जॉर्ज सोरोस की OSF पर ED की बड़ी कार्रवाई! बेंगलुरु के ठिकानों पर की गई छापेमारी

प्रवर्तन निदेशालय यानी ED ने अमेरिकी अरबपति बिजनेसमैन जॉर्ज सोरोस समर्थित कंपनी ओपन सोसाइटी फाउंडेशन (OSF) पर शिकंजा कस दिया है. इस सिलसिले में इससे जुड़े ठिकानों पर छापेमारी की गई है. तो क्‍या है इसका कारण, क्‍यों मचा है हंगामा जानें पूरी डिटेल.

अमेरिकी अरबपति समर्थित कंपनी ओएसएफ पर ईडी का छापा Image Credit: money9

ED raids on US billionaire backed firm OSF: अमेरिकी अरबपति बिजनेसमैन जॉर्ज सोरोस समर्थित कंपनी ओपन सोसाइटी फाउंडेशन (OSF) पर प्रवर्तन निदेशालय यानी ED ने शिकंजा कस दिया है. इस सिलसिले में ED ने 18 मार्च यानी मंगलवार को OSF के बेंगलुरु में उससे जुड़े ठिकानों पर छोपमारी की है. ये कार्रवाई फॉरेन एक्सचेंज मैनेजमेंट एक्ट (FEMA) के तहत चल रही जांच को ध्‍यान में रखते हुए की गई है. OSF पर विदेशी फंडिंग (FDI) लेने और उसे गलत तरीके से इस्तेमाल करने का अरोप है, ईडी के मुताबिक ये नियमों के खिलाफ है.

कौन है जॉर्ज सोरोस?

जॉर्ज सोरोस हंगरी के एक बड़े बिजनेसमैन और समाजसेवी हैं, जिनकी OSF दुनिया भर में मानवाधिकार, न्याय और सरकार के लिए काम करने वाली सबसे बड़ी निजी फंडिंग संस्थाओं में से एक है. भारत में ओएसएफ 1999 से काम कर रहा है. शुरुआती दौर में ये स्कॉलरशिप और फेलोशिप देती थी. बाद में इसने और विस्‍तार करते हुए 2014 से दवाइयों की उपलब्‍धता, न्याय सुधार और मानसिक स्वास्थ्य वालों के लिए मुहैया कराई जाने वाली सर्विसेज में भी हाथ बटाया.

केंद्र सरकार ने कसी थी नकेल

2016 में केंद्र की होम मिनिस्ट्री ने जाॅर्ज सोरोस के OSF को ‘वॉचलिस्ट’ में डाल दिया था. उस दौरान भी इसके फंडिंग के तरीकों पर सवाल उठे थे. सरकार को शक था कि ये बिना FCRA रजिस्ट्रेशन वाले NGO को पैसे दे रही है, जो नियमों के खिलाफ है. इसके बाद OSF को हर फंड ट्रांसफर के लिए सरकार से इजाजत लेना जरूरी था.

हाई कोर्ट में दी थी चुनौती

केंद्र सरकार के इस रोक के विरोध में OSF ने 2020 में दिल्ली हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. संस्‍था का कहना था कि उन्‍हें वॉचलिस्ट में डालने से पहले नोटिस तक नहीं दिया गया. इस पर कोर्ट से जवाब मांगा था, हालांकि मामला अभी तक सुलझा नहीं पाया है.

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BJP ने लगाए थे गंभीर आरोप

जॉर्ज सोरोस के OSF को लेकर पिछले साल दिसंबर में BJP ने भी जमकर बवाल काटा था. बीजेपी का आरोप था कि OSF की फंडिल लेने वाला OCCRP और कांग्रेस के राहुल गांधी मिलकर देश को अस्थिर करने की साजिश रच रहे हैं. BJP का दावा था कि OCCRP की रिपोर्ट्स, खासकर अडानी ग्रुप के खिलाफ छापी गई थी, और इसमें सोरोस का हाथ था. हालांकि कांग्रेस ने इन आरोपों को खारिज कर दिया था.