चीफ इंजीनियर के घर पर ED का रेड, नोटों का मिला अंबार; 4 मशीन से पैसे गिनने में लगे 8 घंटे

बिहार सरकार ने भवन निर्माण विभाग के चीफ इंजीनियर तरिणी दास को बर्खास्त कर दिया, क्योंकि प्रवर्तन निदेशालय ने उनके घर से करोड़ों रुपये की बेहिसाब नकदी बरामद की. छापेमारी के दौरान चार काउंटिंग मशीनों से आठ घंटे तक नकदी गिनी गई. यह कार्रवाई IAS अधिकारी संजीव हांस से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच का हिस्सा थी.

पटना में ED का रेड. Image Credit: AI generated

ED raid in Patna: बिहार से एक बड़ी खबर सामने आई है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकार ने भवन निर्माण विभाग के चीफ इंजीनियर तरिणी दास को बर्खास्त कर दिया है. यह कार्रवाई प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा उनके घर से 11.64 करोड़ रुपये की बेहिसाब नकदी बरामद होने के एक दिन बाद हुई. यह छापा सीनियर IAS अधिकारी संजीव हांस से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच का हिस्सा था. यह जानकारी एक आधिकारिक नोटिस में दी गई.

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, प्रवर्तन निदेशालय (ED) की चौंकाने वाली छापेमारी ने सभी को हैरान कर दिया था. क्योंकि जब अधिकारी भवन निर्माण विभाग के चीफ इंजीनियर के घर पहुंचे, तो वहां इतनी बड़ी रकम मिली कि उसे गिनने के लिए चार काउंटिंग मशीनें लगानी पड़ी. इसके बावजूद भी नदगी काउंट करने में आठ घंटे लग गए.

रिटारमेंट के बाद सेवा विस्तार पर कार्यरत तरिणी दास के खिलाफ अब विभागीय कार्रवाई शुरू की जाएगी. दरअसल, प्रवर्तन निदेशालय ने गुरुवार को पटना में सात जगहों पर नई छापेमारी की. इस दौरान तरिणी दास, मुमुक्षु चौधरी (वित्त विभाग के संयुक्त सचिव) और उमेश कुमार सिंह (नगरीय विकास एवं आवास विभाग के कार्यपालक अभियंता) सहित कई अधिकारियों को जांच के दायरे में लिया गया.

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संजीव हांस ने भ्रष्टाचार के जरिए अवैध संपत्ति जुटाई

1997 बैच के IAS अधिकारी और बिहार के पूर्व ऊर्जा सचिव संजीव हांस के खिलाफ मामला बिहार पुलिस की विजिलेंस यूनिट की जांच से जुड़ा है. प्रवर्तन निदेशालय का आरोप है कि हांस ने 2018 से 2023 के बीच बिहार और केंद्रीय प्रतिनियुक्ति के दौरान भ्रष्टाचार के जरिए अवैध संपत्ति जुटाई. सूत्रों के मुताबिक, प्रवर्तन निदेशालय को बेनामी लेन-देन और अवैध सौदों से जुड़े भारी मात्रा में बेहिसाब नकदी की जानकारी मिली थी.

ठेकेदार भी इस घोटाले में शामिल हो सकते हैं

जब अधिकारी तरिणी दास के बंगले में पहुंचे, तो वहां कमरों में रखी नकदी के ढेर देखकर हैरान रह गए. अधिकारियों को संदेह है कि सरकारी टेंडरों से जुड़े कई अधिकारी और ठेकेदार भी इस घोटाले में शामिल हो सकते हैं. ED की जांच जारी है और आने वाले दिनों में घोटाले की पूरी सच्चाई और इसमें शामिल लोगों के बारे में और खुलासे हो सकते हैं.