Budget 2025: टैक्स से लेकर नौकरी, बजट से पहले निर्मला सीतारण की बैठकें पूरी; क्या हैं उम्मीदें

Budget 2025 भारत के आर्थिक दृष्टिकोण को मजबूत करने का एक अवसर है. निवेश, रोजगार, और खपत में वृद्धि के लिए विभिन्न वर्गों ने सुधारों और नीतिगत पहलों के सुझाव दिए हैं. टैक्स में राहत सबसे बड़ी मांग है.

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट को लेकर की बैठक Image Credit: PTI

वित्त मंत्रालय ने सोमवार, 6 जनवरी को कई स्टेकहोल्डर्स के साथ बजट से पहले चर्चा के नौ चरण पूरे किए है. इन चर्चाओं में खपत और रोजगार वृद्धि, टैक्स रियायतें (व्यक्तिगत से लेकर MSMEs तक), और व्यापक सुधारों को लेकर सुझाव दिए गए हैं. यह बजट महत्वपूर्ण है क्योंकि यह दूसरी तिमाही में अपेक्षा से कम आर्थिक वृद्धि और दुनिया में जारी अनिश्चितताओं के बीच पेश किया जाएगा.  

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण जिन अर्थशास्त्रियों, व्यवसायियों, व्यापारियों और किसानों से मिली उन्होंने निवेश, महंगाई, और इंफ्रास्ट्रक्चर से जुड़े मुद्दे उठाए हैं. ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में सुधार की मांग की गई है.  

मैन्युफैक्चरिंग पॉलिसी को लेकर चर्चा की गई जो आर्थिक वृद्धि और रोजगार के लिए महत्वपूर्ण है. स्थानीय स्तर पर कोल्ड स्टोरेज सुविधाएं विकसित करने के सुझाव दिए गए ताकि खाद्य महंगाई नियंत्रित हो सके.  

टैक्स में राहत की मांग

टैक्स को लेकर राहत की मांग जोरों पर है. औद्योगिक और आर्थिक विशेषज्ञों ने मांग बढ़ाने और लोगों की खरीदने की क्षमता बढ़ाने के लिए टैक्स छूट की वकालत की है. इसके अलावा क्षेत्रीय विश्वविद्यालय और MSME टाउनशिप जैसी स्किलिंग पहल को बढ़ावा देने के सुझाव हैं.  

भारतीय उद्योग परिसंघ यानी CII ने, ₹20 लाख तक की इनकम पर कर छूट का प्रस्ताव दिया है, पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क कम करने का सुझाव दिया गया है ताकि उपभोक्ताओं और व्यवसायों का वित्तीय बोझ घटे.  

निर्यात को बढ़ावा: ₹750 करोड़ का US-फोकस्ड मार्केटिंग स्कीम का सुझाव दिया गया, जो अगले तीन सालों में $25 अरब का अतिरिक्त निर्यात उत्पन्न कर सकता है. MSME यूनिट के लिए टैक्स राहत की मांग पर भी जोर दिया गया है.

कृषि क्षेत्र: किसानों ने PM-Kisan योजना के तहत आय सहायता को दोगुना करके ₹12,000 करने और इनपुट लागत घटाने की मांग की है. कृषि इनपुट जैसे बीज, खाद, और कीटनाशकों पर GST हटाने का अनुरोध किया गया है.  

स्वास्थ्य और शिक्षा क्षेत्र: राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP 2020), शिक्षकों के प्रशिक्षण पर ध्यान केंद्रित, स्वास्थ्य क्षेत्र ने कैंसर देखभाल उपकरण और स्वास्थ्य बजट बढ़ाने की मांग की है.  

इसके अलावा गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFCs) के लिए बड़े सुधारों की मांग की गई है.