कॉमर्स मिनिस्ट्री ने सुधारी गिनती की भूल, व्यापार घाटे में 500 करोड़ डॉलर कमी; यहां समझें पूरा मामला

पिछले साल नंवबर में कॉमर्स मिनिस्ट्री ने गोल्ड इम्पोर्ट डाटा की गिनती में छोटी सी चूक की, जिससे व्यापार घाटा रिकॉर्ड हाई लेवल पर पहुंच और रुपये की वैल्यू में भी रिकॉर्ड गिरावट से यह ऑल टाइम लो पर पहुंच गया. अब मंत्रालय ने यह भूल सुधार ली है, जिससे व्यापार घाटे में 500 करोड़ डॉलर की कमी आई है.

सोना खरीद के मामले में भारत दुनिया में दूसरे स्थान पर है Image Credit: OsakaWayne Studios/Moment/Getty Images

केंद्रीय वाणिज्य मंत्रालय की तरफ से गोल्ड इम्पोर्ट डाटा की गिनती में हुई चूक रुपये की वैल्यू के लिए भारी पड़ी. इसकी वजह से डॉलर के मुकाबले रुपये की वैल्यू ऑल टाइम लो पर पहुंच गई. इसके साथ ही व्यापार घाटा भी रिकॉर्ड हाई लेवल पर पहुंच गया. अब जब मंत्रालय ने गणना की इस गलती को सुधारा है, तो व्यापार घाटे में 500 करोड़ डॉलर की कमी आई है. बहरहाल, इस दौरान रुपये की वैल्यू में आई कमी से एक्सपोर्ट-इम्पोर्ट और शेयर बाजार में हुई उठापटक से जो नफ-नुकसान हुआ, उसकी रिकवरी शायद संभव नहीं है.

मंत्रालय ने सुधारी अपनी चूक

मंत्रालय ने अपनी इस चूक को पहले ही स्वीकार कर लिया था. बुधवार 8 जनवरी को मंत्रालय ने बताया कि जब गणना की इस चूक को सुधारा गया, तो गोल्ड इम्पोर्ट डाटा में बड़ा बदलाव हुआ है. यह अब 34% कम होकर 9.84 अरब डॉलर रह गया है. नवंबर में जब आयात-निर्यात और व्यापार घाटे का डाटा जारी किया गया था, तो बताया गया था कि व्यापार घाटा ऑल टाइम हाई पर 37.8 अरब डॉलर पहुंच गया है. वहीं गोल्ड इम्पोर्ट भी 14.86 अरब डॉलर हो गया है. कॉमर्स मिनिस्ट्री के कॉमर्सियल इंटेलिजेंस एंड स्टैटिस्टिक्स महानिदेशालय ने 8 जनवरी को जारी अपनी एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी है.

क्या गलती हुई

रिपोर्ट के मुताबिक मूल्य के संदर्भ में गोल्ड इम्पोर्ट के इनकमिंग शिपमेंट के संशोधित आंकड़े 16 दिसंबर, 2024 को जारी किए गए आंकड़ों से करीब 34 फीसदी कम मिले. असल में यह गणना में हुई गलती की वजह से हुआ था. माना जा रहा है कि यह चूक असल में अधिकारियों की तरफ से गोल्ड इम्पोर्ट की गणना के मैथड में किए बदलाव की वजह से हुई. अधिकारियों ने गोल्ड शिपमेंट की दो बार गणना कर ली थी. वहीं, इस संबंध में प्रकाशित एक मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया था कि अधिकारियों ने शायद मुक्त व्यापार क्षेत्र के गोदामों में रखे गए गोल्ड को घरेलू बैंकों की तरफ से दिए गए आंकड़ों के साथ जोड़ दिया गया. जुलाई 2024 में केंद्रीय बजट के दौरान घोषित शुल्क कटौती के बाद सोने के आयात में वृद्धि हुई है, लेकिन नवंबर में आए तीव्र उछाल ने विश्लेषकों को हैरान कर दिया था.

मंत्रालय को हो गया था गलती का एहसास

दिसंबर में तमाम मीडिया रिपोर्ट में जब यह मुद्दा उछला तो कई मीडिया आउटलेट्स ने कॉमर्स मिनिस्ट्री के अधिकारियों के हवाले से यह रिपोर्ट भी दी थी कि गोल्ड इम्पोर्ट के डाटा का फिर से मिलान किया जाएगा. हालांकि, इसके लिए कोई स्पष्ट समय सीमा नहीं बताई गई थी. नवंबर में भारत का व्यापार घाटा अभूतपूर्व रूप से बढ़कर 37.8 अरब डॉलर हो गया था, क्योंकि इस दौरान गोल्ड इम्पोर्ट में चार गुना वृद्धि देखी गई थी, जो एक साल पहले 3.44 अरब डॉलर की तुलना में रिकॉर्ड 14.8 अरब डॉलर डॉलर पर पहुंच गया था.