डॉलर इंडेक्स में आया चार महीने का निचला स्तर, रुपया हुआ मजबूत; क्या आगे जारी रहेगी तेजी?

Dollar Index ने चार महीने से अधिक का निचला स्तर छू लिया है, जिससे एशिया की करेसी में मजबूती आई है, जिसमें भारत का रुपया भी शामिल है. रुपया दो साल में अपनी सबसे बड़ी साप्ताहिक बढ़त के साथ 86.87 प्रति डॉलर पर बंद हुआ.

चार महीने के निचले स्तर पर पहुंचा डॉलर इंडेक्स Image Credit: Wong Yu Liang/Moment/Getty Images

Dollar Index Fall: डॉलर की कीमत को दर्शाने वाले डॉलर इंडेक्स ने बीते शुक्रवार को चार महीने से ज्यादा का निचला स्तर छू लिया है. यह 103 पर आ गया है. जनवरी की शुरुआत में यह करीब 110 पर था. उस समय डॉलर की मांग बढ़ रही थी क्योंकि इसे एक सुरक्षित निवेश माना जा रहा था. अब इसकी वजह से एशिया की सभी करेंसी में मजबूती आई है. रुपया (Dollar vs Rupee) भी मजबूत हुआ है. बीते हफ्ते रुपया 86.87 प्रति डॉलर पर बंद हुआ, जो दो साल में उसकी सबसे बड़ी साप्ताहिक बढ़त है.

डॉलर इंडेक्स में क्यों आई गिरावट

रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, डॉलर इंडेक्स में गिरावट की एक वजह अमेरिका में रोजगार से जुड़े आंकड़े हैं जिससे में गिरावट आई है. बाजार में पहले से ही डॉलर की खरीद ज्यादा हो चुकी थी, और अब इसका असर उल्टा पड़ रहा है, यानी निवेशक डॉलर बेच रहे हैं. इसी कारण ट्रेडर्स का मानना है कि रुपया और मजबूत हो सकता है.

हालांकि ET की रिपोर्ट के मुताबिक एक्सपर्ट्स का मानना है कि रुपये के ज्यादा मजबूत होने का समय ज्यादा लंबा नहीं होगा, क्योंकि ट्रेड वॉर का खतरा बना हुआ है. वहीं जनवरी से रुपया लगातार कमजोर हो रहा था और 10 फरवरी को ही इसने 87.95 प्रति डॉलर का रिकॉर्ड निचला स्तर छू लिया था.

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने पिछले महीने में 15 अरब डॉलर के डॉलर-रुपया स्वैप किए हैं, जिससे डॉलर की मांग बढ़ी है. इसके अलावा, 24 मार्च को RBI ने 10 अरब डॉलर का और स्वैप शेड्यूल किया है.

106 से गिरकर 103 पर पहुंचा डॉलर इंडेक्स

कुल मिलाकर देखें, तो अमेरिकी डॉलर इंडेक्स (DXY) 9 दिसंबर 2024 से 7 मार्च 2025 के बीच शुरुआत में बढ़त के बाद लगातार नीचे आया है. यह 106.15 से गिरकर 103.84 पर पहुंच गया.

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क्या होता है डॉलर इंडेक्स

जैसे 50 30 कंपनियों का औसत सेंसेक्स बताता है वैसे ही डॉलर इंडेक्स अमेरिकी डॉलर की ताकत को मापता है. यह दुनिया की 6 प्रमुख करेंसी – यूरो, येन, पाउंड, कनेडियन डॉलर, स्वीडिश क्रोना और स्विस फ्रैंक के मुकाबले डॉलर की कीमत को दर्शाता है. जब डॉलर इंडेक्स बढ़ता है, तो इसका मतलब है कि डॉलर मजबूत हो रहा है, और जब यह गिरता है, तो डॉलर कमजोर हो रहा है.