महाकुंभ की महाखपत से जंप स्टार्ट हुई अर्थव्यवस्था, जनवरी में आर्थिक गतिविधियों में 9 फीसदी का उछाल

Indian Economy पिछले कुछ महीनों से स्लोडाउन की गिरफ्त में है. लेकिन, जनवरी में महाकुंभ की वजह से बढ़ी चौतरफा खपत ने इंडियन इकोनॉमी के लिए जंप स्टार्ट करने का काम किया है. डीजल-पट्रोल से लेकर हवाई यातायात तक हर तरह की गतिविधियों में तेज उछाल आया है. ICRA बिजनेस एक्टिविटी मॉनिटर रिपोर्ट में अर्थव्यवस्था में आए इस सुधार के संकेतों को दर्ज किया गया है. जानते हैं इस रिपोर्ट में और क्या बताया गया है.

ICRA की रिपोर्ट के मुताबिक आने वाले दिनों में आर्थिक गतिविधियां सुस्त पड़ सकती हैं. Image Credit: DallE/Money9live

भारत की GDP वृद्धि के लिए सरकार जहां 7 फीसदी का लक्ष्य लेकर चल रही थी, वहीं मौजूदा वित्त वर्ष की दूसरी और तीसरी तिमाही के नतीजों ने साफ कर दिया है कि यह 6 से 6.5 फीसदी के दायरे में ही आगे बढ़ने वाली है. हालांकि, अब महाकुंभ की वजह हुई महाखपत ने अचानक उम्मीद जगा दी है कि यह 6.5 फीसदी के आंकड़े को पार कर जाए. इन्वेस्टमेंट इन्फॉर्मेशन एंड क्रेडिट रेटिंग एजेंसी (ICRA) ने अपनी बिजनेस एक्टिविटी मॉनिटर रिपोर्ट में बताया है कि जनवरी 2025 में देश में कारोबारी गतिविधयों में मजबूत बढ़ोतरी हुई है.

Business Activity Monitor के जरिये ICRA असल में 15 इंडिकेटर्स के आधार पर आर्थिक व कारोबारी गतिविधियों को ट्रैक करती है. 21 फरवरी को जारी इसकी मंथली रिपोर्ट के मुताबिक जनवरी 2025 में आर्थिक गतिविधियों में 9.2% की वृद्धि हुई, जो पिछले तीन महीनों में सबसे ज्यादा है. इससे पहले दिसंबर 2024 में यह 6.8% फीसदी रही थी. जबकि, पिछली तिमाही (अक्टूबर-दिसंबर 2024) का औसत 8.7% रहा है. इस रिपोर्ट में बताया गया है कि महाकुंभ की वजह से आर्थिक गतिविधियों में तगड़ा उछाल आया है.

माल ढुलाई 15 महीने के शीर्ष पर

ICRA की रिपोर्ट में बताया गया है कि माल ढुलाई में तीव्र बढ़ोतरी हुई है, जिससे GST e-way bills की संख्या 15 महीने के उच्च स्तर पहुंच गई है. इसमें सालाना आधार पर 23.1% की बढ़ोतरी हुई है. जबकि, दिसंबर 2024 में यह दर 17.6% रही थी. इसी तरह Ports cargo traffic भी बढ़ा है. इसमें 6.2% की वृद्धि हुई है, जबकि दिसंबर 2024 में यह 3.4% रही थी. इस दौरान Fertilizer shipments की आवज 135% बढ़ी है.

महाकुंभ की महाखपत

जनवरी में आर्थिक गतिविधियों में तेजी का सबसे बड़ा कारण महाकुंभ है. इसकी वजह से पूरे देश में डीजल की खपत बढ़ी है. इसके अलावा हवाई यातायात में भी तगड़ी बढ़ोतरी हुई है. ICRA की रिपोर्ट के मुताबिक जनवरी 2025 में Domestic air passenger traffic 16 महीने का उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है. इसमें 14.5% की बढ़ोतरी दर्ज की गई है. जबकि, दिसंबर 2024 में यह 8.2% रही थी. वहीं, इस दौरान पूरे देश से लोग कुंभ स्नान के लिए प्रयागराज पहुंचे, जिससे डीजल, पेट्रोल सहित तमाम उपभोक्ता वस्तुओं की खपत में बढ़ोतरी हुई है.

