अमेरिकी चुनाव परिणामों के बीच सोने की कीमतों में गिरावट, चांदी रही जस के तस

अमेरिकी चुनाव के नतीजों का असर सोने की कीमतों पर पड़ा है. एक तरफ सोने की कीमतों में गिरावट आई है, जबकि चांदी की कीमतों में कोई बदलाव नहीं देखा गया है. ट्रंप की जीत से डॉलर में तेजी आई है, जिसका प्रभाव सोने-चांदी की कीमतों पर पड़ा है.

भारत विदेशों से क्यों वापस ला रहा है सोना. (सांकेतिक फोटो) Image Credit: GettyImages

भारतीय बाजार में सोने की कीमतों में गिरावट आई है, जबकि चांदी की कीमतों में कोई बदलाव नहीं हुआ है. अखिल भारतीय सर्राफा संघ के अनुसार, वैश्विक रुझानों के बाद बुधवार को दिल्ली में सोने की कीमत 150 रुपये गिरकर 81,750 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गई. संघ ने बताया कि आभूषण और खुदरा विक्रेताओं की कमजोर मांग से भी कीमतों पर असर पड़ा. हालांकि, चांदी की कीमत में कोई बदलाव नहीं हुआ और यह 96,700 रुपये प्रति किलोग्राम पर स्थिर रही.

99.5 प्रतिशत शुद्धता वाले सोने की कीमत 150 रुपये गिरकर 80,750 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गई, जबकि मंगलवार को इसका भाव 80,900 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था. अमेरिकी चुनाव के नतीजों से डॉलर इंडेक्स में मजबूती आने के कारण सोने की कीमतों में भारी उतार-चढ़ाव देखने को मिला, जो 78,500 रुपये से 77,500 रुपये के बीच तेजी से घटता-बढ़ता रहा.

वैश्विक बाजार में कॉमेक्स गोल्ड फ्यूचर 0.57 प्रतिशत या 15.60 डॉलर प्रति औंस की गिरावट के साथ 2,734.10 डॉलर प्रति औंस पर कारोबार कर रहा था. बुधवार को यूरोपीय सत्र में डॉलर इंडेक्स में बढ़ोतरी के बाद सोने की कीमतों में भारी बिकवाली का दबाव देखा जा रहा है.

विशेषज्ञों की राय

एचडीएफसी सिक्योरिटीज में कमोडिटीज के वरिष्ठ विश्लेषक सौमिल गांधी ने कहा, “डोनाल्ड ट्रंप अमेरिकी राष्ट्रपति पद की दौड़ में विजयी हुए हैं और 47वें राष्ट्रपति बनने के लिए तैयार हैं.” अमेरिकी डॉलर में बढ़त का कारण यह है कि बाजार का मानना है कि डोनाल्ड ट्रंप के आर्थिक एजेंडे और टैरिफ अमेरिकी करेंसी को मजबूत करेंगे. हालांकि, यह नजरिया कीमती धातुओं के लिए नकारात्मक है, क्योंकि इनका कारोबार आमतौर पर यूएस डॉलर में होता है.

एशियाई बाजार में कॉमेक्स सिल्वर फ्यूचर 1.10 प्रतिशत गिरकर 32.42 डॉलर प्रति औंस पर आ गया है. जेएम फाइनेंशियल सर्विसेज के ईबीजी – कमोडिटी एंड करेंसी रिसर्च के उपाध्यक्ष प्रणव मेर ने कहा, “सोना और अधिकांश अन्य कमोडिटीज नकारात्मक कारोबार कर रही हैं, मजबूत अमेरिकी डॉलर के कारण दबाव में हैं, क्योंकि डोनाल्ड ट्रंप बड़े अंतर से अमेरिकी राष्ट्रपति पद की दौड़ में आगे चल रहे हैं.”