ट्रंप टैरिफ के तूफान में तेल और सोने की रिकॉर्ड छलांग, 5 साल में दिखी सबसे ज्यादा बढ़त
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप चीन पर लगातार सख्ती करते जा रहे हैं. उन्होंने चीन पर लगाए 104 फीसदी टैरिफ को बढ़ाकर 125 पर्सेंट कर दिया है, वहीं दूसरे देशों पर लगाए टैरिफ को 90 दिनों के लिए टाल दिया है. मगर टैरिफ की इस जंग ने सोने और तेल की कीमतों को हवा दी है, जिससे कीमतों में जोरदार उछाल आया है.

Trump Tariff surge crude and gold price: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ वॉर ने दुनियाभर में हड़कंप मचा दिया है. चीन पर लगातार टैरिफ बढ़ाए जाने के ऐलान से दोनों देशों के बीच तनातनी बढ़ गई है. इसी बीच ट्रंप ने बाकी देशों पर लगाए गए टैरिफ को 90 दिनों के लिए टाल दिया है. टैरिफ की इसी जंग के बीच तेल की कीमतों में 9 अप्रैल यानी बुधवर को जोरदार वापसी की. चार साल के निचले स्तर से इसके उछाल से कीमतों में 4% से ज्यादा की बढ़ोतरी हुई है.
तेल की कीमतों में आई इस जबरदस्त तेजी के चलते ब्रेंट क्रूड 2.66 डॉलर चढ़कर 65.48 डॉलर प्रति बैरल पर बंद हुआ. वहीं, अमेरिकी वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट क्रूड 2.77 डॉलर की तेजी के साथ 62.35 डॉलर पर पहुंच गया. दिन की शुरुआत में दोनों कॉन्ट्रैक्ट्स 7% तक नीचे थे, लेकिन ट्रंप के बयान ने बाजार में हलचल मचा दी, टैरिफ पर 90 दिनों की राहत मिलने से तेल की कीमतों में इजाफा हुआ.
सोने में भी जबरदस्त तेजी
यूएस और चीन के बीच टैरिफ वॉर बढ़ता जा रहा है. पहले ट्रंप ने चीन पर 104 फीसदी टैरिफ लगाए जाने की बात कही थी, जिसे बाद में बढ़ाकर 125% तक कर दिया गया. जवाब में चीन ने भी गुरुवार से अमेरिकी सामानों पर 84% टैरिफ का ऐलान कर दिया. वहीं यूरोप ने भी खुद से टैक्स लगा दिया, जिससे वैश्विक बाजारों में हलचल मच गई. इन सब उथल-पुथल के बीच सोने की कीमतों में जबरदस्त उछाल आया. स्पॉट गोल्ड 3.8% तक उछलकर 3,095 डॉलर प्रति औंस तक पहुंच गया जो मार्च 2020 के बाद की सबसे बड़ी बढ़त है. विशलेषकों का मानना है कि मार्केट के इस उतार-चढ़ाव के दौर में सोना अभी सबसे सुरक्षित निवेश बन गया है.
टैरिफ हटाने पर बातचीत
रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक प्राइस फ्यूचर्स ग्रुप के वरिष्ठ विश्लेषक फिल फ्लिन ने कहा कि ट्रंप ने व्यापारिक जंग में नया मोड़ ला दिया है. उनके मुताबिक जो देश टैरिफ हटाने के लिए बातचीत को तैयार हैं, उन्हें समय दिया गया है, लेकिन चीन को आर्थिक रूप से अलग-थलग कर दिया गया है. बाजार अब ट्रंप की अगली चाल और दुनिया के जवाब का इंतजार कर रहा है.
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वैश्विक मंदी का डर
रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक यूबीएस के विश्लेषक जियोवानी स्टौनोवो ने चेतावनी दी कि व्यापारिक जंग अब वैश्विक मंदी के डर को हवा दे रही है. उन्होंने कहा कि अभी तेल की मांग पर शायद असर न पड़ा हो, लेकिन आने वाले महीनों में मांग घटने की बढ़ती चिंताओं के बीच कीमतों को नीचे लाना जरूरी है. ऐसा न हुआ तो बाजार में तेल की भरमार हो सकती है और सप्लाई को काबू करना मुश्किल हो जाएगा. बुधवार को हालात और गर्माए जब अमेरिका के बड़े व्यापारिक साझेदार कनाडा ने जवाबी कदम उठाए. यूरोपीय संघ के देश भी पीछे नहीं रहे, उन्होंने अमेरिकी आयात पर 25% टैरिफ लागू करने का फैसला किया. दूसरी ओर, ओपेक+ समूह ने पिछले हफ्ते मई से तेल उत्पादन 4,11,000 बैरल प्रति दिन बढ़ाने का ऐलान किया था. इस फैसले ने तेल की कीमतों की उड़ान पर ब्रेक लगा दिया है. अमेरिका में भी तेल का स्टॉक बढ़ने की खबर ने माहौल को गरम रखा. एनर्जी इंफॉर्मेशन एडमिनिस्ट्रेशन के मुताबिक, पिछले हफ्ते क्रूड का भंडार 26 लाख बैरल बढ़कर 44.23 करोड़ बैरल हो गया है.
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