Budget 2025: CAPEX में 20 फीसदी बढ़ोतरी करे सरकार, लोगों के पास आएगा पैसा- E&Y की मांग
1 फरवरी को जब वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट पेश करेंगी तो उम्मीद की जा रही है कि पूंजीगत व्यय को बढ़ाया जा सकता है. ईवाई की एक रिपोर्ट के मुताबिक इसे 20 फीसदी तक किया जा सकता है. सरकार ने चालू वित्त वर्ष के लिए 4.9 प्रतिशत घाटे का बजट बनाया था और ईवाई को उम्मीद है इसे बदलकर 4.8 फीसदी किया जा सकता है.
Ernst & Young: आगामी बजट में पूंजीगत व्यय बढ़ाने की बात कही जा रही है. Ernst & Young (EY) की एक रिपोर्ट में गुरुवार को कहा गया है कि वित्त वर्ष 2026 के बजट में आर्थिक गतिविधि को बढ़ावा देने के लिए पूंजीगत व्यय में 20 प्रतिशत की बढ़ोतरी कर सकती है. इससे लोगों के हाथों में अधिक डिस्पोजेबल इनकम छोड़ने और मार्च 2026 को समाप्त होने वाले वित्त वर्ष के लिए जीडीपी के 4.4 प्रतिशत के राजकोषीय घाटे का लक्ष्य रखा जा सकता है.
ईवाई इंडिया के मुख्य नीति सलाहकार डीके श्रीवास्तव ने कहा कि वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच, भारत को विकास की गति को बनाए रखने के लिए घरेलू मांग पर काफी हद तक निर्भर रहना पड़ सकता है. उन्होंने कहा, “इसलिए वित्त वर्ष 2026 के बजट में भारत सरकार के पूंजीगत व्यय में बढ़ोतरी को बहाल किया जाना चाहिए.” श्रीवास्तव ने कहा, “पूंजीगत व्यय में बढ़ोतरी और उपभोक्ताओं, विशेष रूप से शहरी उपभोक्ताओं के हाथों में अधिक डिस्पोजेबल इनकम देना घरेलू मांग में बढ़ोतरी को बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण होगा.”
राजकोषीय घाटे में कमी की उम्मीद
सरकार ने चालू वित्त वर्ष के लिए 4.9 प्रतिशत घाटे का बजट बनाया था और ईवाई को उम्मीद है कि 1 फरवरी को पेश किए जाने वाले 2025-26 के बजट में संशोधित अनुमानों में यह संख्या 4.8 प्रतिशत पर आ जाएगी. घरेलू मांग और प्राइवेट कंजम्पशन में तेजी लाने के साथ-साथ सरकार के पूंजीगत खर्च में कम से कम 20 प्रतिशत की बढ़ोतरी करके इसे हासिल किया जा सकता है. चालू वित्त वर्ष के लिए सरकार ने 11.11 लाख करोड़ रुपये के पूंजीगत व्यय का बजट बनाया था. हालांकि, 2024 में लोकसभा चुनावों ने पूंजीगत व्यय की गति को धीमा कर दिया था.
प्राइवेट निवेश को मिल सकता है बढ़ावा
ईवाई इंडिया के मुख्य नीति सलाहकार डीके श्रीवास्तव ने कहा कि 10.5 प्रतिशत की औसत वार्षिक नॉमिनल जीडीपी ग्रोथ के साथ, और INR/USD की अपेक्षाकृत उच्च वार्षिक डेप्रिसिएशन रेट 3.5 प्रतिशत के करीब मानते हुए भी, भारत अभी भी वित्त वर्ष 30 तक 5 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था का माइलस्टोन हासिल कर लेगा.
महंगाई के मोर्चे पर, दिसंबर 2024 में CPI महंगाई में 5.2 प्रतिशत की नरमी देखी गई. ईवाई ने कहा कि कोर CPI महंगाई भी 3.7 प्रतिशत के अपेक्षाकृत निचले स्तर पर स्थिर बनी हुई है, जिससे वित्त वर्ष 26 में नीति दर में 50 आधार अंकों की कमी की संभावना है, जिससे प्राइवेट निवेश को बढ़ावा मिल सकता है.