कारों की बिक्री बढ़ी

जनवरी कारों की बिक्री में जोरदार उछाल आया है. इसके अलावा Vehicle registrations में 7.0% की वृद्धि हुई है, जबकि दिसंबर 2024 में 12% की कमी आई थी. वहीं, पैसेंगजर व्हीकल सेग्मेंट में 12.9% की वृद्धि हुई, जो आंशिक रूप से “2025 model year” के लाभ को दर्शाता है.

आगे की राह कठिन

ICRA की रिपोर्ट में बताया गया है कि जनवरी में महाकुंभ की वजह से आर्थिक गतिविधियों के ग्राफ में जो अचानक तीव्र उछाल आया है, वह फरवरी में बरकरार रहे इसकी संभावना कम है. रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि 1-20 फरवरी 2025 के शुरुआती डाटा में आर्थिक गतिविधियों के सुस्त पड़ने के संकेत मिल रहे हैं. मसलन, Vehicle registrations कम हो गए हैं, Electricity demand की रफ्तार भी धीमी हुई है. इसके अलावा इंडिकेटर भी सुस्ती का इशारा कर रहे हैं.

कितने इंडिकेटर, किसका क्या है काम

ICRA Business Activity Monitor के तहत कुल 15 इंडिकेटर हैं. यानी 15 आर्थिक गतिविधियां हैं, जिन्हें ट्रैक किया जाता है. ये इंडिकेट भारत में आर्थिक गतिविधियों की दिशा और गति को समझने में मदद करते हैं.

  1. GST e-way बिल्स देश में व्यापार और लॉजिस्टिक्स गतिविधियों को दर्शाता है.
  2. पोर्ट कार्गो ट्रैफिक समुद्री व्यापार और माल ढुलाई के स्तर को मापता है.
  3. घरेलू हवाई यातायात (Domestic Air Passenger Traffic) से यात्रा और टूरिज्म क्षेत्र की स्थिति का पता चलता है.
  4. वाहन पंजीकरण (Vehicle Registrations) से ऑटोमोबाइल उद्योग और उपभोक्ता मांग का अंदाजा होता है.
  5. दोपहिया वाहन उत्पादन (2W Production) से ग्रामीण और शहरी उपभोक्ता मांग का पता चलता है.
  6. यात्री वाहन उत्पादन (Passenger Vehicle Production) ऑटोमोबाइल सेक्टर मैन्युफैक्चरिंग को मापता है.
  7. कोल इंडिया लिमिटेड (Coal India Ltd) का उत्पादन कोयला और ऊर्जा उत्पादन का संकेतक है.
  8. बिजली उत्पादन (Electricity Generation) औद्योगिक और घरेलू ऊर्जा खपत का जायजा देता है.
  9. डीजल खपत (Diesel Consumption) लॉजिस्टिक्स, परिवहन और औद्योगिक गतिविधि को दर्शाता है.
  10. पेट्रोल खपत (Petrol Consumption) व्यक्तिगत और व्यावसायिक परिवहन गतिविधियों को मापता है.
  11. स्टील की खपत (JPC Data) बुनियादी ढांचे और निर्माण क्षेत्र की गतिविधियों का संकेत है.
  12. गैर-तेल निर्यात (Non-oil Exports) भारत के कुल निर्यात प्रदर्शन को दर्शाता है.
  13. रत्न और आभूषण निर्यात (Gems & Jewellery Exports) भी निर्यात क्षेत्र का प्रमुख घटक है.
  14. दवा और फार्मा निर्यात (Drugs & Pharmaceuticals Exports) से फार्मा उद्योग की स्थिति का पता चलता है.
  15. इलेक्ट्रॉनिक वस्त्र निर्यात के डाटा से टेक्नोलॉजी और विनिर्माण क्षेत्र की प्रतिस्पर्धात्मकता का पता चलता है.