Budget 2025: इन 5 आंकड़ों से पता चलेगी इकोनॉमी की सेहत, जानें वित्त मंत्री के पास कितनी है गुंजाइश

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को अपना 8वां बजट पेश करेंगी, इस बजट में इनकम टैक्स स्लैब में संभावित बदलाव से मध्यम वर्ग को राहत मिल सकती है. बजट में बाजार की फिस्लकल डेफिसिट, कैपेक्स, कर्ज समेत इन बड़े आंकड़ों पर नजर रहेगी.

बजट 2025: बाजार की इन आंकड़ों पर रहेगी नजर Image Credit: PTI

Budget 2025: 1 फरवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अपना लगातार 8वां बजट पेश करेंगी और सभी की निगाहें इनकम टैक्स स्लैब पर होगी जिसमें अगर बदलाव होते हैं तो मिडिल क्लास को बड़ी राहत मिलेगी. सीतारमण ने 2019 में अपना पहला बजट पेश करते हुए बजट दस्तावेजों को ले जाने के लिए दशकों से इस्तेमाल किए जा रहे चमड़े के ब्रीफकेस को लाल कपड़े में लिपटे पारंपरिक ‘बही-खाता’ से बदल दिया था. इस साल का बजट पिछले तीन सालों की तरह पेपरलेस होगा.

वित्त वर्ष 2025-26 के आम बजट से जुड़े बड़े आंकड़े:

राजकोषीय घाटा: चालू वित्त वर्ष (अप्रैल 2024 से मार्च 2025) के बजट में राजकोषीय घाटा या फिस्कल डेफिसिट जीडीपी का 4.9 प्रतिशत अनुमानित है. वित्त वर्ष 2025-26 के बजट में घाटे के आंकड़ों पर बाजार की पैनी नजर रहेगी. सरकार को राजकोषीय घाटा तब होता है जब सरकार का खर्च, उसकी आय से ज्यादा हो जाता है.

पूंजीगत व्यय: चालू वित्त वर्ष के लिए सरकार का नियोजित पूंजीगत व्यय या कैपेक्स 11.1 लाख करोड़ रुपये है. हालांकि, लोकसभा चुनावों के कारण पहले चार महीनों में सरकारी खर्च धीमा रहा, जिससे पूंजीगत व्यय चक्र में देरी हुई और चालू वित्त वर्ष के लिए अंतिम आंकड़े कम रहने की उम्मीद है. वित्त वर्ष 2025-26 के बजट में भी पूंजीगत व्यय की रफ्तार जारी रहने की उम्मीद है.

कैपेक्स यानी कैपिटल एक्सपेंडिचर. इसका मतलब है कि सरकार का ऐसा खर्च जिससे इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास होता है.

कर्ज की स्थिति: वित्त मंत्री ने अपने 2024-25 के बजट भाषण में कहा था कि 2026-27 से आगे राजकोषीय घाटे को जीडीपी के प्रतिशत के रूप में लगातार कम किया जाएगा. साल 2024 में सामान्य सरकारी कर्ज-जीडीपी अनुपात 85 प्रतिशत था, यानी कर्ज जीडीपी के 85 फीसदी के बराबर हो गया था जिसमें केंद्र सरकार का कर्ज 57 प्रतिशत है.

उधार: वित्त वर्ष 2024-25 में सरकार का सकल उधार बजट 14.01 लाख करोड़ रुपये था. सरकार अपने राजकोषीय घाटे की भरपाई करने के लिए बाजार से उधार लेती है. उधारी संख्या पर बाजार की नजर रहेगी.

टैक्स रेवेन्यू: 2024-25 के बजट में ग्रॉस टैक्स रेवेन्यू 38.40 लाख करोड़ रुपये आंका गया था, जो वित्त वर्ष 2023-24 की तुलना में 11.72 प्रतिशत अधिक है. इसमें डायरेक्ट टैक्स से 22.07 लाख करोड़ रुपये और इनडायरेक्ट टैक्स से 16.33 लाख करोड़ रुपये का रेवेन्यू शामिल हैं.

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GST: 2024-25 में जीएसटी कलेक्शन 11 प्रतिशत बढ़कर 10.62 लाख करोड़ रुपये होने का अनुमान है. वित्त वर्ष 2025-26 के जीएसटी रेवेन्यू अनुमानों पर नजर रखी जाएगी, क्योंकि चालू वित्त वर्ष में पिछले तीन महीनों में रेवेन्यू वृद्धि धीमी रही है.

नॉमिनल जीडीपी: वित्त वर्ष 2024-25 में भारत की चालू कीमतों पर जीडीपी वृद्धि (रियल जीडीपी और महंगाई मिलाकर) 10.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है, जबकि रियल जीडीपी वृद्धि 6.4 प्रतिशत रह सकती है.

इसके अलावा सरकार को आरबीआई और वित्तीय संस्थानों और सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों से मिलने वाले डिविडेंड और डिसइंवेस्टमेंट से होने वाली आय पर भी बाजार की नजर रहेगी.