Economic Survey 2025: मोदी सरकार को हर साल देनी होगी 78.5 लाख नौकरियां, जानें इकोनॉमिक सर्वे ने क्यों दिया ये टारगेट
Economic Survey 2025 31 जनवरी को वित्त मंत्रालय निर्मला सीतारमण की ओर से पेश कर दिया गया है. वित्त मंत्रालय के मुख्य आर्थिक सलाहकार (CEA) की ओर से तैयार की गई इस रिपोर्ट में रोजगार को लेकर भारत की स्थिति और इसकी बेहतरी के लिए कुछ सुझाव दिए गए हैं, जिसके तहत सरकार को आने वाले कई वर्षों तक नए रोजगार जनरेट करने का सुझाव दिया गया है.
Economic Survey 2025 on employment trends: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी को वित्त वर्ष 2025-26 को बजट पेश करेंगी. उससे पहले 31 जनवरी यानी आज उन्होंने संसद में इकनॉमिक सर्वे पेश किया. वित्त मंत्रालय के मुख्य आर्थिक सलाहकार (CEA) की ओर से तैयार किए गए इस रिपोर्ट में रोजगार को लेकर भारत की स्थिति और इसकी बेहतरी के लिए किन पहलों को अमल में लाने की जरूरत है, इसका सुझाव दिया गया. सर्वे के अनुसार भारत को 2030 तक हर साल (गैर कृषि क्षेत्र में)78.5 लाख नए रोजगार पैदा करने होंगे. जिससे कृषि को छोड़कर सरकार को दूसरे क्षेत्रों में रोजगार पर फोकस करना होगा. साथ ही 100 प्रतिशत साक्षरता हासिल करने, शिक्षा संस्थानों की गुणवत्ता को सुधारने और भविष्य के लिए हाई क्वालिटी इंफ्रास्ट्रक्चर को तेजी से बनाना होगा, इससे देश के विकास में मदद मिलेगी.
देश की 26 प्रतिशत जनसंख्या 10-24 साल के बीच
इकोनाॅमिक सर्वे के मुताबिक भारत दुनिया के सबसे युवा राष्ट्रों में से एक है. भारत में लगभग 26 प्रतिशत जनसंख्या 10-24 वर्ष की आयु के बीच है. ऐसे में डेमोग्राफिक लेवल पर भारत ऐसी स्थिति में है जहां विकास की काफी संभावनाए हैं. किसी देश की आर्थिक सफलता इस बात पर निर्भर करती है कि वह अपने बढ़ते वर्कफोर्स को प्रोडक्टिव और सार्थक भूमिकाओं में लगाएं, जिससे लॉन्ग टर्म में देश को फायदा हो.
स्किल डेवलपमेंट से बनेगी बात
सर्वे में सुझाव दिया गया कि भारत के डेमोग्राफिक लेवल का पूरा लाभ उठाने के लिए सरकार को गुणवत्तापूर्ण नौकरियां जनरेट करनी होंगी, जिससे लॉन्ग टर्म के लिए आजीविका का बंदोबस्त हो जाए. सरकार अभी रीस्किलिंग, अपस्किलिंग और न्यू-स्किलिंग पर जोर देकर कार्यबल को वैश्विक मांग के अनुरूप लाने की कोशिश कर रही है, जिसे आगे और बढ़ाए जाने की जरूरत है. इससे घरेलू और अंतरराष्ट्रीय रोजगार क्षमता को बढ़ावा मिलेगा.
AI समेत इन क्षेत्रों पर करना होगा फोकस
नए रोजगार को बढ़ावा देने के लिए सरकार को विनिर्माण क्षेत्र यानी मैन्यूफैक्चरिंग सेग्मेंट को और विकसित करना होगा. साथ ही देश-विदेश में बढ़ते टेक्नोलॉजी के दौर में आगे रहने के लिए AI, रोबोटिक्स और बायोटेक्नोलॉजी जैसी उभरती टेक्नोलॉजी में निवेश करना होगा आवश्यक होगा. युवाओं को बेहतर ट्रेनिंग मिले और शुरू से ही उनका संपूर्ण विकास हो इसके लिए शिक्षण संस्थानों की गुणवत्ता बढ़ानी होगी.
यह भी पढ़ें: Economic Survey 2025: मुख्य आर्थिक सलाहकार बोले ‘डीरेगुलेशन से रिफॉर्म’ की राह पर बढ़ना होगा
बेरोजगारी दर हुई कम
2023-24 की एनुअल पीरियॉडिक श्रम बल सर्वेक्षण (PLFS) रिपोर्ट के अनुसार, 15 साल और उससे ज्यादा उम्र के व्यक्तियों के लिए बेरोजगारी दर घटी है. ये 2017-18 के 6 प्रतिशत से घटकर 2023-24 में 3.2 प्रतिशत हो गई है. जगकि श्रम बल भागीदारी दर (LFPR) और कार्यकर्ता-जनसंख्या अनुपात (WPR) में भी वृद्धि हुई है. वित्त वर्ष की 2025 की दूसरी तिमाही में भी इसी उम्र के लोगों के शहरी बेरोजगारी दर में भी थोड़ा सुधार देखने को मिला है, जो 6.4 प्रतिशत हो गई है.
Source: Economic Survey 2024-25
विकसित राष्ट्र बनने के लिए करना होगा ये काम
2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने की परिकल्पना की गई है, इसे पूरा करने के लिए कम से कम एक दशक तक हर साल करीब 8 प्रतिशत की सतत आर्थिक वृद्धि यानी ससटेनेबल इकोनॉमिक ग्रोथ की जरूरत होगी. सर्वे में सुझाव दिया गया कि इस ग्रोथ को हासिल करने के लिए निवेश दर को मौजूदा 31 प्रतिशत से बढ़ाकर सकल घरेलू उत्पाद यानाी GDP का लगभग 35 प्रतिशत करना होगा.