साबुन-तेल समेत ये चीजें खरीदनी होंगी महंगी, FMCG कंपनियां 5-20% तक बढ़ा सकती हैं दाम
आम आदमी पर महंगाई की मार पड़ने वाली है. एफएमसीजी कंपनियां खाद्य पदार्थों के दाम बढ़ा सकती हैं, इसमें 5 से 20 फीसदी तक का इजाफा हो सकता है, तो क्यों बढ़ाए जा रहे दाम, जानिए वजह.
महंगाई की मार से आम आदमी को अभी निजात नहीं मिलेगी, बल्कि नये साल या उससे पहले ही उन्हें झटका लगने वाला है. दरअसल दिग्गज FMCG कंपनियां साबुन-तेल से लेकर दूसरे ग्रॉसरी आइटम्स की कीमत में इजाफा कर सकती हैं. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक कंपनियां इन प्रोडक्ट्स में 5 से 20 फीसदी का इजाफा कर सकती है, जो 12 महीनों में अब तक सबसे बड़ी बढ़ोतरी होगी.
फास्ट मूविंग कंज्यूमर गुड्स (FMCG) कंपनियाें ने प्रोडक्ट्स के दाम में बढ़ोतरी का यह फैसला कमोडिटी की बढ़ती लागत और बढ़े हुए सीमा शुल्क की भरपाई के लिए लिया है. ईटी की रिपोर्ट के मुताबिक हिंदुस्तान यूनिलीवर, गोदरेज कंज्यूमर, डाबर, टाटा कंज्यूमर, पारले प्रोडक्ट्स, विप्रो कंज्यूमर, मैरिको, नेस्ले और अडानी विल्मर जैसी FMCG कंपनियां इस महीने से प्रोडक्ट्स के दाम बढ़ा सकती हैं. चाय और खाद्य तेल से लेकर साबुन और स्किन क्रीम तक 5-20% महंगी हो जाएगी, जो 12 महीनों में सबसे बड़ी मूल्य वृद्धि होगी.
कितनी बढ़ी इंपोर्ट ड्यूटी?
इस सितंबर में खाद्य तेल पर आयात शुल्क यानी इंपोर्ट ड्यूटी में 22% और कैलेंडर वर्ष 2024 में 40% तक की वृद्धि हुई थी, जिसके कारण कंपनियों की उत्पादन लागत बढ़ गई है. 2023 में भी चीनी, गेहूं का आटा और कॉफी जैसी प्रमुख वस्तुओं की लागत में उछाल आया था. ईटी की रिपोर्ट के मुताबिक बिस्किट बनाने वाली कंपनी पारले प्रोडक्ट्स के एक अधिकारी का कहना है कि वे अपने सभी ब्रांड की कीमतों में बढ़ोतरी कर रहे हैं. यह इजाफा एक साल बाद किया जा रहा है, हालांकि इससे मांग पर कोई असर नहीं पड़ेगा. पारले जल्द ही संशोधित कीमतों के साथ नये पैक पेश करेंगे.
मांग में आई गिरावट
रिटेल इंटेलिजेंस प्लेटफॉर्म बिजोम के आंकड़ों के अनुसार, ग्रामीण मांग के कारण अक्टूबर में भारत के एफएमसीजी मार्केट में साल-दर-साल 4.3% की वृद्धि हुई, लेकिन नवंबर की बिक्री में 4.8% की गिरावट आई. शहरी और ग्रामीण दोनों बिक्री में एक साल पहले की तुलना में गिरावट देखने को मिली. जिसके चलतते एचयूएल ने साबुन और चाय की कीमतें बढ़ा दीं, वहीं डाबर ने भी हेल्थकेयर और ओरल केयर प्रोडक्टों की कीमतों में बढ़ोतरी की है, जबकि नेस्ले ने अपने नेस्कैफे कॉफी ब्रांड के लिए कीमतों को एडजस्ट किया है.