अप्रैल-जनवरी के बीच पकड़ी गई 1.95 लाख करोड़ की GST चोरी, जानें- कैसे काम कर रही है टीम
GST Evasion: पिछले पांच वर्षों में केंद्र सरकार के अधिकारियों द्वारा पकड़े गए जीएसटी चोरी के कुल 86,711 मामले थे. वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने कहा कि केंद्र सरकार और GSTN ने टैक्स चोरी को रोकने के लिए कई कदम उठाए हैं और कुछ प्रोजेक्ट भी शुरू किए हैं.

GST Evasion: गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) की चोरी देश में किस कदर हो रही है, इसका सबूत संसद में पेश आंकड़ों पर नजर डालने से मिल जाएगी. दरअसल, सोमवार को संसद को बताया गया कि चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-जनवरी अवधि में केंद्रीय GST अधिकारियों ने 25,397 मामलों में 1.95 लाख करोड़ रुपये की टैक्स चोरी का पता लगाया है. लोकसभा में साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार, पिछले पांच वर्षों में केंद्र सरकार के अधिकारियों द्वारा पकड़े गए जीएसटी चोरी के कुल 86,711 मामले थे और कुल 6.79 लाख करोड़ रुपये से अधिक की टैक्स चोरी पकड़ी गई.
टैक्स चोरी के मामले
चालू वित्त वर्ष (जनवरी 2025 तक) में कुल 25,397 टैक्स चोरी के मामले पकड़े गए, जिनमें कुल 1,94,938 करोड़ रुपये की टैक्स चोरी पकड़ी गई. इस अवधि के दौरान टैक्स चोरी के मामलों में 21,520 करोड़ रुपये की वॉलियंटरी जमा राशि जमा की गई. चालू वित्त वर्ष में आईटीसी धोखाधड़ी के कुल 13,018 मामले पकड़े गए, जिनमें 46,472 करोड़ रुपये की राशि शामिल है। 2,211 करोड़ रुपये की स्वैच्छिक जमा राशि जमा की गई.
GST जांच विंग के आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2023-24 में 2.30 लाख करोड़ रुपये की GST चोरी के 20,582 मामले पकड़े गए. 2022-23 में 1.32 लाख करोड़ रुपये, 2021-22 में 73,238 करोड़ रुपये और 2020-21 में 49,384 करोड़ रुपये की GST चोरी पकड़ी गई.
टैक्स चोरी रोकने के लिए उठाए गए ये कदम
वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने कहा कि केंद्र सरकार और GSTN ने कंप्लायंस में सुधार और टैक्स चोरी को रोकने के लिए कई कदम उठाए हैं, जिनमें खुफिया जानकारी प्रदान करना, धोखाधड़ी वाले रजिस्ट्रेशन और संदिग्ध ई-वे बिल गतिविधि का पता लगाना और जांच के लिए रिटर्न का चयन और विभिन्न रिस्क पैरामीटर के आधार पर ऑडिट के लिए टैक्सपेयर्स का चयन शामिल है. चौधरी ने कहा कि ये उपाय रेवेन्यू की सुरक्षा और टैक्स चोरी करने वालों को पकड़ने में सहायक हैं.
शुरू किए गए हैं प्रोजेक्ट
कुछ प्रोजेक्ट भी शुरू किए गए हैं, जैसे ‘प्रोजेक्ट अनवेशन’ (एनालिटिक्स, वेरिफिकेशन, असामान्यता की सूची बनाना) जिसके तहत फेशियल रिकॉग्निशन सिस्टम (FRS), ई-वे बिल डेटा आदि जैसी नई तकनीकों का इस्तेमाल किया गया, ताकि फर्जी/धोखाधड़ी गतिविधि के ट्रैंड वाले GSTN की शीघ्र पहचान की जा सके और खुफिया रिपोर्ट तैयार की जा सके.