मोदी सरकार की बल्ले-बल्ले, कच्चे तेल की कीमत 4 साल के निचले स्तर पर, जानें ताजा पेट्रोल-डीजल के रेट
भारत की कच्चे तेल की आयात कीमत अगस्त 2021 के बाद पहली बार $70 प्रति बैरल से नीचे आई है. कीमत गिरकर $69.39 हो गई है, जिससे पेट्रोल-डीजल सस्ता होने की उम्मीद है. वैश्विक मंदी और व्यापार युद्ध की आशंका से कीमतें और गिर सकती हैं. OPEC और गोल्डमैन सैक्स ने भी मांग घटने का अनुमान जताया है.
Crude Oil: मोदी सरकार के लिए यह एक अच्छी खबर है. कच्चा तेल अपने पिछले चार साल के औसतन सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया है. शुक्रवार को इसकी कीमत $69.39 प्रति बैरल से नीचे आ गई. यह अगस्त 2021 के बाद पहली बार है जब कीमतें $70 प्रति बैरल से नीचे आई हैं. पेट्रोलियम प्लानिंग और एनालिसिस सेल (PPAC) की रिपोर्ट के अनुसार, 10 अप्रैल को इंडियन बास्केट में कच्चे तेल की कीमत $64.41 प्रति बैरल रही. पिछले साल की तुलना में कीमतों में 22 फीसदी से ज्यादा की गिरावट देखने को मिली है. अप्रैल 2024 में यह कीमत 89.44 डॉलर प्रति बैरल थी. कीमतों में हुई इस गिरावट के बाद उम्मीद की जा रही है कि पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कमी आ सकती है.
ग्राहकों पर क्या असर होगा?
क्रूड ऑयल में आई कमी के चलते यह उम्मीद जताई जा रही है कि सरकार पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कटौती कर सकती है. क्योंकि भारत अपनी 87 फीसदी से ज्यादा कच्चे तेल की जरूरत को आयात के जरिए पूरा करता है, इसलिए इस गिरावट का फायदा देश की अर्थव्यवस्था को भी हो सकता है. इसके अलावा, रिफाइनिंग इंडस्ट्री में कच्चा तेल सबसे महंगा कच्चा माल होता है, जो कुल लागत का लगभग 90 फीसदी होता है.
आज क्या है तेल की कीमत?
आज यानी 15 मार्च को अंतरराष्ट्रीय बाजार में WTI क्रूड की कीमत 61.57 डॉलर प्रति बैरल और ब्रेंट क्रूड की कीमत 64.94 डॉलर प्रति बैरल पर ट्रेड कर रही है. दिल्ली में पेट्रोल की कीमत इस समय ₹94.77 प्रति लीटर है, जबकि डीजल ₹87.67 प्रति लीटर मिल रहा है. मुंबई में पेट्रोल की कीमत ₹103.50 प्रति लीटर है और डीजल ₹90.03 प्रति लीटर पर बिक रहा है. वहीं, चेन्नई में पेट्रोल ₹101.03 प्रति लीटर और डीजल ₹92.61 प्रति लीटर के भाव पर उपलब्ध है.
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क्या कीमतें और गिरेंगी?
ट्रंप टैरिफ और ट्रेड वॉर के चलते तेल की मांग में कमी आ सकती है, जिससे कीमतों में और गिरावट की उम्मीद है. गोल्डमैन सैक्स ने अनुमान लगाया है कि इस साल ब्रेंट क्रूड की औसत कीमत 63 डॉलर प्रति बैरल रह सकती है. वहीं, OPEC ने भी 2025 और 2026 के लिए वैश्विक तेल मांग का अनुमान घटा दिया है. अब हर साल सिर्फ 1.3 मिलियन बैरल प्रति दिन की ग्रोथ की उम्मीद की जा रही है.