3.5 लाख रुपये प्रति औंस पहुंच जाएगा सोना, एक्सपर्ट ने दिया टारगेट; 2025 में अब तक 18 हजार की तेजी
2025 की शुरुआत से अब तक सोने की कीमतों में 18 हजार रुपये की तेजी देखी गई है और 12 अप्रैल को यह 95,500 रुपये प्रति 10 ग्राम तक पहुंच गई. एक्सपर्ट्स के मुताबिक, अगर अमेरिकी फेडरल रिजर्व ब्याज दरों में कटौती करता है, तो सोना 1 लाख रुपये के पार जा सकता है. वहीं, कुछ एक्सपर्ट इसे 3.5 लाख रुपये तक जाते देख रहे हैं.
Gold Price Forecast: सोने की कीमतों ने एक बार फिर बाजार में हलचल मचा दी है. 12 अप्रैल को देश में 10 ग्राम सोने का भाव 95,500 रुपये के पार पहुंच गया, जो अब 1 लाख रुपये के आंकड़े से मात्र 4,500 रुपये दूर है. साल 2025 की शुरुआत से अब तक सोने की कीमतों में 18,000 रुपये तक की तेजी आ चुकी है, जबकि बीते एक वर्ष में इसमें लगभग 25 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई है. विशेषज्ञों का मानना है कि अगर अमेरिकी फेडरल रिजर्व ब्याज दरों में कटौती करता है, तो सोना 1 लाख रुपये का स्तर पार कर सकता है.
अमेरिका का एक फैसला बन सकता है ट्रिगर
कामा ज्वेलरी के एमडी कोलिन शाह का कहना है कि यदि अमेरिकी फेडरल रिजर्व वर्ष 2025 में दो बार ब्याज दरों में कटौती करता है, तो सोने की कीमतें 1 लाख रुपये से ऊपर जा सकती हैं. उनका कहना है कि आर्थिक अनिश्चितता के दौर में निवेशक सोने को एक सेफ हेवन मानते हैं, जिससे इसकी मांग लगातार बढ़ रही है.
3.5 लाख रुपये तक पहुंच सकता है सोना
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज में कमोडिटी हेड किशोर नारने ने इससे भी बड़ा अनुमान जताया है. उनके अनुसार, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सोने के दाम 4,000–4,500 डॉलर प्रति औंस तक जा सकते हैं. भारतीय करेंसी में यह कीमत लगभग 3.87 लाख रुपये प्रति औंस हो सकती है. फिलहाल अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोना 3,200 डॉलर प्रति औंस के करीब है, जो भारतीय करेंसी में लगभग 2.75 लाख रुपये के बराबर है. यदि यह अनुमान सटीक बैठता है, तो घरेलू बाजार में सोने की कीमतों में और भी उछाल संभव है.
गिरावट की भी जताई गई है आशंका
हालांकि, सभी विशेषज्ञ इतने आशावादी नहीं हैं. अमेरिकी फाइनेंशियल सर्विसेज फर्म मॉर्निंग स्टार के विश्लेषक जॉन मिल्स का मानना है कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सोने की कीमतें 1,820 डॉलर प्रति औंस तक गिर सकती हैं. यह मौजूदा स्तर से 38–40 प्रतिशत तक की गिरावट होगी. यदि ऐसा होता है तो भारत में सोने का भाव 50,000–55,000 रुपये तक आ सकता है.
टैरिफ वॉर से बाजार में हलचल
अमेरिका और चीन के बीच टैरिफ वॉर लगातार तेज होता जा रहा है. 2 अप्रैल से लेकर 11 अप्रैल तक दोनों देशों ने एक-दूसरे पर कई बार टैरिफ लगाए, जिससे वैश्विक बाजार में अस्थिरता और निवेशकों की चिंता बढ़ी है. अमेरिका ने जहां चीन पर 145 प्रतिशत तक का टैरिफ लगाया, वहीं चीन ने जवाबी कार्रवाई में 125 प्रतिशत तक टैरिफ बढ़ा दिया.
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चीनी निवेशकों का बढ़ता भरोसा
ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के मुताबिक, चीनी निवेशकों ने हाल के दिनों में गोल्ड ईटीएफ में रिकॉर्ड निवेश किया है. बीते एक सप्ताह में उन्होंने लगभग 1 अरब डॉलर यानी 8,500 करोड़ रुपये का निवेश किया है. यह गोल्ड ईटीएफ के इतिहास का सबसे बड़ा साप्ताहिक निवेश बताया जा रहा है.
चांदी भी पकड़ रही है रफ्तार
सोने के साथ-साथ चांदी की कीमतों में भी तेजी देखी जा रही है. 12 अप्रैल को चांदी का भाव 97,100 रुपये तक पहुंच गया, जो 11 अप्रैल के मुकाबले 100 रुपये अधिक है. विशेषज्ञों का कहना है कि वर्ष 2025 में चांदी की कीमतें भी दोगुनी हो सकती हैं.