कभी रेडियो रिपेयर करता था, आज है 3425 करोड़ रुपये का मालिक, महाराष्ट्र के इस छोरे ने दुनिया में मचा दिया तहलका

रेडियो रिपेयर टेक्निशियन के रूप में 400 रुपये महीने के वेतन से शुरुआत की. आज वह Quick Heal Technologies के फाउंडर हैं, जिसकी वैल्यू करीब 3,425 करोड़ रुपये है. चलिए जानते हैं कैसे बनाया कैलाश काटकर ने इतना बढ़ा कंपनी.

कैलाश काटकर

रेडियो रिपेयर की दुकान से लेकर एक मल्टीनेशनल कंपनी बनाना आसान काम नहीं है. आज इस कंपनी की वैल्यू करीब 3425 करोड़ रुपये बन चुकी है, वैसे तो इस कंपनी को दो भाइयों ने मिलकर बनाया है, लेकिन इस कंपनी को खड़ा करने की आइडिया जिसकी है, वह है कैलाश काटकर. जी हां, वही कैलाश काटकर जो Quick Heal के मालिक हैं. अगर हम एंटीवायरस सॉफ्टवेयर की बात करते हैं, तो क्विक हील का नाम हमारे दिमाग में सबसे पहले आता है.

महाराष्ट्र के छोटे से गांव में पैदा हुए कैलाश काटकर पहले रेडियो टेक्निशियन थे. उस दौरान उन्हें महज 400 रुपये का महीना तनख्वाह मिलता था, लेकिन कैसे कैलाश काटकर 400 से 3425 करोड़ के मालिक बने, इसकी जानकारी काफी दिलचस्प है. चलिए जानते हैं कि कैसे कैलाश काटकर एंटीवायरस बनाने वाली सॉफ्टवेयर कंपनीयों की कैटेगरी में अपना नाम जमाएं.

रेडियो मरम्मत से लेकर कंप्यूटर तक

महाराष्ट्र के रहमतपुर गांव से संबंध रखने वाले कैलाश काटकर केवल दसवीं तक ही पढ़ाई किए है. घर की आर्थिक तंगी के कारण कम उम्र में ही काम करना पड़ा. शुरुआत में कैलाश काटकर रेडियो टेक्निशियन के रूप में 400 रुपये महीने की सैलरी में काम करते थे. धीरे-धीरे अपनी समझ और मेहनत से वह रेडियो और कैलकुलेटर रिपेयरिंग में एक्सपर्ट बन गए.

लिब्रलाइजेशन और प्राइवेटाइजेशन

जब देश में लिब्रलाइजेशन और प्राइवेटाइजेशन पर काम चल रहा था, तो कैलाश काटकर भी इसकी छाया से दूर नहीं रह सके. उन्होंने भी अपनी आर्थिक नीतियों को बदलने का निर्णय लिया. उस समय कैलाश काटकर ने 15,000 रुपये की मामूली राशि के साथ अपनी रेडियो मरम्मत की दुकान खोली. अपने बिजनेस को संभालते हुए, उन्होंने अपने छोटे भाई संजय काटकर की भी मदद की, जो कंप्यूटर साइंस में पढ़ाई कर रहे थे.

इस दौरान कैलाश का कंप्यूटर से पहली बार सामना हुआ, जिसके बाद उनकी दिलचस्पी इस आधुनिक यंत्र पर बढ़ गई और उन्होंने महसूस किया कि इस यंत्र यानी कंप्यूटर, की सबसे बड़ी समस्या वायरस है, जिसके लिए इसका समाधान जरूरी था.

फिर हुई Quick Heal की शुरुआत

1995 आते-आते कैलाश और उनके भाई संजय ने साथ मिलकर पहला एंटीवायरस सॉफ्टवेयर डेवलप किया और इसे 700 रुपये में बेचा. उन्होंने 2007 में अपनी कंपनी का नाम बदलकर CAT कंप्यूटर सर्विसेज लिमिटेड से क्विक हील टेक्नोलॉजी (Quick Heal) कर दिया, जो उनके विस्तार की शुरुआत थी. इसके बाद कंपनी ने पूरी तरह से कारोबार बढ़ाने पर अपना फोकस किया.

ग्लोबल ख्याति हासिल की

आज Quick Heal का एंटीवायरस सॉफ़्टवेयर एक फेमस ब्रांड बन चुका है. पिछले कुछ सालों में कंपनी ने जापान, अमेरिका, साउथ अफ्रीका और यूएई समेत कई देशों में अपनी पहचान बना ली है. Quick Heal विश्व भर में लाखों कंप्यूटर और मोबाइल की सुरक्षा कवच बन चुका है. साल 2016 में Quick Heal ने एक बड़ी सफलता हासिल की, जब यह स्टॉक मार्केट में लिस्ट हुई. अब कंपनी की वैल्यूएशन करीब 3425 करोड़ रुपये है.

इसे भी पढ़ें- कौन है 26 साल के सुचिर बालाजी, जिन्होंने Open AI पर उठाए थे सवाल, अमेरिका में हुई संदिग्ध मौत