भारत में डबल होगा iPhone का उत्पादन, Foxconn ने किया 276 करोड़ रुपये का निवेश
ताइवान की फॉक्सकॉन ने भारत में अपने संयंत्र में iPhone उत्पादन दोगुना करने के लिए लगभग 276 करोड़ रुपये मूल्य की नई मशीनरी खरीदी हैयह निवेश अमेरिका के जवाबी शुल्क से ठीक पहले हुआ है फॉक्सकॉन का लक्ष्य भारत से iPhone का निर्यात बढ़ाना है. फॉक्सकॉन इस महीने से एयरपॉड्स का उत्पादन भी शुरू कर सकती है.

ताइवान की प्रमुख इलेक्ट्रॉनिक्स निर्माता कंपनी फॉक्सकॉन ने भारत में अपनी फैक्टरी को अपग्रेड करने के लिए 276 करोड़ रुपये का निवेश किया है. Foxconn इस निवेश के जरिये भारत स्थिति अपनी फैक्टरी में Apple के iPhone का उत्पादन डबल करना चाहती है. PTI की एक रिपोर्ट के मुताबिक यह जानकारी कंपनी से जुड़े सूत्रों ने दी है. रिपोर्ट में कहा गया है कि Apple के लिए मैन्युफैक्चरिंग करने वाली फॉक्सकॉन भारत में अपनी प्रोडक्शन कैपेसिटी डबल करने के साथ ही, कुछ नए प्रोडक्ट की मैन्युफैक्चरिंग भी शुरू करने जा रही है. इसमें Apple के एयरपॉड्स भी शामिल हैं, जिनका उत्पादन जल्द शुरू हो सकता है.
जवाबी टैरिफ के दौर में निवेश
Foxconn ने यह निवेश उस दौर में किया है, जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अमेरिकी कंपनियों को अपने ही देश में मैन्युफैक्चरिंग बढ़ाने के लिए कह रहे हैं. इसके साथ ही भारत सहित तमाम देशों पर जवाबी टैरिफ लगाने जा रहे हैं. ट्रंप के ऐलान के मुताबिक 2 अप्रैल से अमेरिका जवाबी टैरिफ की नीति शुरू करेगा. इसके तहत तमाम देशों से होने वाले आयात पर टैरिफ लगाया जाएगा.
डबल होगा उत्पादन
पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक “फॉक्सकॉन होन हाई टेक्नोलॉजी इंडिया मेगा डेवलपमेंट प्राइवेट लिमिटेड ने भारत में आईफोन उत्पादन बढ़ाने के लिए 3.22 करोड़ डॉलर यानी करीब 276 करोड़ रुपये मूल्य की मशीनरी खरीदी है. रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से यह भी दावा किया गया है कि फॉक्सकॉन भारत में आईफोन का उत्पादन दोगुना करने के लिए काम कर रही है. हालांकि, इस संबंध में फॉक्सकॉन और एपल ने आधिकारिक तौर पर कोई जानकारी नहीं दी है.
मोबाइल आयात पर कितना टैरिफ
अमेरिकी राष्ट्रपति का कहना है कि वे जवाबी टैरिफ लगाएंगे. इस नीति के तहत जो देश अमेरिका के जिस उत्पाद के आयात पर जितना टैरिफ लगाते हैं, अमेरिका उन देशों के उन उत्पादों पर उतना ही टैरिफ लगाएंगे. मोबाइल फोन मैन्युफैक्चरर्स के संगठन आईसीईए ने अमेरिका से मोबाइल फोन पर आयात शुल्क को मौजूदा 15 प्रतिशत से घटाकर शून्य करने का प्रस्ताव दिया है. आईसीईए के मुताबिक अमेरिका कई इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादों के मामले में भारत का प्रतिस्पर्धी नहीं है. इसके बजाय, यह भारत को 80 अरब डॉलर के मोबाइल फोन निर्यात का अवसर प्रदान करता है.
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