ED की रडार पर Amazon और Flipkart, सेलर्स पर जांच एजेंसी का बड़ा एक्शन

Amazon और Flipkart से जुड़े सेलर्स के ऑफिस पर दिल्ली, मुंबई और बेंगलुरु में छापेमारी की गई है. वहीं अमेजॉन और फ्लिपकार्ट पहले से ही जांच एजेंसी के घेरे में हैं. इन पर क्या आरोप लगे हैं. जानिए क्या है पूरा मामला?

ED की रडार पर Amazon और Flipkart, सेलर्स पर जांच एजेंसी का बड़ा एक्शन Image Credit: TV9

देश के दो बड़े ई कॉमर्स प्लेटफॉर्म अमेजॉन और फ्लिपकार्ट अब जांच एजेंसी की रड़ार पर है. केंद्रीय जांच एजेंसी ने गुरुवार को अमेजॉन और फ्लिपकार्ट के कुछ सेलर्स के ऑफिस पर छापेमारी की है. यह छापे विदेशी निवेश नियमों के उल्लंघन की जांच को लेकर किए जा रहे हैं. ये जानकारी न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने सरकारी सूत्रों के हवाले से दी है कि दिल्ली, मुंबई और बेंगलुरु में ये छापे मारे जा रहे हैं. हालांकि, किन सेलर्स के ऑफिस पर कार्रवाई हो रही है, इसके नाम सामने नहीं आए हैं.

बता दें कि कुछ हफ्तों पहले एक रिपोर्ट में पता चला था कि प्रतिस्पर्धा आयोग ने पाया था कि अमेजॉन और फ्लिपकार्ट ने अपने प्लेटफार्म पर चुनिंदा सेलर्स को प्राथमिकता दी है जिससे कॉम्पिटशन कानून का उल्लंघन हुआ है. हालांकि दोनों कंपनियों का कहना है कि वे भारतीय कानूनों का पालन करती हैं.

अमेजॉन और फ्लिपकार्ट जांच के घेरे में

रॉयटर्स ने बताया कि, पहले सरकारी सूत्र के अनुसार, यह एक्शन फॉरेन एक्सचेंज कानूनों के कथित उल्लंघन की जांच का हिस्सा है. ईडी पिछले कई सालों से अमेजॉन और फ्लिपकार्ट की जांच कर रही है, क्योंकि उन पर यह आरोप है कि उन्होंने भारत के सख्त विदेशी निवेश कानूनों का उल्लंघन कर मल्टी-ब्रांड रिटेलिंग में विदेशी निवेश के नियमों को नजरअंदाज किया है. भारत में विदेशी कंपनियों को केवल एक मार्केटप्लेस के रूप में ही काम करने की अनुमति है.

हाल ही में एंटीट्रस्ट एजेंसी की जांच रिपोर्ट में पाया गया कि अमेजॉन और फ्लिपकार्ट का अपने प्लेटफॉर्म पर कुछ सेलर्स पर पूरी तरह से कंट्रोल है, जबकि भारतीय कानून के अनुसार विदेशी कंपनियां प्रोडक्ट्स की इन्वेंटरी नहीं रख सकती.

भारत के कॉमर्स मंत्री ने अगस्त में सार्वजनिक रूप से अमेजॉन की आलोचना की थी और कहा था कि भारत में कंपनी के निवेश अक्सर उसके बिजनेस नुकसान को छिपाने के लिए होते हैं, और इस तरह के नुकसान प्रेडेटरी प्राइसिंग का संकेत देते हैं.

प्रेडेटरी प्राइसिंग उसे कहते हैं जब कंपनियां हद से ज्यादा डिस्काउंट देकर और उनकी लागत से कम कीमत पर सामान बेचकर ग्राहकों को लुभाती है. ऐसा करना कानूनन अपराध है.