शिलाजीत की बदलेगी इमेज ! ऐसा क्या कर रहे हैं ये दो लड़के, जिसके लिए मांग रहे 1 करोड़
शार्क टैंक इंडिया का चौथा सीजन जारी है, जिसमें कई फाउंडर अपने स्टार्टअप के लिए फंडिंग हासिल करने आ रहे हैं.7 मार्च को चंडीगढ़ के उद्यमी धीरज नागपाल और सचिन गोयल अपने स्टार्टअप Zingavita Ayurveda को लेकर शार्क टैंक में पहुंचे.उनकी कंपनी शिलाजीत-आधारित वेलनेस प्रोडक्ट्स बनाती है.
Zingavita Ayurveda: शार्क टैंक इंडिया के चौथे सीजन की शुरुआत हो गई है, और इसमें कई फाउंडर अपने यूनिक स्टार्टअप आइडिया के साथ आ रहे हैं. फाउंडर्स को यहां कई बार शार्क से फंडिंग मिलती है, तो कई बार उन्हें निराशा भी हाथ लगती है. ऐसे ही चंडीगढ़ के दो युवा अपने बिजनेस के लिए शार्क टैंक में फंडिंग के लिए आए.
शिलाजीत को लेकर लोगों के बीच कई धारणाएं हैं, जिन्हें ये दोनों लगातार बदलने की कोशिश कर रहे हैं. तो चलिए जानते हैं कि उनकी शार्क टैंक में क्या डिमांड थी और शार्क्स को उनका आइडिया कैसा लगा.
शिलाजीत ब्रांड को लेकर शार्क टैंक में पहुंचे चंडीगढ़ के दो उद्यमी
शार्क टैंक इंडिया के सीजन 4 में कई उद्यमी अपने बोल्ड आइडिया के साथ फंडिंग के लिए पहुंच रहे हैं. 7 मार्च को चंडीगढ़ के उद्यमी धीरज नागपाल और सचिन गोयल अपने स्टार्टअप Zingavita Ayurveda को लेकर शार्क टैंक में पहुंचे. उन्होंने शार्क टैंक में अपना शिलाजीत-आधारित वेलनेस प्रोडक्ट पेश किया, जिससे वे लोगों की धारणाएं बदलने की उम्मीद कर रहे हैं. उन्होंने अपनी प्रोडक्ट रेंज प्रस्तुत की, जिसमें शुद्ध हिमालयन शिलाजीत, शिलाजीत हनी, एफर्वेसेंट टैबलेट्स (गोलियां) और शिलाजीत कॉफी शामिल थीं.
1 करोड़ रुपये की डिमांड
इस जोड़ी का उद्देश्य यह साबित करना था कि शिलाजीत केवल पुरुषों के यौन स्वास्थ्य के लिए नहीं है, बल्कि यह सभी के लिए फायदेमंद हो सकता है. उन्होंने शार्क्स से 1.25 फीसदी इक्विटी (कंपनी में हिस्सेदारी) के बदले 1 करोड़ रुपये के निवेश की मांग की. Zingavita शिलाजीत से बने हेल्थ प्रोडक्ट्स बनाती है.
इनके प्रोडक्ट्स में शिलाजीत राल, इलायची और कोला फ्लेवर वाली गोलियां, शिलाजीत हनी और शिलाजीत कॉफी शामिल हैं. ये प्रोडक्ट्स लोगों को सेहतमंद और ऊर्जावान बनाए रखने में मदद करते हैं.
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शार्क्स ने निवेश से किया इनकार
हालांकि, उनका शार्क टैंक में आना सफल नहीं रहा क्योंकि शार्क ने इस स्टार्टअप में निवेश करने से इनकार कर दिया. रितेश अग्रवाल ने प्रोडक्ट की ऊंची कीमत का हवाला दिया, वहीं अमन गुप्ता ने मजाकिया अंदाज में कहा, “आपने सब कुछ शिलाजीत से बना दिया है!” जब उन्हें शिलाजीत हनी ट्राई करने के लिए कहा गया, तो उन्होंने हंसते हुए मना कर दिया और बोले, “हमें इसकी जरूरत नहीं है.”
संस्थापकों ने अपने बिजनेस मॉडल को समझाने की कोशिश की और अमेरिका में सफलता का हवाला भी दिया, लेकिन शार्क्स इससे पूरी तरह संतुष्ट नहीं हुए. अंत में, किसी भी शार्क ने निवेश करने में रुचि नहीं दिखाई और उन्हें बिना डील के वापस लौटना पड़ा.