GDP वृद्धि दर घटकर 6.2 फीसदी पर आई, राजकोषीय घाटा काबू में, मैन्युफैक्चरिंग और माइनिंग में भारी कमी
GDP Data Today: भारत की अर्थव्यवस्था की रफ्तार धीमी होती नजर आ रही है. मौजूदा वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही (FY 25 Q3) में मैन्युफैक्चरिंग और खनन गतिविधियों में भारी कमी आई है, जिसकी वजह से सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर घटकर 6.2 फीसदी पर आ गई है.
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) ने शुक्रवार 28 फरवरी को Economy के अहम आंकड़े जारी किए. इन आंकड़ों के मुताबिक Indian GDP ने मौजूदा वित्त वर्ष (FY 25) की अक्टूबर-दिसंबर (Q3) तिमाही में 6.2 फीसदी की दर से वृद्धि दर्ज की है. पिछले वर्ष की समान तिमाही के आधार पर देखें, तो इसमें भारी कमी आई है. पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में यह दर 9.5 फीसदी रही थी. NSO ने पिछले वित्त वर्ष के लिए जीडीपी ग्रोथ रेट को संशोधित कर 9.2 फीसदी कर दिया है. पहले यह आंकड़ा 8.2 फीसदी था.
GDP Growth Rate लगातार 7 फीसदी से नीचे बनी हुई है. मौजूदा वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही यानी जुलाई-सितंबर तिमाही में भी GDP ग्रोथ रेट 5.6 प्रतिशत रही थी. इस तरह एनएसओ ने राष्ट्रीय खातों के अपने दूसरे अग्रिम अनुमान में चालू वित्त वर्ष के लिए देश की GDP वृद्धि दर 6.5 फीसदी रहने का अनुमान जताया है. इसके पहले जनवरी 2025 में जारी अपने पहले अग्रिम अनुमान में NSO ने मौजूदा वित्त वर्ष के लिए GDP ग्रोथ रेट को 6.4 फीसदी की वृद्धि का अनुमान लगाया था.
मैन्यूफैक्चरिंग और माइनिंग में भारी कमी
सेक्टर आधारित ग्रॉस वैल्यू एडिशन (GVA) पर नजर डालें, तो मैन्यूफैक्चरिंग और माइनिंग गतिविधियों में भारी कमी आई है. सिर्फ कृषि क्षेत्र ऐसा है, जहां GVA में बढ़ोतरी हुई है. मैन्यूफैक्चरिंग GVA पिछले साल के 12.3 फीसदी से इस साल घटकर 4.3 फीसदी रह गया है.
राजकोषीय घाटा काबू में
केंद्र सरकार ने शुक्रवार 28 फरवरी को राजकोषीय घाटे का डाटा भी जारी किया है. इसके मुताबिक जनवरी 2025 के अंत तक राजकोषीय घाटा मौजूदा वित्त वर्ष के वार्षिक लक्ष्य के 74.5 फीसदी तक पहुंच गया है. महालेखा नियंत्रक (सीजीए) की तरफ से जारी इन आंकड़ों के मुताबिक, वास्तविक रूप से राजकोषीय घाटा अप्रैल-जनवरी 2024-25 की अवधि में 11,69,542 करोड़ रुपये रहा है. पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में राजकोषीय घाटा 63.6 फीसदी रहा था. CAG की रिपोर्ट के मुताबिक मौजूदा वित्त वर्ष के लिए राजकोषीय घाटा 15.69 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है.
क्या कहते हैं एक्सपर्ट
मिलवुड केन इंटरनेशनल के संस्थापक और सीईओ निश भट्ट कहते हैं कि GDP डाटा अपेक्षित के मुताबिक है. मौजूदा वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में रियल जीडीपी में 6.2 फीसदी की वृद्धि हुई है, जबकि पिछली तिमाही में यह 5.6 फीसदी रही थी. हालांकि, साल-दर-साल (YoY) आधार पर यह पिछले साल की तुलना में इसमें बड़ी कमी आई है. सालाना आधार पर आई गिरावट का मुख्य कारण विनिर्माण, निर्माण और बिजली क्षेत्र की गतिविधियों में आई कमी है.