सोना 87963 रुपये पर, चांदी 1 लाख के पार, जानें 5 वजह जिससे बन गया रिकॉर्ड

सोने और चांदी की कीमतों में लगातार उछाल देखा जा रहा है, जहां सोना 88 हजार रुपये प्रति 10 ग्राम के पास पहुंच गया, वहीं चांदी की चमक बढ़ते हुए 1 लाख रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच गई है. ऐसे में आइए जानते हैं, इस तेजी की पांच सबसे बड़ी वजह क्या हो सकती हैं.

सोना और चांदी की कीमतों में उछाल Image Credit: Freepik/Canva

Gold and Silver Price: सोने और चांदी की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी देखने को मिल रही है. घरेलू बाजार MCX पर सोने की कीमत 88,310 रुपये प्रति 10 ग्राम के नए शिखर तक पहुंचा, हालांकि वर्तमान में यह 87,963 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बनी हुई है. जबकि अंतरराष्ट्रीय बाजार में यह 3,004.90 डॉलर प्रति औंस तक चढ़ गया है. इस साल अब तक सोने की कीमतों में करीब 14 प्रतिशत की बढ़ोतरी हो चुकी है.

वहीं, चांदी भी तेजी के साथ रिकॉर्ड बना रही है. MCX पर चांदी की कीमत 1,01,999 रुपए प्रति किलोग्राम तक पहुंच गई और 1,00,761 रुपये पर बंद हुई. ऐसे में आइए जानते हैं कि जिस तरह से सोने और चांदी की कीमतों में उछाल हो रहा है, उसके क्या कारण हो सकते हैं.

सोने-चांदी की कीमतों में उछाल के 5 बड़े कारण ( 5 Big Reasons for the Rise in Gold and Silver Prices)


वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता से सोना बना सेफ-हैवन एसेट

अमेरिका की नई टैरिफ पॉलिसी को लेकर असमंजस बढ़ता जा रहा है. अमेरिका और दूसरे देशों के बीच इंपोर्ट ड्यूटी को लेकर खींचतान चल रही है, जिससे व्यापारिक तनाव बढ़ा है. दरअसल जब भी ग्लोबल इकोनॉमी में अनिश्चितता होती है, निवेशक सुरक्षित निवेश की ओर भागते हैं. इस समय सोना सबसे भरोसेमंद निवेश आप्शन बन रहा है, जिससे इसकी मांग और दाम दोनों बढ़ गए हैं.

अमेरिकी फेडरल रिजर्व ब्याज दरें

महंगाई के हालिया आंकड़े उम्मीद से बेहतर आए हैं, जिससे अमेरिकी फेडरल रिजर्व (US Fed) जून में ब्याज दरों में कटौती कर सकता है. फरवरी महीने का कोर कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (CPI) 0.2 फीसदी रहा, जो मार्केट के 0.3 फीसदी अनुमान से कम था. सालाना आधार पर महंगाई दर घटकर 2.8 फीसदी पर आ गई, जो पिछले साल 3.0 फीसदी थी. ऐसे में ब्याज दरों में कटौती से गोल्ड की मांग और बढ़ जाती है क्योंकि जब ब्याज दरें कम होती हैं, तो फिक्स्ड इनकम वाले निवेश कम आकर्षक लगते हैं और निवेशक गोल्ड जैसी सुरक्षित संपत्तियों की ओर बढ़ते हैं.

डॉलर में कमजोरी से सोने की चमक बढ़ी

डॉलर इंडेक्स में इस साल अब तक 4 फीसदी की गिरावट आई है. डॉलर कमजोर होने पर विदेशी निवेशकों के लिए सोना सस्ता हो जाता है और इसकी मांग बढ़ जाती है. इसी कारण से इस समय गोल्ड प्राइसेज में जबरदस्त तेजी देखने को मिल रही है.

सेंट्रल बैंकों की जबरदस्त गोल्ड खरीदारी

दुनियाभर के केंद्रीय बैंक अपनी गोल्ड रिजर्व बढ़ा रहे हैं. बीते तीन सालों से हर साल 1,000 टन से ज्यादा सोना खरीदा जा रहा है. इस ट्रेंड में और तेजी आई जब रूस-यूक्रेन युद्ध के दौरान पश्चिमी देशों ने रूस पर आर्थिक प्रतिबंध लगाए और उसके सेंट्रल बैंक रिजर्व फ्रीज कर दिए. इससे यह साफ हुआ कि गोल्ड एक बेहद मजबूत रिजर्व एसेट है, जो किसी भी राजनीतिक परिस्थिति में सुरक्षित रहता है. अब चीन, भारत, रूस और कई दूसरे देश गोल्ड रिजर्व बढ़ाने पर जोर दे रहे हैं, जिससे मांग में जबरदस्त बढ़ोतरी हो रही है.

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निवेशकों का शेयर बाजार से सोने की ओर रुख

वैश्विक स्तर पर शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है. खासकर अमेरिकी ट्रेड पॉलिसी को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है. ऐसे में निवेशक जोखिम से बचने के लिए इक्विटी से हटकर गोल्ड में निवेश कर रहे हैं. ऐसे में जब भी इक्विटी बाजार में जोखिम बढ़ता है, निवेशक सेफ-हैवन एसेट जैसे सोना और चांदी की ओर रुख करते हैं.