ईडी ने Paytm और उसकी दो सहायक कंपनियों को थमाया नोटिस , जानें क्या है पूरा मामला

इस नोटिस में कंपनी से जवाब मांगा गया है कि उसने नियमों का उल्लंघन क्यों किया. यह नोटिस पेटीएम के लिए एक बड़ा झटका हो सकता है, क्योंकि यह कंपनी की वित्तीय स्थिति और प्रबंधन पर सवाल उठाता है.

Paytm की बढ़ी मुश्किलें. Image Credit: @tv9

Paytm Notice: ईडी ने पेटीएम की पैरेंट कंपनी वन 97 कम्युनिकेशन्स (OCL) को नोटिस थमाया है. यह नोटिस पेटीएम और इसकी दो सहायक कंपनियों को कथित तौर पर 611 करोड़ रुपये के उल्लंघन से जुड़े एक मामले के लिए दिया गया है. न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, इस नोटिस में कंपनी से जवाब मांगा गया है कि उसने नियमों का उल्लंघन क्यों किया. यह नोटिस पेटीएम के लिए एक बड़ा झटका हो सकता है, क्योंकि यह कंपनी की वित्तीय स्थिति और प्रबंधन पर सवाल उठाता है.

ओसीएल ने बीएसई को एक अधिसूचना में बताया है कि 27 फरवरी को जारी नोटिस विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) के प्रावधानों के आसपास के कथित उल्लंघनों के संबंध में भेजा गया था. इसका मतलब है कि ओसीएल पर फेमा के नियमों का उल्लंघन करने का आरोप है, और उन्हें इसके बारे में जवाब देना होगा.

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कंपनी ने फाइलिंग में दी जानकारी

ईडी ने ओसीएल, लिटिल इंटरनेट और नियरबाय इंडिया में गैर-अनुपालन की पहचान की है, जिसकी कीमत क्रमशः 245 करोड़ रुपये, 345 करोड़ रुपये और 20.9 करोड़ रुपये है. यह गैर-अनुपालन कथित तौर पर फेमा के नियमों के उल्लंघन से संबंधित है, जैसा कि कंपनी ने अपनी फाइलिंग में बताया है.

कंपनी लेगी कानूनी सलाह

ओसीएल ने आगे कहा है कि वह इस नोटिस के संबंध में कानूनी सलाह ले रहा है और मामले को लागू कानूनों और नियामक प्रक्रियाओं के अनुसार सुलझाने के लिए उचित कदम उठा रहा है. इसका मतलब है कि कंपनी इस मामले को गंभीरता से ले रही है और कानूनी रूप से इसका समाधान निकालने की कोशिश कर रही है. कंपनी ने यह भी कहा है कि वह इस मामले को जल्द से जल्द सुलझाने की कोशिश कर रही है, ताकि इसका असर उसके व्यवसाय पर न पड़े.

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कब से चल रहा है मामला

इन कथित उल्लंघनों से तीन कंपनियों में कुछ निवेश लेनदेन से संबंधित होने का पता चलता है. यह उल्लंघन विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) के प्रावधानों के विरुद्ध हो सकते हैं, जो भारत में विदेशी मुद्रा लेनदेन को नियंत्रित करता है. खास बात यह है कि पेटीएम की दो सहायक कंपनियों में अनुपालन मुद्दे तब से हैं जब वे पेटीएम के अधीन नहीं थीं.

2017 में किया था अधिग्रहण

2017 में पेटीएम ने हाइपर लोकल डील प्लेटफॉर्म लिटिल और नियरबाय का अधिग्रहण किया था और दोनों ब्रांड्स को मर्ज कर दिया था. लिटिल इंटरनेट को टाइगर ग्लोबल मैनेजमेंट और एलिवेशन कैपिटल ने फंड किया था. इसने इक्विटी फंडिंग में करीब 50 मिलियन डॉलर जुटाए थे. अंकुर वारिकू द्वारा सह-स्थापित नियरबाय इंडिया को पीक XV पार्टनर्स (तब सिकोइया इंडिया) का समर्थन प्राप्त था और इसने इक्विटी फंडिंग में करीब 22 मिलियन डॉलर जुटाए थे.