CBDT ने वसूला 35,500 करोड़ रुपये का बकाया टैक्स, 1 लाख करोड़ की रिकवरी का टार्गेट
इनकम टैक्स विभाग ने पिछले वित्त वर्ष में आउटस्टैडिंग डिमांड के रूप में कुल 73,500 करोड़ रुपये की रिकवरी की थी. इसमें से 56,000 करोड़ रुपये कॉरपोरेट टैक्स और 16,500 करोड़ रुपये का पर्सनल इनकम टैक्स था.
सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेस (CBDT) ने इस वित्त वर्ष की अप्रैल-सितंबर अवधि में 35,500 करोड़ रुपये का बकाया वसूला है. इसमें 23,000 करोड़ रुपये का कॉरपोरेट टैक्स और 12,500 करोड़ रुपये का पर्सनल इनकम टैक्स शामिल है. ईटी के अनुसार, अधिकारियों ने कहा कि यह आंकड़ा और भी बढ़ने वाला है, क्योंकि बोर्ड ने फील्ड फॉर्मेशन से रिकवरी पर ध्यान केंद्रित करने और जोन-वार रिकवरी लक्ष्य निर्धारित करने को कहा है. एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि हमारा ध्यान डेटा-आधारित रिकवरी पर है और हमारा लक्ष्य बकाया डिमांड से 90,000 करोड़ रुपये से 1 लाख करोड़ से अधिक की वसूली करना है.
आउटस्टैडिंग डिमांड की रिकवरी
इनकम टैक्स विभाग ने पिछले वित्त वर्ष में आउटस्टैडिंग डिमांड के रूप में कुल 73,500 करोड़ रुपये की रिकवरी की थी. इसमें से 56,000 करोड़ रुपये कॉरपोरेट टैक्स और 16,500 करोड़ रुपये का पर्सनल इनकम टैक्स था. 1 अगस्त तक 26.13 लाख करोड़ रुपये की आउटस्टैंडिंग टैक्स की डिमांड थी. इसमें से 9 लाख करोड़ रुपये से अधिक ‘डिफिकल्ट टू रिकवर’ कैटेगरी में थे. मुंबई जोन में सबसे अधिक बकाया राशि है, उसके बाद दिल्ली और गुजरात जोन हैं. इसलिए इनके पास ही सबसे अधिक रिकवरी टार्गेट भी हैं.
डिफिकल्ट टू रिकवर
अधिकारियों ने बताया कि विभाग के पास उपलब्ध आंकड़ों के आधार पर, ‘ एरियर डिमांड’ के टॉप 5,000 मामले कुल डिमांड का लगभग 60 फीसदी कवर करते हैं और विभाग इन मामलों पर ध्यान केंद्रित कर रहा है. क्षेत्रीय संरचनाओं को उन मामलों पर काम करने के लिए कहा गया है जो ‘डिफिकल्ट टू रिकवर’ कैटेगरी में नहीं आते हैं. हर एक जोन को इनकम टैक्स के प्रिंसिपल कमिश्नर की एक विशेष टीम बनाने के लिए कहा गया था, जो सीबीडीटी द्वारा पहचाने गए ‘टॉप 5,000’ के के तहत आने वाले मामलों का विश्लेषण करेगी.
रिकवरी प्रोसेस में कैसे मिल रही मदद
अधिकारी के अनुसार, डेटा एनालिस्ट रिकवरी प्रोसेस के साथ अधिक सटीक होने में मदद कर रहा है. अधिकारी इसका उपयोग उन डिमांड को कैटिगराइज्ड करने के लिए कर रहे हैं, जो 10 साल से अधिक पुरानी हैं और जहां व्यक्ति की मृत्यु हो चुकी है या लापता है. उन्होंने कहा कि अधिकारियों को लिखित रूप से मामलों की एक सूची देने के लिए भी कहा गया है.