हिंदुजा ग्रुप की हो जाएगी रिलायंस कैपिटल, DPIIT ने दी मंजूरी
डीपीआईआईटी ने हिंदुजा ग्रुप की कंपनी IIHL को कर्ज में डूबी रिलायंस कैपिटल के अधिग्रहण की मंजूरी दी है. यह मंजूरी इसलिए जरूरी थी क्योंकि IIHL के कुछ शेयरधारक हांगकांग के निवासी हैं, जो चीन के नियंत्रण में है, और भारत में निवेश के लिए सरकारी मंजूरी अनिवार्य है.
इंडस्ट्री और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (DPIIT) ने हिंदुजा ग्रुप की कंपनी इंडसइंड इंटरनेशनल होल्डिंग्स लिमिटेड (IIHL) को कर्ज में डूबी रिलायंस कैपिटल लिमिटेड (RCAP) के अधिग्रहण की मंजूरी दे दी है. सूत्रों के मुताबिक, यह मंजूरी इसलिए आवश्यक थी क्योंकि IIHL के कुछ शेयरधारक हांगकांग के निवासी हैं, जो चीन के नियंत्रण वाला विशेष प्रशासनिक क्षेत्र है.
भारत सरकार के नियम (प्रेस नोट 3) के अनुसार, यदि कोई कंपनी या व्यक्ति भारत के पड़ोसी देशों (जैसे चीन, पाकिस्तान, बांग्लादेश आदि) से जुड़ा हो और भारत में निवेश करना चाहता हो, तो उसे सरकार की मंजूरी लेना अनिवार्य होता है.
क्रेडिटर्स की समिति की मिली थी मंजूरी
सूत्रों का कहना है कि डीपीआईआईटी की मंजूरी से मॉरीशस स्थित IIHL द्वारा प्रस्तुत समाधान योजना को लागू करने में मदद मिलेगी. IIHL ने 9,861 करोड़ रुपये की बोली लगाकर कर्ज में डूबी इस वित्तीय फर्म के अधिग्रहण के लिए सबसे सफल बोलीदाता के रूप में स्थान हासिल किया है. मुंबई एनसीएलटी ने 27 फरवरी 2024 को IIHL की समाधान योजना को मंजूरी दी थी. यह मंजूरी उस योजना का हिस्सा थी, जिसे क्रेडिटर्स की समिति (CoC) ने 99.96% वोट के साथ स्वीकृत किया था.
2025 की बढ़ाई गई समय सीमा
यह मंजूरी हिंदुजा ग्रुप के लिए इसलिए महत्वपूर्ण थी क्योंकि उन्हें यह सौदा 31 जनवरी 2025 की बढ़ाई गई समय सीमा तक पूरा करना होगा. यदि सौदा समय पर पूरा नहीं हुआ, तो ग्रुप को इस अधिग्रहण के लिए हाई-नेट-वर्थ इंडिविजुअल्स (HNIs), अल्ट्रा-HNIs और फैमिली ऑफिस से जुटाए गए 3,000 करोड़ रुपये लौटाने होंगे. गौरतलब है कि नवंबर 2021 में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने रिलायंस कैपिटल के बोर्ड को शासन संबंधी मुद्दों और भुगतान डिफॉल्ट के कारण भंग कर दिया था. केंद्रीय बैंक ने नागेश्वर राव वाई को प्रशासक नियुक्त किया गया.