Torres Jewellery Ponzi Scheme: 1000 करोड़ के फ्रॉड मामले में ED की कार्रवाई,10 ठिकानों पर मारा छापा
8 जनवरी को मुंबई पुलिस की शिवाजी पार्क पुलिस ने एक शिकायत के आधार पर स्थानीय ज्वैलरी कंपनी के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया था. अब ईडी ने उसी केस पर कार्रवाई करते हुए 10 ठिकानों पर छापेमारी की है.
टोरेस ज्वैलरी फ्रॉड मामले को सामने आए काफी समय हो गया है. अब प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने गुरुवार को इस मामले पर बड़ी कार्रवाई करते हुए मुंबई और जयपुर के 10 ठिकानों पर छापेमारी कर दी है. मुंबई पुलिस ने कुछ दिन पहले इस कथित घोटाले को लेकर मनी लॉन्ड्रिंग की शिकायत दर्ज की थी जिसके बाद ईडी ने ये कार्रवाई शुरू की.
दरअसल मुंबई और उसके आसपास के एक लाख से अधिक निवेशकों को टोरेस निवेश योजनाओं में निवेश के लिए कहा गया था. निवेश के लिए कंपनी ने निवेशकों को मोटे रिटर्न का लालच देकर उनसे 1000 करोड़ रुपये से अधिक की ठगी कर ली.
कोर्ट ने की तीखी आलोचना
टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक, बुधवार को बॉम्बे हाई कोर्ट को मुंबई पुलिस ने बताया था कि टोरेस ज्वैलरी पोंजी स्कीम मामले में 12 में से 8 आरोपी जिनमें से 7 यूक्रेनियन और 1 भारतीय शामिल हैं, 20 दिसंबर, 2024 से पहले भारत से भाग गए हैं. इसके बाद कोर्ट के बेंच ने पुलिस की तीखी आलोचना करते हुए उन पर मामले को संभालने में चूक का आरोप लगाया.
न्यायमूर्ति रेवती मोहिते डेरे और नीला गोखले की पीठ ने अपनी नाराजगी जताते हुए कहा कि किसी ने भी स्थिति से निपटने के में तत्परता से काम नहीं किया. रिपोर्ट के मुताबिक, न्यायालय ने मामले की गंभीरता पर जोर देते हुए पुलिस से स्थिति के प्रति सजग रहने और निवेशकों को और अधिक वित्तीय नुकसान से बचाने के लिए तुरंत एक्शन लेने की भी नसीहत दी.
क्या है पूरा मामला?
दरअसल 8 जनवरी को मुंबई पुलिस की शिवाजी पार्क पुलिस ने एक शिकायत के आधार पर स्थानीय ज्वैलरी कंपनी के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया था. उस वक्त आरोप था कि टोरेस ज्वैलर्स ने निवेशकों को कथित तौर पर 13.48 करोड़ रुपये से ज्यादा का चूना लगाया है.
इससे पहले भी इस कंपनी को लेकर पुलिस को कई शिकायतें मिल रही थी जिसके बाद पुलिस ने कार्रवाई शुरू की. कंपनी ने 2024 में दादर में एक बड़ा आउटलेट खोला था जिसके बाद इनकी संख्या में लगातार इजाफा होता गया.