फ्रंट रनिंग केस में सेबी का बड़ा एक्शन, इन पर लगाया बैन; 21 करोड़ रुपये जब्त
जिन 9 एंटीटीज पर सेबी ने बैन लगाया है उन्होंने मिलकर 21.16 करोड़ रुपये की अवैध कमाई की है और यह गतिविधियां तीन साल से अधिक समय तक चलती रहीं. सेबी ने इन सभी काअवैध प्रॉफिट जब्त कर लिया है. जानें क्या है मामला?
सेबी यानी सिक्योरिटी एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया ने एक फ्रंट-रनिंग स्कीम का खुलासा किया है, जिसमें PNB MetLife India Insurance Company के इक्विटी डीलर सचिन बकुल डागली और 8 अन्य संस्थाएं शामिल थीं. इस स्कीम के जरिए उन्होंने 21.16 करोड़ रुपये की अवैध कमाई की है.
जानकारी के मुताबिक फ्रंट-रनिंग गतिविधियां तीन साल से अधिक समय तक चलती रहीं. बता दें कि फ्रंट रनिंग एक प्रकार का वित्तीय अपराध है, जिसमें कोई व्यक्ति या संस्था किसी शेयर, बॉन्ड के बारे में गोपनीय जानकारी प्राप्त करता है और उस जानकारी का उपयोग करके उस शेयर को खरीदता या बेचता है, इससे पहले कि वह जानकारी सार्वजनिक रूप से उपलब्ध हो.
सेबी ने की कार्रवाई
सेबी ने सचिन बकुल डागली और अन्य 8 संस्थाओं को बाजार में ट्रेडिंग से बैन कर दिया है और उनके द्वारा कमाए गए अवैध प्रॉफिट को जब्त कर लिया है.
PNB MetLife ने अपने बयान में कहा कि, उन्होंने इस मामले में सेबी के साथ पूरा सहयोग किया है और संबंधित व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई की है. PNB MetLife ने कहा, “हम कॉरपोरेट गवर्नेंस, पारदर्शिता और ईमानदारी के उच्चतम मानकों को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं.”
सेबी ने जनवरी 2021 से जुलाई 2024 तक के ट्रेडों की जांच की है. यह जांच यह पता लगाने के लिए थी कि क्या सचिन डागली ने अन्य संस्थाओं के साथ मिलकर PNB MetLife के बड़े क्लाइंट के ट्रेड्स को फ्रंट-रन किया है. इस दौरान सेबी के नियमों और SEBI Act के उल्लंघन की जांच की गई है.
कैसे किया गया फ्रंट-रनिंग?
सचिन डागली (PNB MetLife) और उनके भाई तेजस डागली (Investec) ने बड़ी ट्रेडिंग डील्स की गोपनीय जानकारी हासिल की, यह जानकारी संदीप शंभरकर को साझा की गई, जिन्होंने इन ट्रेड्स को Dhanmata Realty Pvt. (DRPL), Worthy Distributors Pvt. (WDPL) और प्रग्नेश सांघवी के खातों के माध्यम से एक्सीक्यूट किया. इन संस्थाओं के डायरेक्टर, जैसे अर्पण शाह, कबिता साहा और जिग्नेश डाभी, ने इस स्कीम में सहयोग किया.
यहां, गोपनीय जानकारी के आधार पर ट्रेडिंग के फैसले लिए गए. ट्रेडिंग एक खास पैटर्न में की गई, ताकि बड़े क्लाइंट ट्रेड्स से बाजार में होने वाली हलचल का फायदा उठाया जा सके. कुल 6,766 मामलों में ऐसा फ्रंट-रनिंग पैटर्न पाया गया है.
इन 9 संस्थाओं को बाजार में किसी भी प्रकार की ट्रेडिंग (खरीदने, बेचने या किसी अन्य तरीके से) करने से तब तक के लिए रोक दिया गया है, जब तक आगे कोई आदेश न जारी हो. इनसे 21.15 करोड़ रुपये की अवैध कमाई संयुक्त रूप से वसूलने का आदेश दिया गया है.