FICCI Budget Expectation: साहसिक सुधार रहें बरकरार, कैपेक्स से मिलेगी इकोनॉमी ग्रोथ को धार

Union Budget 2025-26 की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं. केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को लगातार तमाम हितधारकों की तरफ से बजट को लेकर उनकी उम्मीदों के बारे में बताया जा रहा है. सोमवार को भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग महासंघ (FICCI) ने भी बजट से अपनी अपेक्षाओं के बारे में बताया है. मोटे तौर पर फिक्की ने कई मांगे रखी हैं. इनमें टैक्स और आर्थिक सुधाव व कैपेक्स में 15 फीसदी की वृद्धि सबसे अहम हैं.

फिक्की का मानना है कि सरकारी खर्च बढ़ेगा, तो अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी. Image Credit: Money9

Union Budget 2025-26 को लेकर भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग महासंघ (FICCI) ने सोमवार को अपनी अपेक्षाओं और मांगों को रखा. एक वक्तव्य जारी कर फिक्की ने बताया कि आर्थिक विकास को स्थिरता के साथ बढ़ावा देने और समावेशी बनाने के लिए साहसिक सुधारों को जारी रखना होगा. इसके अलावा इकोनॉमी की ग्रोथ को धार देने के लिए कैपेक्स को बढ़ावा देना जरूरी है. फिक्की ने अपने वक्तव्य में कहा कि वैश्विक चुनौतियों के बीच भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूत बनी हुई है. इस मजबूती को बनाए रखने के लिए फिक्की सरकार से रणनीतिक निवेश पर ध्यान केंद्रित रखने और विभिन्न क्षेत्रों में अहम सुधारों को जारी रखने का आग्रह करता है.

कैपेक्स बढ़ोतरी है जरूरी

फिक्की ने बजट को लेकर अपनी अपेक्षाओं और मांगों में सबसे ज्यादा जोर पूंजीगत व्यय (कैपेक्स) बढ़ोतरी पर दिया है. फिक्की का कहना है कि बुनियादी ढांचा विकास और आर्थिक सुधार पर सरकारी कैपेक्स का सकारात्मक प्रभाव सबने देखा है. फिक्की पिछले बजट की तुलना में कैपेक्स में 15% की वृद्धि की मांग करता है. वैश्विक अनिश्चितताओं के सामने विकास की गति को बनाए रखने के लिए भौतिक, सामाजिक और डिजिटल बुनियादी ढांचे में यह निवेश बेहद जरूरी है.

बरकरार रहें सुधार

फिक्की का कहना है कि सरकार की तरफ से किए गए सुधारों से बाजार में निवेश बढ़ा है. अब सरकार को अगली पीढ़ी के सुधारों को बरकरार रखना चाहिए. ये सुधार विशेष रूप से भूमि, श्रम और बिजली से जुड़े हैं. इनमें से कई सुधार राज्य और न्यायालयों के तहत भी आते हैं. फिक्की जीएसटी परिषद के समान अंतर-राज्यीय संस्थागत प्लेटफार्मों के निर्माण का सुझाव देता है, ताकि आम सहमति बनाने और प्रभावी कार्यान्वयन को सुगम बनाया जा सके.

कर व्यवस्था को और सरल बनाएं

कर व्यवस्था का सरलीकरण फिक्की की एक और प्रमुख मांग है. फिक्की ने सरकार की तरफ से इस दिशा में अब तक उठाए करदमों की सराहना की है. इसके साथ ही कहा है कि टीडीएस/टीसीएस रेट के ढांचे को सरल और युक्तिसंगत बनाया जाए. इसके अतिरिक्त, फिक्की जीएसटी से संबंधित लेनदेन पर टीडीएस/टीसीएस को खत्म करने की भी मांग करता है, क्योंकि इसके संबंध में जानकारी पहले से ही जीएसटी फाइलिंग के जरिये उपलब्ध करा दी जाती है. इसके अलावा फिक्की कर विवाद समाधान को और सुव्यवस्थित करने के लिए सेवानिवृत्त न्यायाधीशों और पेशेवरों का एक नया स्वतंत्र मंच बनाने की मांग करता है.

हरित विकास पर हो ध्यान

फिक्की की सिफारिशों में सस्टेनेबल और ग्रीन ग्रोथ पर जोर देने की बात कही गई है. विशेष रूप से कार्बन कैप्चर, यूटिलाइजेशन एंड स्टोरेज (सीसीयूएस) को विकसित और लागू करने के लिए एक ठोस कदम उठाने की मांग की है. इसे ग्रीन हाइड्रोजन मिशन के साथ जोड़ने की सलाह भी दी है. इसके साथ ही 2070 तक नेट जीरो इकोनॉमी बनाने के लिए फिक्की क्षेत्र-विशिष्ट रोडमैप के विकास का प्रस्ताव करता है.

महिलाओं के मुद्दे न हों नजरंदाज

फिक्की श्रम शक्ति में महिलाओं की भागीदारी को अहम मानते हुए डेकेयर खर्चों के लिए कर छूट का प्रस्ताव करता है. इसके अलावा ट्रांसपोर्टेशन व आवास के लिए सीएसआर फंड के उपयोग की अनुमति देने का सुझाव देता है. इसके साथ ही कामकाजी माताओं की तरफ से चाइल्डकेयर पर किए जाने वाले खर्चों के लिए एक विशेष कर छूट की भी सिफारिश की गई है.

रक्षा क्षेत्र बने मजबूत

फिक्की रक्षा क्षेत्र में भारत की आत्मनिर्भरता को मजबूत करने के सरकार के रुख का समर्थन करता है. इसके लिए दृढ़ता के साथ केवल स्वदेशी निर्मित या भारत में भागीदार रक्षा उपकरणों की खरीद की वकालत करता है. रक्षा क्षेत्र में तकनीकी बढ़त बनाने के लिए, रोबोटिक्स, क्वांटम कंप्यूटिंग और एआई जैसी एडवांस टेक्नोलॉजी पर रिसर्च को बढ़ाने का आह्वान भी किया है.

पिछड़े जिलों में कृषि पैदावार में हो सुधार

फिक्की महत्वाकांक्षी जिलों के कार्यक्रम में नीचे के 100 कृषि जिलों में कृषि पैदावार में सुधार के लिए एक मिशन का प्रस्ताव करता है. इसके साथ ही नई तकनीकों और सेवाओं में लाखों कृषि तकनीशियनों को प्रशिक्षित करने के लिए एक राष्ट्रीय कार्यक्रम की सिफारिश करता है.

सर्किट बोर्ड टैरिफ में कमी की मांग

फिक्की ने इलेक्ट्रॉनिक्स के घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए, प्रिंटेड सर्किट बोर्ड असेंबली (पीसीबीए) के लिए टैरिफ और एचएस कोड को युक्तिसंगत बनाने की मांग की है. इसके लिए फिक्की घरेलू विनिर्माण को प्रोत्साहित करने के लिए पीसीबीए और तैयार इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों के बीच एक अलग-अलग शुल्क संरचना का सुझाव देता है.