अनिल अंबानी के लौट आए बुरे दिन? कैनरा बैंक ने रिलायंस पर लगाया ‘फ्रॉड’ का टैग, जानें पूरा मामला
कैनरा बैंक ने रिलायंस कम्युनिकेशंस और उसकी सहायक कंपनी के लोन अकाउंट को फ्रॉड घोषित करते हुए ₹31,580 करोड़ के फंड डायवर्जन का आरोप लगाया है. जानिए इस मामले से जुड़ी सारी जानकारी...
देश में लोन देने वाली प्रमुख पब्लिक सेक्टर की कंपनी कैनरा बैंक ने अनिल अंबानी की अगुवाई वाली रिलायंस कम्युनिकेशंस और इसकी सहायक कंपनी रिलायंस टेलीकॉम के लोन अकाउंट को ‘फ्रॉड’ घोषित किया है. बैंक ने आरोप लगाया है कि अनिल अंबानी की इन कंपनियों के लोन अकाउंट अवैध हैं और इसने लोन के तहत लिए पैसे का दुरुपयोग किया है. साथ ही बैंक ने इन कंपनियों पर फंड डायवर्जन का गंभीर आरोप लगाया है. बैंक ने यह आरोप एक नोटिस जारी कर लगाया है.
कैनरा बैंक द्वारा जारी नोटिस के मुताबिक, रिलायंस कम्युनिकेशंस और रिलायंस टेलीकॉम को क्रेडिट सुविधाओं के तहत ₹1,050 करोड़ का लोन दिया गया था. लेकिन मार्च 2017 में, लोन अदायगी में चूक और शर्तों के उल्लंघन के बाद इसे गैर-निष्पादित संपत्ति (NPA) के तौर पर लिस्ट कर दिया गया है.
बैंक ने क्या कहा?
ऑडिट रिपोर्ट के अनुसार, रिलायंस ग्रुप की कंपनियों ने ₹31,580 करोड़ के ऋण में से ₹13,667.73 करोड़ (44%) का इस्तेमाल अन्य बैंकों के लोन की अदायगी के लिए किया. इसके अलावा, ₹12,692.31 करोड़ (41%) संबंधित कंपनियों को ट्रांसफर किए गए.
रिपोर्ट में यह भी पाया गया कि ₹6,265.85 करोड़ का इस्तेमाल अप्रत्याशित तरीके से अन्य बैंकों के कर्ज चुकाने में किया गया, जबकि ऐसा करने की अनुमति नहीं थी. साथ ही, ₹5,501.56 करोड़ का भुगतान संबंधित कंपनियों को किया गया और ₹1,883.08 करोड़ उन वित्तीय उपकरणों में निवेश किए गए, जिनका उपयोग अनधिकृत उद्देश्यों के लिए किया गया.
बैंक ने अपने रिपोर्ट में साफ तौर से कहा कि लोन का इस्तेमाल स्वीकृति पत्र में दर्ज शर्तों के अनुसार नहीं किया गया, जिससे यह फंड डायवर्जन और अनियमितताओं का स्पष्ट मामला बनता है.
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दिवालियापन के रास्ते में रिलायंस कम्युनिकेशंस
रिलायंस कम्युनिकेशंस पहले से ही कई मुश्किलों का सामना कर रहा है. कंपनी वर्तमान में दिवालियापन की प्रक्रिया में है और उसने अभी तक इस नोटिस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है.