2.40 करोड़ रुपए का फ्रॉड! फेक स्टाफ बनकर बैंक को लगाया चूना, न्यू इंडिया कोऑपरेटिव बैंक में बड़ा खुलासा

न्यू इंडिया कोऑपरेटिव बैंक में 122 करोड़ के घोटाले में एक नया मामला सामने आया है. इस शिकायत में 2.40 करोड़ के लोन धोखाधड़ी का आरोप है. इसमें 48 लोगों ने कोंकण रेलवे कॉर्पोरेशन लिमिटेड (KRCL) के कर्मचारी होने का झूठा दावा किया. पुलिस ने इस मामले में एफआइआर दर्ज कर लिया है.

न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक Image Credit: New India Co-operative Bank

New India Cooperative Bank scam: न्यू इंडिया कोऑपरेटिव बैंक की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है. बैंक के 122 करोड़ के घोटाले में एक नया मामला सामने आया है. इस शिकायत में 2.40 करोड़ के लोन धोखाधड़ी का आरोप है. इसमें 48 लोगों ने कोंकण रेलवे कॉर्पोरेशन लिमिटेड (KRCL) के कर्मचारी होने का झूठा दावा किया. पुलिस ने इस मामले में एफआइआर दर्ज कर लिया है. पुलिस के मुताबिक यह शिकायत सचिदानंद शेट्टी ने की थी, जो कि क्रेडिट सोसाइटी के मौजूदा प्रशासनिक निदेशक हैं.

इतने लोग हैं शामिल

धोखाधड़ी का पता तब चला जब शेट्टी ने एक आंतरिक समीक्षा की और मुंबई पुलिस के आर्थिक अपराध शाखा (EOW) को सूचना दी. इस सोसाइटी ने कोंकण रेलवे के कर्मचारियों को लोन देने के लिए नई इंडिया कोऑपरेटिव बैंक से साझेदारी की थी. लेकिन जांच में यह सामने आया कि सोसाइटी के पूर्व अध्यक्ष अभिजीत देशमुख के समय 48 फर्जी लोगों को KRCL के कर्मचारी के रूप में दिखा कर लोन दिया गया.

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इतने लिए थे लोन

इन फर्जी कर्मचारियों ने 2.40 करोड़ के लोन लिए थे. इनमें से 2.11 करोड़ रुपए अभी तक चुकता नहीं हुए हैं. शेट्टी साल 2018 से प्रशासनिक निदेशक हैं. सोसाइटी 2000 में कोंकण रेलवे के कर्मचारियों के लिए बनी थी. ऐसा इसलिए क्योंकि कर्मचारियों की संख्या बहुत कम थी. सोसाइटी ने नई इंडिया कोऑपरेटिव बैंक के साथ मिलकर लोन देने की योजना बनाई थी.

अध्यक्ष हिरण भानू रडार पर

एफआईआर में यह धोखाधड़ी 122 करोड़ के बड़े घोटाले से जुड़ी हुई है. इसमें न्यू इंडिया कोऑपरेटिव बैंक का भी नाम है. EOW पहले ही बैंक के पूर्व अध्यक्ष हिरण भानू की जांच कर रही है. भानू पर आरोप है कि उन्होंने 2010 से 2023 के बीच अपने करीबी लोगों को अवैध रूप से बड़े लोन दिए थे.