुपये के निवेश से शुरू ये कंपनी आज लाखों और करोड़ों की बन गई है. आइए बताते हैं इसकी पूरी कहानी.

Britannia Industries Story: एक कंपनी है जो सैकड़ों सालों से भारत सहित कई दूसरे देश के लोगों के जुबान पर खट्टे-मीठे स्वाद के बहाने अपनी पहचान बनाई हुई है. एक कंपनी जो तबीयत खराब होने से लेकर मिजाज लल्लनटॉप होने तक, हर स्थिति में आपका साथ देती आई है. वो कंपनी जो ग्राहक के जेब में रखे सिक्कों की खनक से लेकर नोटों की गड्डी तक, सभी स्थिति में चेहरे पर खुशी लाती रही है. हम सभी ने उसके प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल किया है लेकिन हमने उसकी कहानी कभी भी जाननी नहीं चाही.
वह कंपनी है Britannia. भारत की पहली बिस्किट कंपनी. मैरी गोल्ड से लेकर गुड-डे तक, सभी का स्वाद हमने चखा है. लेकिन क्या आपको इसके बनने की कहानी मालूम है. आज हम आपको वहीं बताने आए हैं कि कैसे अंग्रेजों के समय में मात्र 295 रुपये के निवेश से शुरू हुई एक कंपनी आज भारत की बड़ी कंपनियों में से एक बन गई. जिसका मार्केट कैप आज 1.21 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया है.
चर्चा में क्यों है ब्रिटानिया?
इनशॉर्ट हम बताएंगे कि ब्रिटानिया आखिर फर्श से अर्श तक कैसे पहुंची. लेकिन इससे पहले आपको बता दें कि कंपनी ने हाल ही अपने दृष्टिहीन लोगों के लिए एक मजेदार एप्लीकेशन को लॉन्च किया है. कंपनी ने वर्टेक्स एआई मल्टी मॉडल ब्रिटानिया ए-आई लॉन्च किया है. इसके जरिये स्मार्टफोन के कैमरे से स्कैन कर किसी (फिलहाल ब्रिटानिया प्रोडक्ट्स) प्रोडक्ट्स की जानकारी ऑडियो से मिल सकती है. अब चलिए इसकी कहानी बताते हैं.
कैसे हुई शुरुआत?
कंपनी की शुरुआत ब्रिटिश बिजनेसमैन के ग्रुप ने साल 1892 में कलकत्ता में की थी. इसकी शुरुआत मात्र 295 रुपये के साथ हुई थी. शुरू में सेंट्रल कलकत्ता के एक छोटे से घर में बिस्किट को बनाया जाता था. कुछ साल इस एंटरप्राइज को गुप्ता ब्रदर्श ने खरीद लिया जिसमें नलिन चंद्र गुप्ता प्रमुख थे. इस वेंचर को वह वीएस ब्रदर्स के नाम से चलाते लगे. समय के साथ कंपनी ने बिस्किट बनाने के तरीके में तब्दीली की.
1910 में ब्रिटानिया ने इलेक्ट्रिसिटी की मदद से मशीन से बिस्किट बनाना शुरू कर दिया. समय बीतता गया और ब्रिटानिया का स्वाद सौ, हजार और लाखों के लोगों तक पहुंचता गया. 1918 में कंपनी को बड़े स्तर पर ले जाने के लिए गुप्ता ब्रदर्श ने इंग्लिश बिजनेसमैन सुयश चार्ल्स को साथ और फिर कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा. उसी साल कंपनी से पार्टनर के तौर पर एक इंग्लिश बिजनेसमैन सीएच होम्स जुड़ें और ब्रिटानिया बिस्टिक लिमिटेड (BBCo) को लॉन्च किया. धीरे-धीरे कंपनी ने अपनी सेटअप और प्रोडक्शन को बढ़ाने लगा.
वर्ल्ड वॉर 2 में मिली खूब मजबूती
दूसरे विश्व युद्ध के दौरान ब्रिटानिया की मांग में काफी बढ़ोतरी हुई थी. उसके बाद कंपनी की बिक्री में भी काफी तेजी आई थी. उस दौरान ब्रिटानिया को भारत के मित्र देशों से फौज को सप्लाई करने के लिए उस वक्त का सबसे बड़ा ऑर्डर मिला था. इस ऑर्डर के बाद कंपनी की बिक्री 8 फीसदी बढ़कर 1.36 करोड़ रुपये पर पहुंच गई थी. कुछ समय के बाद कंपनी ने कई नए प्रोडक्ट्स को लॉन्च किया था.
फिर आता है 1955 का साल जब ब्रिटानिया ने बरबन बिस्किट को लॉन्च किया. ऐसी बिस्किट जिसे आज भी लोग बड़े चाव से खाते हैं. 1963 में ब्रिटानिया केक ने मार्केट में एंट्री की और देखते ही देखते बाजार में छा गया. 3 अक्टूबर 1979 को कंपनी का नाम ब्रिटानिया बिस्किट कंपनी लिमिटेड से बदलकर ब्रिटानिया इंडस्ट्रीज लिमिटेड हो गया.
फोर्ब्स ग्लोबल में हुई शामिल
1982 में एक अमेरिकी कंपनी नेबिस्को ब्रांड्स इंक ने पीक फ्रेन्स से हिस्सेदारी खरीद ली और ब्रिटानिया में बहुलांश हिस्से धारक बन गई. 1986 में कंपनी ने पॉपुलर गुड डे ब्रांड को लॉन्च किया. उसके बाद 1993 में लिटिल हर्ट्स और 50-50 को लॉन्च किया और यह कारवां चलता गया. साल 200 में ब्रिटानिया फोर्ब्स ग्लोबल की 300 स्मॉल कंपनियों की लिस्ट में शामिल हुई और 2004 में कंपनी को सुपरब्रांड का दर्जा मिला.
ब्रिटानिया का बिजनेस
मौजूदा समय में कंपनी के प्रोडक्ट्स 60 से अधिक देशों में उपलब्ध है. कंपनी के प्रोडक्ट्स नॉर्थ अमेरिका, यूरोप, अफ्रीका और साउथ ईस्ट एशिया में एक्सपोर्ट होता है. इससे इतर, ब्रिटानिया ने 1997 में डेयरी बिजनेस में भी एंट्री की थी जिसका कंपनी के कुल रेवेन्यू में 5 फीसदी की हिस्सेदारी है. भारत में ब्रिटानिया के 50 लाख से अधिक रिटेल आउटलेट्स हैं. वहीं ऑर्गेनाइज्ड ब्रेड मार्केट में ब्रिटानिया सबसे बड़ा ब्रांड है. भारत में कंपनी की 13 फैक्ट्री है.
शेयर मार्केट में कैसा है प्रदर्शन?
मौजूदा समय में कंपनी का मार्केट कैप 1,21,033 करोड़ रुपये है. वहीं शेयरों की बात करें तो सोमवार, 7 अप्रैल को कंपनी के शेयर 5,055.85 रुपये पर कारोबार करते हुए बंद हुए. एक दिन में कंपनी के निवेशकों को 0.65 फीसदी का फायदा हुआ है. वहीं पिछले एक महीने में कंपनी ने अपने निवेशकों को 6.55 फीसदी का पॉजिटिव रिटर्न दिया है. यानी इस दौरान निवेशकों को प्रति शेयर 311 रुपये का फायदा हुआ. वहीं पिछले 5 साल में कंपनी ने तकरीबन 91 फीसदी का रिटर्न दिया है. यानी प्रति शेयर तकरीबन 2,419.85 रुपये.
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