गीता गोपीनाथ ने भारत को टैरिफ में कटौती का दिया सुझाव, अमेरिका को लेकर कही ये बात

गोपीनाथ का मानना है कि भारत की अर्थव्यवस्था में अभी भी बहुत सारी संभावनाएं हैं और यह देश दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकता है. उन्होंने कहा कि इंटरनेशनल मोनेटरी फंड (आईएमएफ) ने भारत की ग्रोथ दर को चालू वित्त वर्ष में 6.5 फीसदी रहने का अनुमान लगाया है.

अमेरिका अपने सभी ड्रेनिंग पार्टनर्स के साथ द्विपक्षीय वार्ता करने जा रहा है. Image Credit: tv9

इंटरनेशनल मोनेटरी फंड (आईएमएफ) की डिप्टी मैनेजिंग डायरेक्टर गीता गोपीनाथ ने सुझाव दिया है भारत को अपने टैरिफ कम करने पर विचार करना चाहिए. उनका मानना है कि यह न केवल अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा लगाए गए टैरिफ खतरे का सामना करने के लिए जरूरी है, बल्कि भारत के अपने आर्थिक लाभ के लिए भी फायदेमंद होगा. गोपीनाथ के अनुसार, टैरिफ कम करने से भारत की इकोनॉमी को कई तरह से फायदा हो सकता है.

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, गोपीनाथ ने दावोस में आयोजित वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम (WEF) 2025 के अवसर पर कहा है कि भारत अपने स्वयं के हित के लिए अपने कुछ टैरिफ में कटौती कर सकता है, क्योंकि यह भारत के लिए ग्लोबल सप्लाई चेन में खुद को जोड़ने का एक महत्वपूर्ण ऑपर्च्युनिटी है. उन्होंने कहा कि इंडिया अभी भी बिजनेस के लिए एक अट्रैक्टिव डेस्टिनेशन है, लेकिन उसे टैरिफ मुद्दे को हल करने की जरूरत है.

निवेशकों को होती है परेशानी

गीता गोपीनाथ ने कहा कि अमेरिका अपने सभी ड्रेनिंग पार्टनर्स के साथ द्विपक्षीय वार्ता करने जा रहा है, ताकि वह अनफेयर ट्रेड प्रैक्टिस को एड्रेस कर सके. साथ ही उन्होंने कहा कि भारत का फोकस टैरिफ बैटल के बजाय घरेलू सुधारों पर होना चाहिए, क्योंकि वह मैन्युफैक्चरिंग के लिए एक ग्लोबल सेंटर बनना चाहता है. लेकिन भारत में अभी भी कई ऐसी कमियां हैं, जिससे लोग यहां पर निवेश करने से कतराते हैं. खास कर इंडिया में बिजनेस शुरू करने से पहले निवेशकों को बुनियादी ढांचे की कमी और जमीन खरीदने व बेचने के समय परेशानियों का सामना करना पड़ता है.

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भारत के पास है मौका

गोपीनाथ का मानना है कि भारत की अर्थव्यवस्था में अभी भी बहुत सारी संभावनाएं हैं और यह देश दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकता है. उन्होंने कहा कि इंटरनेशनल मोनेटरी फंड (आईएमएफ) ने भारत की ग्रोथ दर को चालू वित्त वर्ष में 6.5 फीसदी रहने का अनुमान लगाया है.

क्या बोली गीता गोपीनाथ

गीता गोपीनाथ के अनुसार, भारत की ग्रोथ दर चालू वित्त वर्ष में 6.5 फीसदी रहने की उम्मीद है, जो कि एक सुधार का संकेत है. लेकिन यह भी ध्यान देने योग्य है कि भारत की संभावित ग्रोथ दर भी 6.5 फीसदी है. गोपीनाथ ने विकास में मंदी को अस्थायी बताया, जिसका मुख्य कारण पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट के कार्यान्वयन में देरी होना शामिल है.

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