इमामी को भारी पड़ा भ्रामक विज्ञापन, 79 रुपये की क्रीम के बदले चुकाने होंगे 15 लाख!

मल्टीनेशनल कंपनी Emami को एक विज्ञापन में भ्रामक दावा करना बेहद मंहगा पड़ गया है. दिल्ली में एक शख्स की शिकायत पर सुनवाई करते हुए कंज्यूमर फोरम ने कंपनी पर 15 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है. जानते हैं क्या है पूरा मामला?

कंपनी को अपने सभी विज्ञापन भी वापस लेने होंगे. Image Credit: Money9

इमामी लिमिटेड (Emami Ltd) पर भ्रामक विज्ञापन के मामले में 15 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है. मध्य दिल्ली स्थित एक डिस्ट्रिक्ट कंज्युमर डिस्प्यूट रिड्रेसल कमीशन (DCDRC) ने कंपनी के प्रोडक्ट ‘फेयर एंड हैंडसम’ को लेकर दर्ज शिकायत के मामले में यह फैसला सुनाया है. असल में एक शख्स ने इमामी पर आरोप लगाया है कि उसने कंपनी के एक विज्ञापन से प्रभावित होकर 79 रुपये में ‘फेयर एंड हैंडसम’ क्रीम खरीदी, लेकिन इस प्रोडक्ट को लेकर कंपनी ने विज्ञापन में जो दावा किया वैसा नतीजा नहीं मिला. यह फैसला 11 साल पहले 2013 में दर्ज की गई एक शिकायत के बाद आया है.

इस मामले में कई बार देरी हुई. इससे पहले 2015 में शिकायतकर्ता के पक्ष में फैसला दिया गया था. लेकिन, बाद में दिल्ली राज्य उपभोक्ता आयोग ने पुनर्मूल्यांकन के लिए वापस कर दिया गया था. फिलहाल, एक दशक से चली आ रही कानूनी लड़ाई के बाद यह फैसला आया है.

शिकायत में क्या कहा गया

शिकायतकर्ता ने बताया कि प्रोडक्ट की पैकेजिंग और लेबल पर दिए गए निर्देशों के मुताबिक, नियमित रूप से उसने प्रोडक्ट का उपयोग किया. चमकने वाले गोरे चेहरे के लिए उसने दिन में दो बार चेहरे और गर्दन पर क्रीम का इस्तेमाल किया. लेकिन फिर भी गोरापन नहीं आया.

इमामी ने क्या कहा

इमामी लिमिटेड शिकायत के खिलाफ दलील देते हुए कहा कि शिकायतकर्ता यह साबित करने नहीं कर पाया है कि उसने बताए गए निर्देशों के मुताबिक, क्रीम का उपयोग किया था. कंपनी ने कहा कि पर्सनल केयर प्रोडक्ट से मनचाहा नतीजा हासिल करने के लिए प्रोडक्ट के सही उपयोग व स्वस्थ शरीर की जरूरत होती है.

शिकायतकर्ता दोषी नहीं

दोनों पक्षों को सुनने के बाद फोरम ने कहा कि प्रोडक्ट की पैकेजिंग और लेबलिंग पर सही उपयोग और स्वस्थ रहने वाली शर्तों का कोई उल्लेख नहीं किया गया है. इसके अलावा कंपनी के दावो के मुताबिक यह भी कहीं नहीं बताया गया है कि प्रोडक्ट केवल 16-35 साल की उम्र के बीच के सामान्य युवा पुरुषों के लिए है, बीमारों के लिए नहीं. न यह बताया गया है कि कंपनी के मुताबिक बीमार व्यक्ति का क्या अर्थ है. लिहाजा, शिकायतकर्ता को दोषी नहीं ठहराया जा सकता. इसके साथ ही कहा कि कंपनी जानती थी कि ये निर्देश अधूरे हैं विज्ञापन के मुताबिक नतीजे नहीं मिलेंगे.

कंपनी के व्यापार का तरीका गलत

फोरम ने कहा कि कंपनी के व्यापार का तरीका गलत और विज्ञापन भ्रामक है. फोरम ने अपने आदेश में कहा कि कंपनी ने प्रोडक्ट और बिक्री को बढ़ावा देने के लिए भ्रामक विज्ञापन और अनुचित व्यापार रणनीति का अपनाई. इसके साथ ही कंपनी को आदेश दिया कि कंपनी अपने प्रोडक्ट के संबंध में अनुचित व्यापार बंद करे. इसके साथ ही सभी पैकेज, लेबल, विज्ञापन वापस ले और फिर से जानकारी पेश करे. इसके साथ ही 14.50 लाख रुपये का दंडात्मक हर्जाना जमा करे. इसके साथ ही शिकायतकर्ता को मुआवजे के तौर पर 50,000 रुपये दे. इसके अलावा मुकदमेबाजी की लागत के तौर पर 10,000 रुपये भी दिए जाएं.