Economic Survey 2025: 2047 तक विकसित देश बनेगा भारत, जानें इसके लिए क्या-क्या है जरूरी
31 जनवरी यानी शुक्रवार को इकोनॉमिक सर्वे जारी किया गया. सर्वे में कहा गया है कि 2047 तक विकसित भारत बनने का सपना साकार हो सकता है. लेकिन इसके लिए अगले दो दशकों तक देश की औसत विकास दर मजबूत होनी चाहिए. साथ ही सभी चीजों की कीमतें स्थिर रहनी चाहिए.
Economic Survey: 1 फरवरी यानी शनिवार को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण संसद भवन में आम यूनियन बजट 2025 पेश करेंगी. लेकिन इससे एक दिन पहले शुक्रवार को इकोनॉमिक सर्वे जारी किया गया. इस सर्वे में कहा गया है कि 2047 तक ‘विकसित भारत’ बनने का सपना तभी साकार होगा, जब अगले 20 साल तक देश का औसत विकास दर 8 फीसदी होगी. साथ ही खाने-पीने से लेकर अन्य वस्तुओं की कीमतों पर महंगाई की मार नहीं पड़े.
इसका मतलब यह हुआ कि भारत को अपनी इकोनॉमिक ग्रोथ को बनाए रखने के लिए लगातार प्रयास करने होंगे, जिसमें एजुकेशन, हेल्थ और बेसिक इंफ्रास्ट्रक्चर में इन्वेस्ट शामिल है. यह भारत को एक डेवलप्ड इकोनॉमी बनाने में मदद करेगा और इससे नागरिकों के जीवन स्तर में बेहतरी आएगी.
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ग्रोथ को आगे बढ़ाना बहुत जरूरी
वित्त मंत्रालय के मुख्य आर्थिक सलाहकार द्वारा इकोनॉमिक सर्वे को तैयार किया गया है. सर्वे रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत के लिए इस ग्रोथ को आगे बढ़ाना बहुत महत्वपूर्ण है. ताकि वह अपनी मौजूदा आर्थिक स्थिति और 2047 तक विकास देश बनने का सपना पूरा करने के लिए बीच की खाई को पाट सके.
8 प्रतिशत की ग्रोथ दर
रिपोर्ट में कहा गया है कि देश की आजादी के 100 साल पूरे होने तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के लिए दो दशकों तक स्थिर कीमतों पर औसतन 8 प्रतिशत की ग्रोथ दर हासिल करने की जरूरत है. हलांकि, सर्वे में ये भी कहा गया है कि ग्लोबल पॉलिटिक्स और इकोनॉमिक एनवायरनमें आने वाले वर्षों में भारत के विकास पथ को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा. साथ ही इंटरनेशनल ट्रेड डायनेमिक, जियोपॉलिटिकल स्टेबिलिटी और ग्लोबल इकॉनोमिक ट्रेंड जैसे फैक्टर भारत की ऐसी हाई विकास दर को बनाए रखने की क्षमता पर महत्वपूर्ण असर डालेंगे. खासकर तब जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा टैरिफ बढ़ोतरी का खतरा मंडरा रहा है.
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घरेलू नीतियां भी बहुत महत्वपूर्ण
सीईए की निगरानी वाली रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि इस ग्रोथ को आगे बढ़ाने के लिए घरेलू नीतियां और सुधार महत्वपूर्ण हैं. लेकिन भारत की सफलता कई फैक्टर्स पर निर्भर करेगी, जिसमें टेक्नोलॉजी में इनोवेशन, बुनियादी ढांचे में निवेश, ह्यूमन कैपिटल डेवलपमेंट और समावेशिता शामिल हैं