Economic Survey: भारतीय अर्थव्यवस्था पर मजूबत हुआ दुनिया का भरोसा, अप्रैल-नवंबर के दौरान 17.2 फीसदी बढ़ा FDI
भारतीय अर्थव्यवस्था पर दुनिया का भरोसा मजबूत होता हुआ दिख रहा है. मौजूदा वित्त वर्ष के हालिया आंकड़े बताते हैं कि शुरुआती 8 महीने में ही देश में तकरीबन 5 लाख करोड़ रुपये का फॉरेन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट (FDI) किया जा चुका है.
Economic Survey FDI Hike by 17 percent: भारत के लिए 1 फरवरी के दिन का काफी महत्व है. इस दिन देश का आम बजट पेश किया जाता है. उससे एक दिन पहले यानी 31 जनवरी को इकोनॉमिक सर्वे पेश सदन में टेबल होता है. उसी कड़ी में आज, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सदन में आर्थिक सर्वेक्षण टेबल किया. सर्वेक्षण के मुताबिक, भारतीय अर्थव्यवस्था पर दुनिया का भरोसा मजबूत होता हुआ दिख रहा है. मौजूदा वित्त वर्ष के हालिया आंकड़े बताते हैं कि शुरुआती 8 महीने में ही देश में तकरीबन 5 लाख करोड़ रुपये का फॉरेन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट (FDI) किया जा चुका है. पिछले साल के समान अवधि में किए गए निवेश से यह आंकड़ा 17 फीसदी अधिक है.
कितना बढ़ा FDI
वित्त मंत्री ने संसद में बताया कि देश में डायरेक्ट निवेश चालू वित्त वर्ष में बढ़ा है. यह 2024-25 में अप्रैल-नवंबर के दौरान 17.2 फीसदी से बढ़कर तकरीबन 4.81 लाख करोड़ रुपये हो गया. वहीं बीते साल के पहले 8 महीने में यह 47.2 अरब डॉलर था.
सर्वे में कहा गया कि महंगाई के दबाव, विकसित अर्थव्यवस्थाओं में बढ़ती ब्याज दरों और वैश्विक स्तर पर तनाव जैसे कारणों से वैश्विक बाजारों में कुछ समय के लिए अस्थिरता है इसके बावजूद, भारत में FDI के लिए लंबे समय का दृष्टिकोण अनुकूल बना हुआ है. सर्वे के मुताबिक, ‘वित्त वर्ष 2024-25 के पहले 8 महीनों में FDI में सुधार दिखे हैं. हालांकि, पैसा स्वदेश भेजने या विनिवेश में बढ़ोतरी के कारण अप्रैल-नवंबर, 2023 की तुलना में नेट FDI रेट में कमी आई है.’
किस क्षेत्र में हुई सबसे ज्यादा निवेश
इसके अलावा यह भी कहा गया कि भारत में एफडीआई अप्रैल, 2000 से सितंबर, 2024 तक 1,000 अरब डॉलर के आंकड़े को पार कर गया है. सर्वे में कहा गया है कि सेवा क्षेत्र के जरिये सबसे ज्यादा एफडीआई आए हैं. वित्त वर्ष 2024-25 की पहली छमाही में कुल कैपिटल सप्लाई में से 19.1 फीसदी हिस्सा सेवा क्षेत्र में आया है.
विदेशी निवेश के जरिये सबसे ज्यादा कंप्यूटर सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर (14.1 प्रतिशत), ट्रेडिंग (9.1 प्रतिशत), गैर-पारंपरिक ऊर्जा (7 प्रतिशत) और सीमेंट और जिप्सम उत्पादन (6.1 प्रतिशत) जैसे क्षेत्र शामिल हैं.