बजट, पॉलिसी और निवेश, जानें 2025 में कौन तय करेगा भारतीय बाजार की दिशा

भारतीय बाजार 2025 में कई अहम ट्रिगर्स के साथ नई दिशा में आगे बढ़ रहा है. बजट, आरबीआई की मौद्रिक नीति, कंपनियों की आय और वैश्विक घटनाएं निवेशकों के फैसले को प्रभावित कर सकती हैं. एक्सपर्ट की राय में लार्ज-कैप स्टॉक्स को प्राथमिकता देना बेहतर होगा, जबकि मिड-कैप और स्मॉल-कैप स्टॉक्स में सतर्कता बरतनी चाहिए.

भारतीय बाजार 2025 में कई अहम ट्रिगर्स के साथ नई दिशा में आगे बढ़ रहा है

Budget, policy and investment: भारतीय बाजार के लिए नए साल की शुरुआत कई अहम ट्रिगर्स के साथ हुई है. बजट की घोषणा, आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) का फैसला, कंपनियों की आय के आंकड़े और कमोडिटी बाजार में बढ़ती कीमतें प्रमुख कारण हैं. इन सबके बीच अनिश्चितता का माहौल बना हुआ है, जिससे बाजार में थोड़ी बिकवाली देखी जा रही है.

2025 में जारी रहेगा ट्रेंड

कोविड के बाद मिड-कैप और स्मॉल-कैप कंपनियों के शेयरों में अच्छा प्रदर्शन देखा गया है. 2024 में जब बड़े बाजार जैसे सेंसेक्स और निफ्टी में 8-9% की वृद्धि हुई, तब मिड-कैप इंडेक्स में 24%, स्मॉल-कैप में 26%, और माइक्रो-कैप में 34% की बढ़त देखी गई. 2025 में यह रुझान जारी रहने की संभावना है. हालांकि, छोटे और मिड-कैप स्टॉक्स में निवेश करते समय अधिक सावधानी बरतनी चाहिए, क्योंकि ये ज्यादा अस्थिर होते हैं.

लॉर्ज-कैप स्टॉक्स को प्राथमिकता दें

सिट्रस एडवाइजर्स (Citrus Advisors) के संस्थापक संजय सिन्हा के अनुसार, 2025 में निवेश की रणनीति में लार्ज-कैप स्टॉक्स को प्राथमिकता देनी चाहिए. ये स्टॉक्स ज्यादा स्थिर होते हैं और लंबे समय में बेहतर रिटर्न दे सकते हैं. मिड-कैप स्टॉक्स को तब चुना जा सकता है जब बड़े स्टॉक्स का प्रदर्शन कमजोर हो. इसके अलावा, स्टॉक्स का चयन करते समय उनकी वोलटिलिटी को भी ध्यान में रखना चाहिए. ज्यादा अस्थिर स्टॉक्स शॉर्ट-टर्म में अच्छा लाभ दे सकते हैं, लेकिन लंबे समय में नुकसान भी हो सकता है.

ग्लोबल घटनाओं का बाजार पर असर

वैश्विक घटनाओं का भारतीय बाजार पर असर पड़ सकता है. उदाहरण के लिए, अगर अमेरिका में कोई महत्वपूर्ण नीति परिवर्तन होते हैं, तो इसका भारतीय उद्योगों पर प्रभाव हो सकता है. खासकर कंस्ट्रक्शन और इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में इसका नकारात्मक असर देखने को मिल सकता है.

सीमेंट और स्टील इंडस्ट्री में सुधार की संभावना

2025 में कंपनियों की आय में मामूली वृद्धि की उम्मीद है. पहले दो तिमाहियों में आय में धीमी वृद्धि रही है, लेकिन तीसरी तिमाही में सुधार की संभावना है. खासकर सीमेंट और स्टील जैसे इंडस्ट्रियल सेक्टर में सुधार हो सकता है. कंज्यूमर आधारित कंपनियां अभी भी चुनौतियों का सामना कर सकती हैं, लेकिन ग्रामीण मांग में सुधार के संकेत हैं. यह सब संकेत दे रहे हैं कि भारतीय बाजार में अगले साल कुछ महत्वपूर्ण बदलाव देखने को मिल सकते हैं. निवेशकों को सतर्क रहकर सही अवसरों का लाभ उठाना चाहिए.