Budget 2025: SME कंपिनयों को आसानी से मिले कर्ज, GST छूट की सीमा भी 1 करोड़ रुपये बढ़ाने की मांग

budget expectation for SME industry: एक फरवरी को पेश होने वाले आम बजट 2025 से लघु उद्योग को भी काफी उम्‍मीदें हैं. वो सरकार से कर्ज की प्रक्रिया को आसान बनाने से लेकर जीएसटी छूट को बढ़ाने समेत कई दूसरी चीजों की मांग कर रहे हैं.

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Budget 2025 for SME industry: 1 फरवरी को पेश होने वाले आम बजट 2025 पर हर किसी की नजर है. आम लोग जहां टैक्‍स में छूट समेत महंगाई से राहत दिए जाने के उपायों की उम्‍मीद कर रहे हैं, वहीं SME इंडस्‍ट्री से जुड़े लोग भी वित्‍त मंत्री निर्मला सीतारमण से राहत की आस लगाए हुए हैं. लघु उद्योग जो भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ है वो सरकार से इसे बढ़ावा देने के लिए कर्ज की उपलब्‍धता को सरल बनाने की मांग कर रहे हैं. इतना ही नहीं इंडस्‍ट्री से जुड़े जानकार GST छूट की सीमा को भी मौजूदा सीमा से बढ़ाकर 1 करोड़ रुपये बढ़ाने की मांग कर रहे हैं.

कर्ज की व्‍यवस्‍था को बनाएं आसान

भारतीय युवा शक्ति ट्रस्ट की संस्थापक और प्रबंध ट्रस्टी लक्ष्मी वेंकटरमन वेंकटेशन कहती हैं कि लघु उद्यमियों के लिए मुख्य चिंताओं में से एक है समय पर पर्याप्त ऋण तक पहुंच. आम तौर पर फिनटेक कंपनियां और एनबीएफसी कुछ दिनों में कर्ज को प्रोसेस करते हैं, लेकिन बैंक अभी भी 2-3 महीने का समय लेते हैं, जिससे देरी होती है. मुद्रा योजना के तहत वर्तमान ऋण आकार, विशेष रूप से छोटे श्रेणी में औसतन 37,000 रुपये है ये व्यवसायों को प्रभावी ढंग से विस्तारित करने और बनाए रखने के लिए अपर्याप्त है. ऋण राशि में वृद्धि की जानी चाहिए, साथ ही 4 प्रतिशत तक ब्याज छूट प्रदान करें, मार्जिन मनी आवश्यकताओं को 25 प्रतिशत से घटाकर 10 प्रतिशत करें और प्रोसेसिंग शुल्क कम किया जाए. इससे एसएमई व्यवसायों पर पड़ने वाले वित्तीय दबाव को कम करेगा. इसके अतिरिक्त, ऋण प्रोसेसिंग और ऋण गारंटी शुल्क को घटाकर 0.25 प्रतिशत किया जाना चाहिए.

जीएसटी में मिले छूट

लक्ष्मी वेंकटरमन वेंकटेशन ने यह भी कहा कि नियामक प्रक्रियाओं को सरल बनाने के लिए लघु उद्यमों पर निमयों को आसान बनाना चाहिए. जीएसटी छूट की सीमा 40 लाख रुपये (माल) और 20 लाख रुपये (सेवाओं) से बढ़ाकर 1 करोड़ रुपये की जानी चाहिए. वर्तमान में सालाना 13 जीएसटी रिटर्न दाखिल करते हैं, जिससे उनका प्रशासनिक बोझ बढ़ता है. इसके अतिरिक्त, एकल स्वामित्व और साझेदारी को प्राइवेट लिमिटेड कंपनियों और एलएलपी के समान तीन साल की कर छूट मिलनी चाहिए.

महिला उद्मियों को मिले राहत

लक्ष्मी वेंकटरमन ने बताया कि उनकी टीम की ओर से किए एक सर्वेक्षण के अनुसार, महिला उद्यमियों को और भी अधिक चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, 85 प्रतिशत महिला उद्यमियों को ऋण प्राप्त करने के लिए संघर्ष करना पड़ता है. ऐसे में सरकार को इस प्रक्रिया को आसान बनाना चाहिए. इसके लिए बैंकों को व्यवसाय प्रस्ताव की योग्यता के आधार पर ऋण आवेदनों का मूल्यांकन करना चाहिए, ताकि सभी उद्यमियों के लिए समान अवसर सुनिश्चित हो सकें.