सहारा ग्रुप पर ED की बड़ी कार्रवाई; 1538 करोड़ की बेनामी संपत्ति जब्त, पोंजी स्कीम का भी पर्दाफाश
सहारा ग्रुप के खिलाफ ईडी ने कड़ा कदम उठाते हुए समूह की 1538 करोड़ की बेनामी संपत्ति जब्त की है. यह जमीन 16 शहरों में फैली हुई हैं. इतना हीं नहीं ईडी ने सहारा ग्रुप की ओर से चलाई जा रही पोंजी स्कीम का भी खुलासा किया है, साथ ही ग्रुप पर निवेशकों से धोखाधड़ी किए जाने का आरोप लगाया है.

ED action on Sahara Group: सहारा ग्रुप की मुश्किलें थमने का नाम नहीं ले रही हैं. प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने सहारा ग्रुप के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग की जांच में बड़ी कार्रवाई की है. इसके तहत 1,538 करोड़ रुपये से ज्यादा की संपत्ति जब्त की गई है. ED ने धन शोधन निवारण अधिनियम यानी PMLA के तहत यह कार्रवाई की है. प्रवर्तन निदेशालय ने एक अस्थायी आदेश जारी कर सहारा प्राइम सिटी लिमिटेड की 1,023 एकड़ जमीन को जब्त की है. यह जमीन 16 शहरों में फैली है.
ED के मुताबिक जब्त की गई जमीन की कीमत 2016 के सर्किल रेट के अनुसार 1538 करोड़ रुपये है. इन जमीनों को “बेनामी” लेनदेन के जरिए खरीदा गया था, जिसमें सहारा समूह की कंपनियों से डायवर्ट किए गए फंड का इस्तेमाल हुआ है. ये जमीनें गुजरात, ओडिशा, महाराष्ट्र, कर्नाटक, राजस्थान, जम्मू-कश्मीर और उत्तर प्रदेश में स्थित हैं.
पहले भी जब्त हुई थी संपत्ति
इससे पहले पिछले हफ्ते भी ED ने सहारा ग्रुप के खिलाफ एक्शन लिया था. उस दौरान महाराष्ट्र के लोनावाला में स्थित आंबी वैली में 707 एकड़ जमीन को जब्त किया था, जिसकी मार्केट वैल्यू 1,460 करोड़ रुपये है. यह कार्रवाई सहारा ग्रुप के खिलाफ चल रही मनी लॉन्ड्रिंग जांच का हिस्सा है, जो देश भर में विभिन्न राज्य पुलिस विभागों की ओर से दायर 500 से अधिक FIRs पर आधारित है.
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पोंजी स्कीम का खुलासा
ED ने न सिर्फ सहारा ग्रुप की संपत्ति जब्त की बल्कि उस पर गंभीर आरोप भी लगाए हैं. जांच में पाया गया कि सहारा ग्रुप ने हमारा इंडिया क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड (HICCSL), सहारा क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड (SCCSL), सहारायन यूनिवर्सल मल्टीपर्पस कोऑपरेटिव सोसाइटी (SUMCS), स्टार्स मल्टीपर्पस कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड (SMCSL), सहारा इंडिया कमर्शियल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (SICCL), सहारा इंडिया रियल एस्टेट कॉर्पोरेशन लिमिटेड (SIRECL), सहारा हाउसिंग इन्वेस्टमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड (SHICL) जैसी अपनी विभिन्न इकाइयों के जरिए एक “पोंजी स्कीम” चलाई. ED का कहना है कि समूह ने निवेशकों और एजेंटों को हाई रिटर्न और कमीशन का लालच देकर धोखा दिया और उनसे जुटाई गई रकम को सहारा ग्रुप ने बेनामी संपत्तियों में निवेश किया. सहारा ग्रुप ने निवेशकों के पैसों का गलत इस्तेमाल किया है.
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