अब सोने की गिरावट नहीं बढ़ने पर रखिए नजर, 90000 का छुएगा आंकड़ा, इस दिग्गज ने बोला ‘खरीद लो’
Gold Prices: सोने की कीमतें कितनी चढ़ेंगी इसे लेकर बड़ी ग्लोबल इंवेस्टमेंट फर्म Glodman Sachs ने भविष्यवाणी की है, यही नहीं इसने सोने में निवेश की भी सलाह दी है.
Goldman Sachs ने 2025 में सोने की कीमतों में बड़ी बढ़ोतरी की भविष्यवाणी की है. ग्लोबल इंवेस्टमेंट बैंक और फाइनेंशियल सर्विसेस कंपनी गोल्डमैन सैक्स का कहना है कि केंद्रीय बैंकों की सोने में खरीदारी और अमेरिका में ब्याज दरों में कटौती के चलते सोने की मांग बढ़ेगी. गोल्डमैन सैक्स ने निवेशकों को सोने में खरीदारी को लेकर सलाह भी दी है. चलिए सब कुछ जानते हैं.
गोल्डमैन सैक्स ने निवेशकों को सुझाव दिया है कि वे “सोने में निवेश करें,” और दिसंबर 2025 तक इसकी कीमत 3,000 डॉलर प्रति औंस तक पहुंचने की संभावना जताई है. इस हिसाब से 10 ग्राम सोने की कीमत भारतीय करेंसी में 90,360 रुपये होगी. इंटरनेशनल मार्केट में फिलहाल अभी स्पॉट गोल्ड की कीमत 2,584 डॉलर प्रति औंस के आसपास कारोबार कर रही है जबकि पिछले महीने यह 2,790 डॉलर के ऊपर पहुंच गई थी.
केंद्रीय बैंक क्यों खरीद रहे सोना?
कई केंद्रीय बैंक सोने को एक सुरक्षित विकल्प मान रहे हैं. केंद्रीय बैंकों का सोने में खरीदारी का ट्रेंड 2022 से जारी है. दुनिया में बढ़ती अनिश्चितता के कारण केंद्रीय बैंक खरीदारी कर रहे हैं.
ब्याज दरों में कटौती का असर
अगर फेडरल रिजर्व आगे और ब्याज दरों में कटौती करता है तो सोने की मांग और भी बढ़ेगी , असल में जब ब्याज दरें कम होती हैं, तो निवेशक सुरक्षित विकल्प के रूप में सोने को ज्यादा पसंद करते हैं.
विश्लेषकों ने यह भी कहा है कि अगर वेस्ट एशिया में ईरान, इजरायल और बाकी देशों के बीच संघर्ष बढ़ता है तो सोने की कीमते और बढ़ेंगी. इसके अलावा, डोनाल्ड ट्रंप की वापसी भी सोने की कीमतों को और ऊपर ले जा सकती है.
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तेल, गैस और मेटल्स को लेकर अनुमान
गोल्डमैन सैक्स ने सोने के अलावा तेल, गैस और मेटल्स को लेकर भी अनुमान जारी किए हैं:
- ब्रेंट क्रूड: 2025 में 70-85 डॉलर प्रति बैरल के बीच रहने की संभावना है, लेकिन अमेरिका-ईरान तनाव के चलते इसमें और बढ़ोतरी हो सकती है.
- बेस मेटल्स: इनकी डिमांड और सप्लाई में कमी के कारण लोहे की धातुओं यानी ferrous metals के मुकाबले बेहतर प्रदर्शन करने की उम्मीद है.
- यूरोपियन गैस: मौसम से जुड़ी वजहों के कारण इसमें शॉर्ट टर्म के लिए रिस्क बना रहेगा.