Budget 2025: क्या ओल्ड टैक्स रिजीम को खत्म करने की तैयारी में है सरकार! नई टैक्स व्यवस्था पर हुई मेहरबान
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी को संसद में बजट 2025 पेश कर दिया है. इस दौरान उन्होंने कई अहम घोषणाओं के साथ नई टैक्स रिजीम के तहत बड़ी राहत दी है. इसमें 12 लाख रुपये तक की इनकम को टैक्स फ्री करने का ऐलान किया है, लेकिन ओल्ड टैक्स रिजीम में किसी तरह का बदलाव नहीं किया गया है.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2025-26 के लिए आम बजट 1 फरवरी को पेश कर दिया है. मिडिल क्लास उनसे पहले से ही राहत की आस लगाये हुए था. वित्त मंत्री ने भी उन्हें निराश न करते हुए इनकम टैक्स को लेकर बड़ा ऐलान किया. उन्होंने नए टैक्स रिजीम में 12 लाख तक की इनकम पर कोई टैक्स न लगाए जाने का ऐलान किया. इस घोषणा से आम आदमी को बड़ी राहत मिली है, लेकिन इस व्यवस्था का लाभ महज नई टैक्स रिजीम वालों को ही मिलेगा. ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर ओल्ड टैक्स रिजीम यानी पुरानी कर व्यवस्था को चुनने वालों का क्या होगा. क्या सरकार इस व्यवस्था को खत्म कर देगी? अभी तक इसकी क्या व्यवस्था है, इन्हीं सबके बारे में आपको बताएंगे.
2020 में लागू हुई थी नई टैक्स रिजीम
सरकार ने नई टैक्स व्यवस्था को बढ़ावा देने और पुरानी टैक्स व्यवस्था को धीरे-धीरे खत्म करने के लिए साल 2020 से पहल शुरू कर दी. इसी साल एक अप्रैल को नई टैक्स रिजीम लागू हुई थी. 2023 तक यह डिफ़ॉल्ट विकल्प के तौर पर पेश किया गया, हालांकि टैक्सपेयर्स अभी भी पुरानी व्यवस्था का विकल्प चुन सकते हैं. चूंकि नई टैक्स रिजीम के मुकाबले ओल्ड टैक्स रिजीम में कई तरह की छूट मिलती है, जिसके चलते करदाता इसे अपनाना ज्यादा फायदेमंद मानते हैं. मगर 2025 के बजट में वित्त मंत्री के नए ऐलान से नई टैक्स रिजीम को आकर्षक बना दिया है.
ओल्ड टैक्स रिजीम वालों के खाली रहे हाथ
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के बजट 2025 में नई टैक्स रिजीम के लिए दी गई बड़ी राहत ने पुरानी कर व्यवस्था को धीरे-धीरे खत्म करने की अटकलों को तेज कर दिया है. हालांकि अभी इस बारे में कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है, लेकिन इस साल के बजट में ओल्ड टैक्स रिजीम वालों को कोई अतिरिक्त राहत नहीं दी गई है. इस सिलसिले में कोई घोषणा न होने से इस व्यस्था के तहत आयकर दाखिल करने वालों के हाथ खाली रहेंगे.
ओल्ड टैक्स स्लैब
- पुरानी कर व्यवस्था के तहत, 2,50,000 रुपये तक की वार्षिक आय पर कोई आयकर नहीं है.
- 2,50,001 रुपये से लेकर 5,00,000 रुपये के बीच 5% कर लागू है.
- 5,00,001 रुपये से लेकर 10,00,000 रुपये के बीच 20% कर लगाया जाता है.
- 10,00,000 रुपये से अधिक यानी 10,00,001 रुपये और उससे अधिक पर 30% कर लगाया जाता है.
पुरानी टैक्स व्यवस्था के फायदे
पुरानी टैक्स व्यवस्था में ₹5 लाख तक कोई टैक्स नहीं लगता है. पुरानी कर व्यवस्था में निवेशकों को PPF, NSC और SSY जैसी योजनाओं में निवेश के लिए ₹1.5 लाख तक की कटौती की अनुमति मिलती है. इस व्यवस्था में HRA, LTA समेत 70 से अधिक सेक्शन के तहत आप टैक्स छूट ले सकते हैं जिससे आपको कम टैक्स देना पड़ता है. इसमें सबसे लोकप्रिय है सेक्शन 80 सी के तहत टैक्स छूट, जिसमें सीधे आपको डेढ़ लाख रुपए का टैक्स डिडक्शन मिलता है. इसके अलावा आप होम लोन, हेल्थ इंश्योरेंस और एनपीएस के तहत अपना टैक्स बचा सकते हैं.