Swiggy, Zomato के बिजनेस में है लोचा! CCI की जांच में सामने आया सच
भारत की दिग्गज फूड डिलेवरी कंपनी स्विगी और जोमैटो की मुश्किलें बढ़ सकती है. CCI ने अपने दस्तावेज में बताया कि इन कंपनियों ने अपने फायदे के लिए तमाम प्रतिस्पर्धा कानूनों का हनन किया है. जानें क्या है पूरा मामला.
भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग की जांच ने देश की दिग्गज फूड डिलीवरी कंपनियों की मुश्किलें बढ़ा दी है. CCI के अनुसार, जोमैटो और स्विगी ने अपने फायदे के लिए प्रतिस्पर्धा कानून का हनन किया है. डॉक्यूमेंट में बताया गया कि इन कंपनियों ने अपने प्लेटफॉर्म पर लिस्टेड रेस्तरां के पक्ष में काम किया है.
प्लेटफॉर्म ने रेस्तरां को दिए लालच
रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) का दस्तावेज कहता है कि, जोमैटो ने कम कमीशन के बदले अपने पार्टनर के साथ विशिष्ट कॉन्ट्रैक्ट (Exclusivity Contracts) किए हैं. वहीं स्विगी ने भी कुछ रेस्तरां को अपने प्लेटफॉर्म पर लिस्ट होने को लेकर लालच दी थी. स्विगी ने कुछ प्लेयर्स को अपने प्लेटफॉर्म पर लिस्ट होने के बदले बिजनेस ग्रोथ की गारंटी दी थी. रॉयटर्स ने दस्तावेज के आधार पर आगे बताया कि जोमैटो और स्विगी के लिस्टेड रेस्तरां के बीच साझेदारी हुई है. इनके मध्य हुई साझेदारी से बाजार के प्रतिस्पर्धा में कमी आएगी. हालांकि सीसीई के दस्तावेज को गोपनीयता के कारण अभी सार्वजनिक नहीं किया गया है. इन दस्तावेजों को जोमैटो, स्विगी और शिकायत करने वाले रेस्तरां ग्रुप के साथ मार्च 2024 में साझा किया गया था.
क्या है पूरा मामला?
सीसीआई के रिपोर्ट के बाद जोमैटो ने इस बाबत किसी तरह की टिप्पणी करने से इंकार कर दिया है. जबकि स्विगी ने रॉयटर्स के सवालों का कोई जवाब नहीं दिया. दरअसल स्विगी और उसके प्रतिद्वंद्वी जोमैटो के बीच इस जांच की शुरुआत 2022 में हुई थी. उस समय भारतीय राष्ट्रीय रेस्तरां संघ ने इन प्लेटफार्म की प्रतिस्पर्धा विरोधी प्रैक्टिस के कारण दूसरे दुकानों पर पड़ने वाले प्रभाव को लेकर शिकायत दर्ज की थी. सीसीआई के दस्तावेजों में ये बात भी कहा गया कि इन प्लेटफॉर्म के इस प्रैक्टिस से रेस्तरां के आय पर भारी प्रभाव पड़ता है. हालांकि अंतिम निर्णय में अभी कई हफ्ते लग सकते हैं. इस बीच कटघरे में आई कंपनियां सीसीआई के जांच को लेकर चुनौती दे सकती है. उनके पास ये विकल्प मौजूद हैं.