कबीर के भरोसे Flipkart Minutes ! 10 मिनट डिलिवरी की संभाल सकते हैं कमान

Dunzo के को-फाउंडर कबीर बिस्वास Flipkart Minutes के ऑपरेशंस हेड बन सकते हैं. Flipkart ने उन्हें प्रस्ताव दिया है. Flipkart Minutes, Walmart के स्वामित्व वाली Flipkart की क्विक डिलीवरी सर्विस है. इस सेगमेंट में Flipkart ने थोड़ी देर से कदम रखा है, जिससे कंपटीशन में आगे बढ़ने के लिए उन्हें एक अनुभवी व्यक्ति की जरूरत है.

Dunzo के को-फाउंडर कबीर बिस्वास Flipkart Minutes के ऑपरेशंस हेड बन सकते हैं. Image Credit:

Dunzo के को-फाउंडर कबीर बिस्वास जल्द ही Flipkart Minutes के ऑपरेशंस हेड बन सकते हैं. इस मामले में उनकी Flipkart से बातचीत चल रही है. अगर बातचीत यह सफल रहती है, तो वह जल्द ही नई भूमिका में नजर आएंगे. कबीर ने 2014 में Dunzo की शुरुआत की थी. कंपनी इस समय मुश्किल में हैं और अपने कारोबार को संभालने में संघर्ष कर रही है.

Flipkart ने दिया प्रस्ताव

मनी कंट्रोल की रिपोर्ट के अनुसार, Flipkart ने कबीर बिस्वास को प्रस्ताव दिया है और अगर बातचीत सफल होती है, तो बिस्वास जल्द ही अपनी नई भूमिका में शामिल हो सकते हैं. कंपनी को उम्मीद है कि Dunzo को चलाने का उनका एक दशक का अनुभव Flipkart Minutes के लिए लाभकारी साबित होगा. बिस्वास, Flipkart के वरिष्ठ उपाध्यक्ष हेमंत बद्री के साथ काम करेंगे, जो पहले से ही Flipkart की सप्लाई चेन के प्रमुख हैं.

Google ने किया निवेश

हाल ही में Google ने Flipkart में निवेश किया है. Google का पहले से ही Dunzo में निवेश है, जिससे अब इसके पास दोनों कंपनियों में हिस्सेदारी है. इस टेक दिग्गज के पास फ्लिपकार्ट में लगभग 1 प्रतिशत की हिस्सेदारी है,जबकि Dunzo में इसकी हिस्सेदारी लगभग 19 प्रतिशत है.

Swiggy और Zepto से मुकाबल

Flipkart Minutes, Walmart के स्वामित्व वाली Flipkart की क्विक डिलीवरी सर्विस है. इस सेगमेंट में Flipkart ने थोड़ी देर से कदम रखा है, जिससे कंपटीशन में आगे बढ़ने के लिए उन्हें एक अनुभवी व्यक्ति की जरूरत है. इस सेगमेंट में पहले से ही कई दिग्गज कंपनियां मौजूद है जिनमें Swiggy, Zepto और BigBasket शामिल है.

ये भी पढ़े-कौन है विल्मर, जिससे अडानी ने बनाई दूरी, अब भारत में अकेले करेगी ये काम

2014 में हुई थी Dunzo की शुरुआत

Dunzo एक हाइपरलोकल क्विक मार्ट कंपनी है, जिसकी शुरुआत 2014 में व्हाट्सएप ग्रुप से हुई थी. बाद में कंपनी ने कई बड़े निवेशकों से 400 मिलियन डॉलर का फंड जुटाया, जिसमें रिलायंस, Google, Bloom Ventures, Lightrock जैसी कंपनियां शामिल हैं. हालांकि, इस सेगमेंट में बढ़ते कंपटीशन के चलते कंपनी आर्थिक चुनौतियों का सामना कर रही है. इसने अपने कामकाज को बनाए रखने के लिए Swiggy और BigBasket के साथ बातचीत की, जो सफल नहीं हो सकी.