GDP का पहला अग्रिम अनुमान जारी, FY-25 में 6.4 फीसदी रहेगी ग्रोथ रेट, 4 साल का निचला स्तर

मौजूदा वित्त वर्ष की शुरुआत में बजट से पहले जारी किए गए आर्थिक सर्वेक्षण में GDP ग्रोथ 6.5 से 7 फीसदी के बीच रहने का अनुमान लगाय गया था. पिछले वर्ष नवंबर में वित्त मंत्रालय ने इसे रिवाइज कर 6.5% कर दिया. अब पहले अग्रिम अनुमान के मुताबिक जीडीपी 6.4 फीसदी की दर से बढ़ने की संभावना जताई गई है.

पिछले वर्ष की तुलना में भारी गिरावट. Image Credit: Money9

केंद्रीय सांख्यिकी मंत्रालय ने मंगलवार को मौजूदा वित्त वर्ष के लिए सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के लिए पहला अग्रिम अनुमान जारी किया. मंत्रालय की तरफ से जारी वक्तव्य के मुताबिक मौजूदा वित्त वर्ष में वास्तविक जीडीपी में 6.4% की वृद्धि का अनुमान लगाया गया है, जबकि वित्त वर्ष 2023-24 के लिए जीडीपी के अनंतिम अनुमान (Provisional Estimate) में 8.2% की वृद्धि दर का अनुमान लगाया गया है. वित्त वर्ष 2024-25 में नॉमिनल जीडीपी में 9.7% की वृद्धि दर देखी गई है, जबकि वित्त वर्ष 2023-24 में 9.6% की वृद्धि दर रही थी.

इससे पहले सरकार ने पिछले साल फरवरी में बजट से पहले जारी होने वाले आर्थिक सर्वेक्षण में 2024-25 के लिए जीडीपी के 6.5 से 7 फीसदी से ग्रो करने की उम्मीद जताई थी. लेकिन, अग्रिम अनुमानों से पता चलता है कि यह सरकार के अनुमान से कम रहने वाली है. मंत्रालय ने जीडीपी के साथ ही जीवीए और खर्च के आंकड़े भी जारी किए हैं. मंत्रालय की तरफ से जारी वक्तव्य के मुताबिक वित्तवर्ष 25 की पहली छमाही (H1) में सुस्ती के बावजूद, मंत्रालय को उम्मीद है कि कृषि और औद्योगिक गतिविधियों में तेजी के साथ-साथ दूसरी छमाही (H2) में ग्रामीण मांग बढ़ने से वित्तीय वर्ष के अंत तक जीडीपी को 6.4 फीसदी की रफ्तार मिलेगी.

चार साल के निचले स्तर पर

कोविड (2020-21) के बाद जीडीपी की 6.4 प्रतिशत की दर के बाद सबसे कम रही. कोविड के दौरान 5.8 फीसदी नेगेटिव ग्रोथ रेट रही. उसके बाद 2021-22 में यह 9.7 प्रतिशत थी, 2022-23 में 7 प्रतिशत और मार्च 2024 को समाप्त पिछले वित्त वर्ष में 8.2 प्रतिशत थी. इस तरह यह चार साल के निचले स्तर पर है.

GDP 184.88 लाख करोड़ पहुंचने का अनुमान

मंत्रालय की तरफ से जारी डाटा के मुताबिक स्थिर मूल्यों पर वित्तीय वर्ष 2024-25 में जीडीपी 184.88 लाख करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंचने का अनुमान है. जबकि वित्त वर्ष 2023-24 के लिए जीडीपी का अनंतिम अनुमान 173.82 लाख करोड़ रुपये है. इस तरह मौजूदा वित्त वर्ष में वास्तविक जीडीपी में वृद्धि दर 6.4% अनुमानित है. नॉमिनल जीडीपी या मौजूदा मूल्यों पर वित्त वर्ष 2024-25 में जीडीपी 324.11 लाख करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंचने का अनुमान है.

स्रोत www.mospi.gov.in

कृषि क्षेत्र में हुआ सुधार

मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक कृषि और संबद्ध क्षेत्र में अहम सुधार आया है. मौजूदा वित्त वर्ष में कृषि क्षेत्र की वास्तविक जीवीए वृद्धि 3.8 फीसदी रहने का अनुमान है, जो पिछले वर्ष के 1.4 फीसदी की तुलना में उल्लेखनीय रूप से बेहतर है. इससे पता चलता है कि कृषि क्षेत्र में काफी सुधार हुआ है. इस सुधार के पीछे अनुकूल मानसून, बेहतर फसल पैदावार से ग्रामीण आय और कृषि उत्पादकता में हुई बढ़ोतरी अहम है.

निर्माण और सेवा क्षेत्र

कंस्ट्रक्शन, फाइनेंस, रियल एस्टेट और प्रॉफेशनल सर्विस सेक्टर में भी मजबूत वृद्धि की उम्मीद है. मंत्रालय की तरफ से जारी डाटा के मुताबिक कंस्ट्रक्शन सेक्टर के रियल जीवीए में 8.6 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान है. यह इन्फ्रो में हो रहे विकास, आवास की मांग और शहरीकरण के रुझान को दर्शाता है. इसी तरह, फाइनेंस और प्रॉफेशनल सर्विस सेक्टर में 7.3 फीसदी की वृद्धि होने की उम्मीद है.

निजी उपभोग में वृद्धि

खर्च के पैटर्न पर चर्चा करते हुए मंत्रालय ने अपने डाटा में बताया कि स्थिर कीमतों पर निजी अंतिम उपभोग व्यय (PFCE) में वित्त वर्ष 25 में 7.3 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जो पिछले वर्ष की 4 फीसदी की वृद्धि की तुलना में उल्लेखनीय है. PFCE घरेलू उपभोग का एक प्रमुख संकेतक है, जो परिवारों के खर्च करने के व्यवहार को दर्शाता है, और यह वृद्धि उपभोक्ता विश्वास, खर्च करने की शक्ति और समग्र आर्थिक सुधार में सुधार को उजागर करता है.

सरकारी व्यय में वृद्धि

इसी तरह मंत्रालय के डाटा में बताया गया है कि सरकारी अंतिम उपभोग व्यय (GFCE) में भी बढ़ोतरी हुई है. GFCE असल में वस्तुओं और सेवाओं पर सरकारी व्यय को दर्शाता है. GFCE में वित्त वर्ष 25 में 4.1 फीसदी की वृद्धि हुई है, जो पिछले वित्तीय वर्ष में 2.5 फीसदी पर था. सरकारी व्यय में यह वृद्धि बुनियादी ढांचे, सामाजिक कार्यक्रमों और आर्थिक गतिविधि को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से सार्वजनिक निवेश में वृद्धि के कारण है.

स्रोत सांख्यिकी मंत्रालय