Budget 2025: मोदी तक पहुंची इनकम टैक्स में राहत की बात, मिडिल क्लास परेशान, ग्रोथ पर भी संकट
बजट पेश होने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने टॉप इंडस्ट्री एक्सपर्ट के साथ बैठक की है. बैठक का विषय "वैश्विक अनिश्चितता के समय भारत की विकास गति बनाए रखना" था. इस दौरान दो बड़ी समस्याओं पर बात हुई और एक्सपर्ट ने इससे जुड़े चार समाधान भी बताए.
बजट 2025, 1 फरवरी को पेश होगा इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कई अर्थशास्त्रियों और इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स से मुलाकात की है. देश में महंगाई तेजी और विकास दर धीमि गति से आगे बढ़ रही है. कमजोर मांग इसके पीछे बड़ा कारण है. ऐसे में जाने मानें अर्थशास्त्रियों ने मोदी के सामने समस्याएं तो गिनाई है साथ ही उनके समाधान भी बताए. इसमें आम आदमी पर इनकम टैक्स बोझ को कम करने को लेकर बात कही गई है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बजट से पहले हुई बैठक में, विशेषज्ञों ने स्किल डेवलपमेंट, कृषि उत्पादकता में सुधार और पूंजीगत व्यय जैसे विषयों पर जोर दिया.
बजट 2025: कमजोर खपत और महंगाई की चिंता
बजट 2025 से पहले भारत में कमजोर घरेलू खपत और बढ़ती महंगाई प्रमुख चिंता है. भारत की अर्थव्यवस्था हाल ही के सालों में सबसे धीमी गति से बढ़ी है. सितंबर तक तीन महीनों में GDP सिर्फ 5.4% बढ़ी, जो दो साल में सबसे कम है. यह आंकड़ा केंद्रीय बैंक के अनुमान 7% से काफी कम है.
उधर, बढ़ती महंगाई ने घरेलू बजट पर दबाव डाला है, जिससे लोगों की बचत और खर्च करने की क्षमता घट गई है. नवंबर में भारत की महंगाई दर RBI के 4% के टारगेट से काफी ऊपर रही. RBI ने चेतावनी दी है कि अगर महंगाई पर काबू नहीं पाया गया, तो यह इंडस्ट्री और एक्सपोर्ट पर बुरा असर डाल सकती है.
महंगाई और कमजोर मांग को लेकर क्या समाधान बताए गए?
- बैठक में एक्सपर्ट ने बताया कि कमजोर वर्गों के लिए मदद, डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर पर जोर होना चाहिए.
- ग्रामीण क्षेत्रों में सार्वजनिक व्यय में वृद्धि.
- गैर-कृषि क्षेत्रों में रोजगार सृजन के लिए प्रोत्साहन.
- निम्न आय वर्ग के लिए टैक्स में राहत, जिससे उनकी खर्च करने की क्षमता बढ़े.
‘विकसित भारत’ पर जोर
ईटी की रिपोर्ट के अनुसार, प्रधानमंत्री ने रोजगार सृजन को सरकार की नीतियों का मुख्य केंद्र बताया. उन्होंने बेहतर नीतिगत परिणामों के लिए डेटा की क्वालिटी सुधारने की जरूरत पर भी जोर दिया. रिपोर्ट के अनुसार, बैठक में मौजूद एक अर्थशास्त्री ने कहा, “उन्होंने (पीएम) सभी की बात बहुत ध्यान से सुनी है.”
सरकारी बयान में बाद में बताया गया कि मोदी ने ‘विकसित भारत’ पर जोर दिया है, जिसमें 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने के बारे में कहा गया है.
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“वैश्विक अनिश्चितता के समय भारत की विकास गति बनाए रखना”
पीएम के साथ हुई बैठक का विषय “वैश्विक अनिश्चितता के समय भारत की विकास गति बनाए रखना” पर आधारित था. बैठक में विशेषज्ञों ने वैश्विक आर्थिक चुनौतियों और भू-राजनीतिक तनावों का समाधान खोजने पर विचार साझा किए. उन्होंने युवाओं के लिए रोजगार के अवसर पैदा करने और शिक्षा और ट्रेनिंग को बदलते बाजार की जरूरतों के अनुरूप बनाने की रणनीतियां भी पेश की. बैठक में प्रमुख अर्थशास्त्री जैसे सुरजीत एस भल्ला, अशोक गुलाटी, सुदीप्तो मोंडल और अन्य शामिल हुए, जिन्होंने स्थायी विकास के लिए ठोस समाधान सुझाए.