टिकट होने के बावजूद यात्रियों को फ्लाइट में बैठने से रोका, अब Akasa Air पर चला DGCA का डंडा
यात्रियों को फ्लाइट में जगह न मिलने के विवाद ने अकासा एयर को भारी संकट में डाल दिया है। DGCA ने बड़ी कार्रवाई करते हुए कंपनी पर जुर्माना लगाया है। लेकिन इस फैसले के पीछे की कहानी और भी गहरी है।
नागरिक उड्डयन नियामक, DGCA (डायरेक्टरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन) ने मंगलवार यानी 24 दिसंबर को अकासा एयर पर 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया. यह कार्रवाई 6 सितंबर को बेंगलुरु से पुणे जाने वाली फ्लाइट QP 1437 में सात यात्रियों को बोर्डिंग से रोकने के मामले में की गई.
घटना तब हुई जब शाम 8:50 बजे उड़ान भरने वाली इस फ्लाइट को रनवे पर एक फॉरेन ऑब्जेक्ट से हुए नुकसान के कारण ग्राउंड कर दिया गया. विमान को बदला गया लेकिन उसमें नौ सीटें काम नहीं कर रही थीं. इस वजह से सात यात्रियों को बोर्डिंग की अनुमति नहीं दी गई. हालांकि, बाद में इन यात्रियों को दूसरी फ्लाइट में भेजा गया लेकिन उन्हें नियमानुसार मुआवजा नहीं दिया गया.
विमान नियमों का उल्लंघन
DGCA ने अपने नोटिस में कहा, “विमान नियम 1937 के नियम 162 के तहत प्रदत्त अधिकारों और नागरिक उड्डयन मंत्रालय के 29 जुलाई 2021 के नोटिफिकेशन के आधार पर, अकासा एयर पर 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है. यह राशि नोटिस मिलने के 30 दिनों के भीतर जमा करनी होगी.” अकासा एयर ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “हम डीजीसीए के आदेश को स्वीकार करते हैं और उनकी आवश्यकताओं के अनुसार अपनी प्रक्रियाओं को बेहतर करने के लिए काम कर रहे हैं.”
DGCA के मुताबिक, अकासा एयर नागरिक उड्डयन आवश्यकताओं (सीएआर) के सेक्शन-3, सीरीज एम, पार्ट IV के प्रावधानों का पालन करने में विफल रही.
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पहले भी विवादों से रहा है नाता
हाल ही में डीजीसीए ने अकासा एयर को खराब रखरखाव और परिचालन मैनुअल समय पर अपडेट न करने के लिए दो कारण बताओ नोटिस जारी किए थे. अकासा एयर पायलटों के साथ भी विवादों में घिरी हुई है. कुछ पायलटों ने विमानन मंत्री को पत्र लिखकर सुरक्षा से समझौता और अन्य गड़बड़ियों की शिकायत की है.
वर्तमान में अकासा एयर के पास 26 विमान और 840 पायलट हैं. 2025 में इसके नए विमानों के शामिल होने की संभावना है. अकासा ने इन आरोपों को झूठा और दुर्भावनापूर्ण बताया है.