केंद्र सरकार ने WPI का बेस ईयर बदलने को बनाया वर्किंग ग्रुप, जानें क्या होगा इसका असर?

केंद्र सरकार ने व्होलसेल प्राइस इंडेक्स (WPI) का बेस ईयर बदलना चाहती है. फिलहाल, WPI का बेस ईयर 2011-12 है. केंद्र सरकार इसे बदलकर 2022-23 करना चाहती है. इसके लिए सरकार ने अर्थशास्त्री व नीति आयोग के सदस्य रमेश चंद की अध्यक्षता में एक वर्किंग ग्रुप गठित किया है.

WPI की गणना नए आधार वर्ष से होने पर नीतियां बनाने में मदद मिलेगी Image Credit: Money9

केंद्र सरकार ने WPI यानी थोक मूल्य सूचकांक की गणना के लिए आधार वर्ष बदलना चाहती है. फिलहाल, WPI के लिए आधार वर्ष 2011-12 है. केंद्र सरकार इसे बदलकर 2022-23 करना चाहती है. इसके लिए सरकार ने गुरुवार 2 जनवरी, 2025 को मशहूर अर्थशास्त्री व नीति आयोग के सदस्य रमेश चंद की अध्यक्षता में एक वर्किंग ग्रुप बनाया है.

केंद्र सरकार के वाणिज्‍य एवं उद्योग मंत्रालय की तरफ से जारी एक वक्तव्य में इसकी जानकारी दी गई. मंत्रालय ने अपने वक्तव्य में कहा, भारत सरकार ने थोक मूल्य सूचकांक (डब्‍ल्‍यूपीआई) की वर्तमान श्रृंखला के आधार संशोधन को आधार वर्ष 2011-12 से 2022-23 तक करने के लिए एक कार्य समूह गठित करने का निर्णय लिया है.

क्या करेगा कार्यसमूह

मंत्रालय के मुताबिक कार्य समूह को 6 प्रमुख विषयों पर विचार करना होगा. इसके साथ ही कार्य समूह को अधिसूचना जारी किए जाने के 18 महीने के भीतर अपनी अंतिम रिपोर्ट आर्थिक सलाहकार कार्यालय को प्रस्तुत करने के लिए कहा गया है.

  1. अर्थव्यवस्था में संरचनात्मक बदलावों के संदर्भ में 2022-23 आधार वर्ष के साथ WPI और PPI की कमोडिटी बास्केट का सुझाव देना.
  2. मूल्य संग्रह की मौजूदा प्रणाली की समीक्षा करना और सुधार के लिए बदलावों के सुझाव देना.
  3. WPI/PPI के लिए अपनाई जाने वाली गणना पद्धति पर फैसला लेना.
  4. मूल्य और जीवन-यापन लागत के डाटा पर तकनीकी सलाहकार समिति की सिफारिशों के आधार पर पीपीआई के लिए डाटा जुटाने की पद्धति की जांच करना और कलेक्शन व प्रेजेंटेशन में सुधार का सुझाव देना. इसके साथ ही WPI से PPI पर स्विच करने के लिए रोडमैप की सिफारिश करना.
  5. अब तक अपनाई गई लिंकिंग फैक्टर की गणना की विधि की जांच करना और जरूरी लगने पर लिंकिंग फैक्टर की गणना की विधि में उचित बदलाव सुझाना है.
  6. WPI/PPI की विश्वसनीयता बढ़ाने के लिए जरूरी किसी भी अन्य सुधार का सुझाव देना.

क्या होता है WPI

थोक मूल्य सूचकांक (WPI) असल में देश में महंगाई का प्रमुख पैमाना है. WPI के तहत वस्तुओं के थोक मूल्य को अलग-अलग बास्केट के आधार पर मापा जाता है. इसमें प्राइमरी आर्टिकल बास्केट में का भारत 22.6 फीसदी है. ईंधन और बिजली का 13.2 फीसदी और मैन्युफैक्चर्ड गुड्स का 64.2 फीसदी भार होता है. अलग-अलग बास्केट के आंकड़ों औसत से थोक मूल्य सूचकांक तैयार होता है, जो देश में महंगाई की स्थिति को बताता है.

आधार वर्ष क्यों अहम

WPI की गणना में कीमतों की तुलना आधार वर्ष की कीमतों के आधार पर की जाती है. आधार वर्ष को संशोधित करने से कीमतों में बदलाव का सटीक अंदाजा मिलता है, जो वास्तविक स्थिति के मूल्यांकन के लिहाज से अहम है. इससे आर्थिक योजनाओं और नीतियों को प्रभावी बनाने में मदद मिलती है.

वर्किंग गुप में कौन-कौन शामिल

मंत्रालय की तरफ से गठित इस कार्यसमूह में रिजर्व बैंक, आर्थिक मामलों के विभाग, सांख्यिकी मंत्रालय, कृषि विभाग और अन्य मंत्रालयों के प्रतिनिधि शामिल हैं. इसके अलावा, गैर-आधिकारिक सदस्यों के तौर पर कई बड़े अर्थशास्त्री भी इसका हिस्सा हैं.

नामभूमिका
प्रो. रमेश चंद, सदस्य, नीति आयोगअध्यक्ष
अतिरिक्त महानिदेशक, फील्ड ऑपरेशन्स डिवीजन, सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालयसदस्य
उप महानिदेशक, आर्थिक सांख्यिकी प्रभाग, सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालयसदस्य
उप महानिदेशक, राष्ट्रीय लेखा प्रभाग,
सांख्यिकी एवं जन सम्पर्क मंत्रालय
सदस्य
उप महानिदेशक, उद्यम सर्वेक्षण प्रभाग,
सांख्यिकी एवं जन सम्पर्क मंत्रालय
सदस्य
आर्थिक सलाहकार, आर्थिक मामलों का विभागसदस्य
सलाहकार, मूल्य एवं विपणन प्रभाग,
कृषि एवं किसान कल्याण विभाग
सदस्य
वरिष्ठ आर्थिक सलाहकार, उपभोक्ता मामले विभागसदस्य
उप महानिदेशक, पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालयसदस्य
मुख्य कार्यकारी अधिकारी, वस्तु एवं सेवा कर नेटवर्कसदस्य
आरबीआई के प्रतिनिधिसदस्य
डॉ सौम्या कांति घोष, मुख्य अर्थशास्त्री, एसबीआई समूहसदस्य
डॉ. सुरजीत भल्ला, अर्थशास्त्रीसदस्य
(गैर सरकारी)
डॉ. शमिका रवि, सदस्य, प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषदसदस्य
(गैर सरकारी)
डॉ. धर्मकीर्ति जोशी, मुख्य अर्थशास्त्री, क्रिसिलसदस्य
(गैर सरकारी)
नीलेश शाह, एमडी, कोटक महिंद्रा एसेट मैनेजमेंटसदस्य
(गैर सरकारी)
इंद्रनील सेनगुप्ता, सह-प्रमुख एवं अर्थशास्त्री,
बैंक ऑफ अमेरिका मेरिल लिंच
सदस्य
(गैर सरकारी)
उप महानिदेशक, डीपीआईआईटी
(सदस्य सचिव)
सदस्य
स्रोत : PIB