Economic Survey 2025: केरल और तमिलनाडु पर फिदा हुए CEA, बोले एग्रीकल्‍चर और फुटवियर इंडस्ट्री में दिखा इनका दम

इकोनॉमिक सर्वे 2025 में देश में अलग-अलग क्षेत्रो में हो रहे विकास कार्य के बारे में बताया गया. इस दौरान आर्थिक सर्वेक्षण के चीफ इकोनॉमिक एडवाइजर (CEA) वी अनंत नागेश्वरन ने देश के दो राज्‍यों केरल और तमिलनाडु की सराहना की.

economic survey 2025 kerala and tamil nadu Image Credit: freepik

Economic Survey 2025: देश का आम बजट 1 फरवरी, 2025 को संसद में पेश किया जाएगा. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण इस दौरान कई अहम घोषणा कराएंगी. बजट के ठीक एक दिन पहले 31 जनवरी को इकोनॉमिक सर्वे भी जारी हो चुका है. इस आर्थिक सर्वेक्षण 2025 के चीफ इकोनॉमिक एडवाइजर (CEA) वी अनंत नागेश्वरन ने देश के दो राज्‍यों केरल और तमिलनाडु की सहराना की. उन्‍होंने केरल के गरीब किसानों को बढ़ावा देने के लिए राज्‍य की ओर से चलाई जाने वाली लैंड लीजिंग योजना को देश के लिए मिसाल बताया, तो वहीं तमिलनाडु के फुटवियर मैन्युफैक्चरिंग के जरिए भारत के विकास में अहम भूमिका निभाने की भी तारीफ की.

आर्थिक सर्वेक्षण 2025 में CEA ने कहा कि केरल में जिस तरह से छोटे और सीमांत किसानों को खेती के लिए प्रेरित करने और उन्‍हें किराये पर जमीन उपलब्‍ध कराई जा रही है, ये काबिले तारीफ है. इससे कम आय वाले परिवारों को आर्थिक रूप से सबल बनने में मदद मिलेगी. बता हें इस योजना के तहत महिला या पुरुष वर्ग के एक समूह को खेती के लिए जमीन किराये पर लेने की सुविधा मिलती है. जिसके तहत उन्‍हें 3 साल के लिए जमीन रेंट पर मिलता है. जिसमें किसान आसानी से फसल उगा सकते हैं.

पट्टे पर मिलती है जमीन

यह समझौता भारतीय अनुबंध अधिनियम, 1872 के तहत किया जाता है, जिसमें पट्टे पर यानी लीज पर जमीन दी जाती है. इसमें निश्चित जमीन देने वाले और फसल उगाने वाले को पर्याप्‍त मुआवजा मिले इसके लिए ग्राम पंचायत (जीपी) लेनदेन में एक पक्ष बनती है और यह समझौता वहां रजिस्‍टर्ड किया जाता है. इससे पट्टेदार समूह को लोन और बीमा की सुविधा भी मिलती है. यह समझौता 3 से 5 वर्ष के लिए होता है.

ये भी हैं फायदे

बागवानी फसलें पट्टेदार को जमीन की गुणवत्ता बनाए रखने और उसको बेहतर बनाने के लिए प्रोत्साहित करती है. इस योजना के तहत समूह को कृषि गतिविधियों के लिए सरकारी सहायता भी मिलती है. चूंकि गरीब किसानों के लिए जमीन खरीदना मु‍मकिन नहीं है, लगभग 85 प्रतिशत से अधिक सदस्य निम्न आय वर्ग के तहत आते हैं, ऐसे लोगों को लीज पर खेती करना काफी फायदेमंद है.

राज्‍य की 38 फीसदी है हिस्‍सेदारी

आर्थिक सर्वेक्षण में कहा गया कि तमिलनाडु पारंपरिक चमड़ा क्षेत्र में एक प्रमुख खिलाड़ी है और देश के विकास में भी इसकी अहम भूमिका रही है. भारत के फुटवियर और परिधान उद्योग में राज्य की हिस्सेदारी 38 प्रतिशत है. इतना ही नहीं ये राज्‍य भारत के कुल चमड़ा उत्पादन का लगभग 47 प्रतिशत योगदान देता है.

2 लाख से ज्‍यादा लोगों को मिला रोजगार

सर्वे में बताया गया कि तमिलनाडु में फुटवियर डेवलपमेंट इंडस्‍ट्री के जरिए 2 लाख से ज्‍यादा लोगों को रोजगार मिला है. यहां सेंट्रल लेदर रिसर्च इंस्टीट्यूट, काउंसिल फॉर लेदर एक्‍सपोर्ट, फुटवियर डिजाइन एंड डेवलपमेंट इंस्टीट्यूट एंड डेवलपमेंट इंस्टीट्यूट भी है.

Nike के लिए मैन्‍युफैक्‍चरिंग

तमिलनाडु सरकार ने बड़े फुटवियर निर्माताओं खासतौर पर विदेशी निवेशकों को आकर्षित करने के लिए कई अहम कदम उठाए हैं, जो इस प्रकार हैं.

  • राज्य ने ग्रामीण क्षेत्रों में औद्योगिक एस्टेट को विकसित करने पर ध्यान दिया जिससे वहां मौजूद वर्कफोर्स खासतौर पर महिला वर्कर्स तक पहुंच आसन हो.
  • इन प्रयासों के चलते ताइवान के फेंग टेय को भी आकर्षित किया. उन्‍होंने Nike के लिए तमिलनाडु में कॉन्‍ट्रैक्‍चुअल मैन्‍युफैक्‍चरिंग सेटअप तैयार किया है.
  • इसके अलावा विदेशी निवेशकों को भारत लाने और वहां व्‍यापार करने के लिए प्रोत्‍साहित करने के लिए राज्‍य सरकार ने प्रमोशन एजेंसी, गाइडेंस पर पैसे खर्च किए.
  • ये ताइवान के निवेशकों को रिझाने में कामयाब हुआ. इसमें तमिलनाडु को मैन्‍युफैक्‍चरिंग के लिए एक बेहतरीन जगह के तौर पर पेश किया गया. सर्वेक्षण में दूसरे राज्‍यों को भी इनसे प्रेरणा लेने की बात कही गई है.