बिहार के बिहटा में लगेगी ड्रोन की फैक्ट्री, 10000 लोगों को मिलेगा रोजगार
एवीपीएल इंटरनेशनल बिहटा में ड्रोन फैक्ट्री लगाएगी. ड्रोन मैन्युफैक्चरिंग फैसिलिटी स्टैबलिश करने पर 15 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे. मैन्युफैक्चरिंग प्लांट का निर्माण 16,000 वर्ग फुट में होगा. खास बात यह है कि इस फैक्ट्री में एक साल के अंदर 24,000 ड्रोन का बनाए जाएंगे.
बिहार के किसानों के लिए खुशखबरी है. उन्हें अब ड्रोन खरीदने लिए भागदौड़ करने की जरूरत नहीं पड़ेगी, क्योंकि एवीपीएल इंटरनेशनल पटना जिला स्थित बिहटा औद्योगिक क्षेत्र में ड्रोन मैन्युफैक्चरिंग फैसिलिटी स्टैबलिश करने की योजना बना रहा है. एक मीडिया बयान में कहा गया है कि ड्रोन फैक्ट्री में 200 कर्मचारी काम करेंगे. इसके अलावा 10,000 युवाओं को रोजगार देने में यह फैक्ट्री मदद करेगी. बिहार औद्योगिक क्षेत्र विकास प्राधिकरण द्वारा समर्थित, इस पहल का उद्देश्य स्थानीय मैन्युफैक्चरिंगको बढ़ावा देना है.
ड्रोन मैन्युफैक्चरिंग फैसिलिटी स्टैबलिश करने पर 15 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे. मैन्युफैक्चरिंग प्लांट का निर्माण 16,000 वर्ग फुट में होगा. खास बात यह है कि इस फैक्ट्री में एक साल के अंदर 24,000 ड्रोन का बनाए जाएंगे. ये ड्रोन कृषि के साथ-साथ अन्य जरूरतों के हिसाब से बनाए जाएंगे. यह परियोजना भारत सरकार के ‘मेक इन इंडिया’ विजन के अनुरूप है, जो स्थानीय मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देती है और युवाओं को सशक्त बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है.
स्थानीय लोगों को सशक्त बनाने का लक्ष्य
बिजनेस लाइन की रिपोर्ट के मुताबिक, एवीपीएल इंटरनेशनल के संस्थापक और प्रबंध निदेशक प्रीत संधू के हवाले से बयान में कहा गया है कि यह परियोजना सिर्फ एक मैन्युफैक्चरिंग फैसिलिटी से कहीं अधिक है. यह स्थानीय लोगों को सशक्त बनाने, क्षमता निर्माण और ड्रोन एंटरप्रेन्योरशिप को बढ़ावा देने में मदद करेगी. प्रीत संधू ने कहा कि स्थानीय प्रतिभा का लाभ उठाकर, हमारा लक्ष्य क्षेत्रीय विकास को बढ़ावा देना और ड्रोन टेक्नोलॉजी में भारत के वैश्विक नेतृत्व में योगदान देना है.
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इन राज्यों को भी होगा फायदा
प्रीत संधू ने कहा कि बिहटा में ड्रोन मैन्युफैक्चरिंग फैसिलिटी स्टैबलिश होने से बिहार के अंदर कृषि में ड्रोन के इस्तेमाल को बढ़ावा मिलेगा. इससे खेती करने में असानी होगी और उत्पादन भी बढ़ेगा. बड़ी बात यह है कि ड्रोन के इस्तेमाल करने से इनपुट लागत में भी गिरावट आएगी. प्रीत संधू ने कहा कि पश्चिम बंगाल, झारखंड, ओडिशा, अरुणाचल प्रदेश, असम, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड और त्रिपुरा जैसे राज्यों के लिए कृषि ड्रोन का इस्तेमाल करने से किसानों को काफी फायदा होगा. उनके अनुसार इन राज्यों में तकनीकी इस्तेमाल से कृषि उत्पादन में बढ़ोतरी लाई जा सकती है.
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