Budget Glossary: बजट में बार-बार इस्‍तेमाल होते हैं ये शब्‍द, जान लीजिए क्या है इनका मतलब?

अगले महीने बजट आने वाला है. हालांकि, इसे लेकर तमाम तरह की रिपोर्ट और चर्चाए अभी से आने लगी हैं. बजट से अलग-अलग सेक्टर की उम्मीदें . अर्थव्यवस्था के हालात और आने वाले साल में देश के आर्थिक हालात को समझने के लिए बजट को समझना बेहद जरूरी होता है. यहां बजट से जुड़े उन अहम शब्दों के बारे में बताया गया है, जिनका बार-बार इस्तेमाल होता है.

केंद्रीय बजट 2025 से उद्योगों को काफी उम्मीद है Image Credit: Money9

1 फरवरी 2025 को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण मोदी 3.0 का बजट पेश करेंगी. हर बजट की तरह इस बजट में भी सरकार का पूरा लेखा-जोखा पेश होगा. यानी सरकार ने एक वित्त वर्ष में कितना कमाया और कितना खर्च किया. पहली बार 1803 में फ्रांस में बजट शब्द का प्रयोग किया गया था. बजट को संसद में पेश होने से पहले तक बजट प्रस्तावों की जानकारी सिर्फ वित्त मंत्री को होती है.

कहां से आया ‘बजट’ शब्द?

‘बजट’ शब्द की जड़ें फ्रेंच शब्द ‘Bougette’ में हैं, जिसका मतलब है ‘छोटा चमड़े का ब्रीफकेस’ या वॉलेट. आपने कई बार कई वित्त मंत्रियों के हाथ में बजट के दौरान एक ब्रीफकेस देखा ही होगा. मोटे तौर पर मौजूदा संदर्भ बजट शब्द आय-व्यय के हिसाब और भावी योजनाओं के लिए फंडिंग की प्रक्रिया के लिए इस्तेमाल होता है.

क्या होता है अंतरिम बजट?

भारतीय संविधान में अंतरिम बजट जैसा कोई शब्द नहीं है. सरकार चाहे तो साल में एक से ज्यादा बार बजट पेश कर सकती है. जिस साल आम चुनाव होने वाले होते हैं, उस साल सरकार लेखानुदान (vote on account) पारित कराती है. इसमें केवल राजस्व और खर्चों का ही लेखा-जोखा होता है और तीन या चार महीनों के लिए सरकारी कर्मियों के वेतन, पेंशन और अन्य सरकारी खर्च के लिए बजट पारित कराया जाता है. लेखानुदान के तहत सरकार कोई नीतिगत फैसला नहीं करती है.

क्या होता है राजकोषीय घाटा?

जब सरकार की कमाई कम और खर्च ज्यादा हो जाए, तो आय और व्यय का यह अंतर राजकोषीय घाटा कहलाता है. मोटे तौर पर राजकोषीय घाटा सरकार की कुल आमदनी और कुल व्यय के बीच का अंतर है.

क्या होता है राजस्व घाटा?

राजस्व घाटा या रेवेन्यू डेफिसिट सरकार की वित्तीय स्थिति को दर्शाने वाला एक महत्वपूर्ण इंडीकेटर है. यह स्थिति तब पैदा होती है जब सरकार की राजस्व प्राप्तियां उसकी राजस्व खर्च से कम होती हैं. राजस्व खर्च में सैलेरी, पेंशन इसका खर्च आदि शामिल होता है, और राजस्व प्राप्ति में टैक्स से आया पैसा होता है. जब खर्च, प्राप्ति से ज्यादा हो तब राजस्व घाटा होता है.

क्या होता है चालू खाता घाटा?

इसे करंट अकाउंट डेफिसिट भी कहते हैं. यह घाटा देश के आयात-निर्यात से जुड़ा होता है. जब देश का आयात, निर्यात से ज्यादा होता है उस अंतर को चालू खाता घाटा कहा जाता है.

क्या है जीडीपी

बजट के साथ ही सालभर इस शब्द का इस्तेमाल बार-बार होता है. ग्रॉस डोमेस्टिक प्रोडक्शन (जीडीपी) यानी सकल घरेलू किसी देश की अर्थव्यवस्था के आकार को मापने का प्रमुख संकेतक है. एक वर्ष के दौरान किसी देश में हुईं तमाम आर्थिक गतिविधियों से जिन सेवाओं और वस्तुओं का उत्पादन हुआ उनके सकल मूल्य को उस देश की जीडीपी कहा जाता है.

क्या है डायरेक्ट और इनडायरेक्ट टैक्स

डायरेक्ट टैक्स का मलतब होता है, ऐसा कर जिसे सरकार सीधे किसी व्यक्ति से वसूल करती है. एक व्यक्ति के रूप में इसे हम इनकम टैक्स के तौर पर समझ सकते हैं. इसके तहत एक व्यक्ति को जब अपनी आय के आधार पर सरकार को तय स्लैब के मुताबिक टैक्स चुकाना होता है. वहीं, कंपनियों व संस्थाओं व संगठनों के लिए यह कॉर्पोरेट टैक्स के तौर पर जाना जाता है. यह टैक्स सीधे आयकर विभाग को चुकाया जाता है. वहीं, इनडायरेक्ट टैक्स में वे सभी कर शामिल हैं, जिन्हें व्यक्ति सीधे सरकार को नहीं चुकाता है, बल्कि किसी उत्पाद या सेवा की कीमत के साथ चुकाता है और इस टैक्स को राज्य व प्राधिकृत एजेंसियों की तरफ से जुटाया जाता है. मिसाल के तौर पर जीएसटी एक इनडायरेक्ट टैक्स है.

कस्‍टम्‍स ड्यूटी

कस्टम ड्यूटी को सीमा शुल्क भी कहा जाता है. यह किसी देश की अंतरराष्ट्रीय सीमाओं के पार माल की आवाजाही पर लगाया जाता है. सीधे शब्दों में इसे आयात और निर्यात पर लगने वाला टैक्स भी कह सकते हैं. इसके जरिये सरकार विदेश से भारत में आने वाली और भारत से बाहर जाने वाली वस्तुओं पर टैक्स वसूलती है. इस शुल्क के जरिये सरकार अंतरराष्ट्रीय व्यापार को भी नियंत्रित करती है. यह भी इनडायरेक्ट टैक्स का हिस्सा है.