टूटकर बिखर गया सोने का भाव, जानें- कितने रुपये सस्ता हुआ गोल्ड
Gold Price Today: इस सप्ताह के शुरुआती तीनों दिन सोने का भाव टूटा है. आज सोने की कीमतों में बड़ी गिरावट आई है. गोल्ड 91 हजार रुपये प्रति 10 ग्राम के भाव से नीचे आ गया है. चांदी की कीमत 500 रुपये बढ़कर 93,200 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई.
Gold Price Today: सोने की कीमतों में बुधवार को भी गिरावट आई. टैरिफ वॉर के बीच अप्रैल के महीने में गोल्ड की कीमतों में लगातार गिरावट देखने को मिल रही है. इस सप्ताह के शुरुआती तीनों दिन सोने का भाव टूटा है. ऑल इंडिया सर्राफा एसोसिएशन के अनुसार, स्टॉकिस्टों और खुदरा विक्रेताओं की कमजोर उठान के चलते बुधवार को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में सोने की कीमत 1,050 रुपये गिरकर 90,200 रुपये प्रति 10 ग्राम रह गई.
बीते दिन ऐसा रहा था भाव
पिछले बाजार बंद के समय 99.9 फीसदी प्योरिटी वाले गोल्ड की कीमत 91,250 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुई थी. 99.5 फीसदी प्योरिटी वाला सोना 1,050 रुपये टूटकर 89,750 रुपये प्रति 10 ग्राम रह गया, जबकि मंगलवार को यह 90,800 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था.
इस बीच, विदेशी बाजारों में स्पॉट गोल्ड 61.98 डॉलर या 2.08 फीसदी बढ़कर 3,044.14 डॉलर प्रति औंस हो गया.
हालांकि, चांदी की कीमत 500 रुपये बढ़कर 93,200 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई. मंगलवार को सफेद धातु 92,700 रुपये प्रति किलोग्राम पर बंद हुई थी.
फिर से बढ़ रही है डिमांड
एचडीएफसी सिक्योरिटीज में सीनियर एनालिस्ट सौमिल गांधी ने कहा कि पूरी तरह से ग्लोबल ट्रेड वॉर की आशंकाओं के कारण विश्व अर्थव्यवस्था मंदी में चली गई, जिससे सुरक्षित एसेट की डिमांड फिर से बढ़ गई है. इससे सोना 3,030 डॉलर के स्तर पर पहुंच गया.
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन पर अतिरिक्त शुल्क लगाया है, जिस पर अब 104 फीसदी शुल्क हो गया है. चीन ने भी इस मामले में कदम उठाते हुए अमेरिका पर शुल्क 34 से बढ़ाकर 84 फीसदी कर दिया है. चीन द्वारा किए गए जवाबी उपाय 10 अप्रैल से प्रभावी होंगे. यह नई घटनाएं अमेरिका के साथ व्यापार युद्ध को लेकर चिंताएं बढ़ा रही हैं. गांधी ने कहा कि इसके अलावा ट्रंप की शुल्क नीति ने अमेरिकी डॉलर पर दबाव डालना जारी रखा, जो लगातार दूसरे दिन गिरा, जिससे सोने की कीमतों को और फायदा हुआ.
आंकड़ों पर निवेशकों की नजर
अबन्स फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (CEO) चिंतन मेहता के अनुसार, निवेशक ट्रंप की डेवलप हो रही शुल्क रणनीति और इसके व्यापक आर्थिक प्रभावों पर नजर रखेंगे. मेहता ने कहा कि बाजार प्रतिभागी अमेरिकी फेडरल रिजर्व की फेडरल ओपन मार्केट कमेटी (FOMC) की बैठक के ब्योरे और आगामी अमेरिकी मुद्रास्फीति के आंकड़ों पर भी बारीकी से नजर रखेंगे. केंद्रीय बैंक बढ़ते व्यापार जोखिमों पर किस तरह की प्रतिक्रिया देता है, इसपर सभी की नजरें रहेंगी.
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