तेलंगाना बैंक ‘लोन फ्रॉड’ मामले में ED को मिली बड़ी सफलता, SBI को लौटाई 30.71 करोड़ रुपये की संपत्ति

तेलंगाना की शीतल रिफाइनरीज लिमिटेड (SRL) और उससे जुड़ी दूसरी कंपनियों द्वारा किए गए करीब 190 करोड़ रुपये के बैंक धोखाधड़ी मामले में ईडी को बड़ी सफलता मिली है. ED बताया है कि उसने जांच के दौरान 30.71 करोड़ रुपये की संपत्ति स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) को वापस कर दी है.

प्रवर्तन निदेशालय Image Credit: tv9

Loan Fraud : प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मनी लॉन्ड्रिंग के खिलाफ बड़ा एक्शन लिया है. ईडी ने बताया कि उसने मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच के दौरान 30.71 करोड़ रुपये की संपत्ति स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) को वापस कर दी है. दरअसल, यह मामला तेलंगाना की शीतल रिफाइनरीज लिमिटेड (SRL) और उससे जुड़ी दूसरी कंपनियों द्वारा किए गए करीब 190 करोड़ रुपये के बैंक धोखाधड़ी से जुड़ा है, जिस पर ईडी जांच कर रही थी.

कैसे हुआ घोटाला?

दरअसल, शीतल रिफाइनरीज ने SBI और पंजाब नेशनल बैंक (PNB) समेत कई बैंकों से लोन लिया था, जो बाद में यह लोन एनपीए बन गया. कंपनी ने फर्जी और जाली बिलों के आधार पर बैंकों से 21 धोखाधड़ी भरे लेटर ऑफ क्रेडिट (LCs) लिए, जिनके बदले कोई असली लेन-देन या व्यापार नहीं हुआ.

कंपनी के प्रमोटरों ने इस पैसे को अपनी कंपनी, खुद के और परिवार के बैंक खातों में ट्रांसफर कर दिया. कुछ रकम नकद निकाली गई और बाकी का इस्तेमाल अलग-अलग संपत्तियों में निवेश करने के लिए किया गया.

बैंकों को हुआ भारी नुकसान

इस धोखाधड़ी से SBI को 136.28 करोड़ रुपये और PNB को 53.82 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ. खास बात यह भी है कि इस राशि का एक बड़ा हिस्सा कैश के रूप में निकाला गया, जबकि कुछ रकम से प्रॉपर्टी में निवेश किया गया.

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ED ने जब्त की संपत्ति

ED ने इस मामले में 2016 और 2022 में कुल 52.77 करोड़ रुपये की संपत्ति अटैच की थी. बाद में SBI ने PMLA की धारा 8(8) के तहत कोर्ट में अर्जी लगाई, ताकि जब्त संपत्तियों को वापस लिया जा सके. 7 फरवरी को हैदराबाद की विशेष अदालत ने आदेश जारी कर 30.71 करोड़ रुपये की संपत्ति SBI को लौटाने का निर्देश दिया था. ED ने इसे बैंकों को उनकी वैध संपत्ति लौटाने की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम बताया.